बेटी की दोस्ती से नाराज पिता ने अपने भाइयों और दोस्तों के साथ मिलकर नाबालिग की हत्या कर दी। सात साल पुराने इस मामले में शुक्रवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया।कोटा के अपर सत्र न्यायाधीश (महिला उत्पीड़न प्रकरण-1) की कोर्ट ने चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और प्रत्येक पर 13,500 रुपए का जुर्माना लगाया है।निजाम उर्फ निजामुद्दीन (43), उसके भाई सिराज (35) ने मामले में दोषी पाए गए अपने दो साथियों लोकेंद्र सिंह (26) और आदिल (24) के साथ मिलकर शाकिब (16) का अपहरण किया था।आरोपियों ने नाबालिग को लोहे के पाइप से इतनी बुरी तरह पीटा था कि इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। निजाम अपनी बेटी की पीड़िता से दोस्ती से नाखुश था और उसने पहले भी नाबालिग को जान से मारने की धमकी दी थी।
पिता ने कोचिंग के सहपाठियों की दोस्ती पर आपत्ति जताई
शिकायतकर्ता के वकील नीलकमल यादव ने बताया कि शाकिब और आरोपी निजाम की बेटी एक ही कोचिंग में पढ़ते थे। दोनों एक-दूसरे को अच्छी तरह जानते थे। इससे नाराज निजाम ने अपने भाई सिराज और दो दोस्तों लोकेंद्र, आदिल के साथ मिलकर शाकिब का अपहरण कर लिया।
धमकी देने के बाद किया था अपराध
1 जुलाई 2018 को निजाम और सिराज शाकिब को डीसीएम चौराहे से बाइक पर ले गए थे। गोविंद नगर सामुदायिक भवन के पास चारों ने नाबालिग की लोहे के पाइप से बेरहमी से पिटाई की। पहले से ही धमकी दे रहे आरोपियों ने अपनी धमकी को अंजाम दिया। एक सप्ताह के इलाज के बाद शाकिब की मौत हो गई।
सात साल बाद न्याय
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अक्टूबर 2018 में चालान पेश किया। कोर्ट में 32 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। अपर सत्र न्यायाधीश (महिला उत्पीड़न प्रकरण-1) की कोर्ट ने सभी साक्ष्यों के आधार पर चारों आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
You may also like
New Jolt To Arvind Kejriwal: अरविंद केजरीवाल को नया झटका, एमसीडी के 13 पार्षदों ने साथ छोड़कर नई पार्टी बनाने का किया एलान
स्पेशल : रोमांच के हैं शौकीन, तो देश में पहली बार यूपी के जंगलों में शुरू हो चुकी है विस्टाडोम ट्रेन सेवा
एफटीआईआई में एडमिशन के लिए घर से भागे थे विजय वर्मा
उत्तर प्रदेश के प्रत्येक मंडल में स्थापित हों आयुष महाविद्यालय : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
भारत में क्लीन एनर्जी स्टार्टअप्स को बूस्ट करने के लिए डीपीआईआईटी और जीईएपीपी ने की साझेदारी