रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (आरजीआई) ने देशभर में मातृ मृत्यु दर के आंकड़े पेश किए हैं। इसके मुताबिक, राजस्थान में प्रति 1 लाख जन्मों पर 102 महिलाएं मर रही हैं। पिछले आंकड़ों से तुलना करें तो इसमें सुधार हुआ है, लेकिन ये आंकड़े अभी संतोषजनक नहीं हैं। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) 70 से कम होनी चाहिए। मतलब कि प्रति 1 लाख जन्मों पर 70 से कम माताओं की मौत होनी चाहिए। रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (आरजीआई) की ओर से जारी सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) रिपोर्ट 2021 के मुताबिक भारत में 8 राज्य ऐसे हैं, जिनकी मातृ मृत्यु दर 70 से कम है।
क्या कहते हैं एमएमआर के आंकड़े?
राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) में कमी आई है। लेकिन एमपी के आंकड़े उत्साहजनक नहीं हैं। राजस्थान में जहां 2018 से 2020 के बीच मातृ मृत्यु दर प्रति 1 लाख जन्म पर 113 थी, वहीं 2019 से 2021 के बीच घटकर 102 रह गई। वहीं, छत्तीसगढ़ में 2018-20 में यह 137 थी, जो 2019-21 में घटकर 132 रह गई। मध्य प्रदेश में 2018-20 के दौरान मातृ मृत्यु दर 173 थी, जो 2019-21 में 175 हो गई, यानी लगभग स्थिर रही। मातृ मृत्यु दर 70 से कम होनी चाहिए सरकारी सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) के अनुसार राजस्थान और छत्तीसगढ़ में गिरावट यह दर्शाती है कि माताओं के स्वास्थ्य के क्षेत्र में कुछ सुधार हुआ है। हालांकि, यह संख्या अभी भी राष्ट्रीय औसत 93 से अधिक है, जो दर्शाती है कि इस दिशा में और काम किए जाने की जरूरत है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि एमएमआर 70 से नीचे होनी चाहिए।
राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ ईएजी में
ये तीनों राज्य उस व्यवस्था का हिस्सा हैं, जिन्हें 'एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप' (ईएजी) में रखा गया है, जहां मातृ मृत्यु दर अधिक है। राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता और प्रसव के दौरान बेहतर देखभाल के जरिए मातृ मृत्यु दर को और कम किया जा सकता है। रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (आरजीआई) की 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, देश में प्रमुख मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संकेतकों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। यह 2014-16 में प्रति लाख जन्म पर 130 से घटकर 37 अंक रह गया है।
70 से कम मातृ मृत्यु दर वाले राज्य
केरल – 20
महाराष्ट्र – 38
तेलंगाना – 45
आंध्र प्रदेश – 46
तमिलनाडु – 49
झारखंड – 51
गुजरात – 53
कर्नाटक – 63
राजस्थान में धीरे-धीरे सुधार
फिलहाल राजस्थान में मातृ मृत्यु दर में सुधार हुआ है। 2014-16 में यह 199 थी, जो 2017-19 में घटकर 141 रह गई। इसका मतलब है कि राज्य में 2014 से 2019 तक एमएमआर में 58 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है। यह सुधार राज्य सरकार की जननी शिशु सुरक्षा योजना, राजश्री योजना और उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था की पहचान करने के कार्यक्रमों जैसी स्वास्थ्य योजनाओं का परिणाम है।
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