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नेपाल का 'जेन ज़ी' आंदोलन क्या है? हिंसक प्रदर्शनों में कम से कम 13 लोगों की मौत

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image BBC नेपाल में संसद भवन के बाहर प्रदर्शनकारियों पर पुलिस वॉटर कैनन का इस्तेमाल कर रही है

नेपाल की राजधानी काठमांडू में सोशल मीडिया पर बैन के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे युवाओं और पुलिस के बीच झड़पों में कम से कम 13 लोगों की मौत की ख़बर है.

अधिकतर घायलों को न्यू बनेश्वर स्थित सिविल सर्वेंट्स अस्पताल ले जाया गया है.

काठमांडू से स्थानीय पत्रकार नरेश ज्ञवाली ने फ़ोन पर बीबीसी हिंदी के संवाददाता दिलनवाज़ पाशा को बताया, "कम से कम डेढ़ सौ घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में ले जाया गया है."

उन्होंने आगे कहा, "कई जगहों पर कर्फ़्यू लगा है, सेना भी सड़क पर है, भारी झड़पें हुई हैं. इसके बावजूद प्रदर्शनकारी पीछे नहीं हटे हैं और मौत की रिपोर्ट्स आने के बाद भी प्रदर्शन जारी हैं."

प्रशासन ने कई जगहों पर कर्फ़्यू लगाया है. ख़ुद को जेन ज़ी यानी नई पीढ़ी बताने वाले प्रदर्शनकारी सिस्टम में व्याप्त कथित भ्रष्टाचार का मुद्दा भी उठा रहे हैं.

इस बीच नेपाल के सूचना मंत्री ने ऐसे संकेत दिए हैं कि सोशल मीडिया बैन के फ़ैसले पर पुनर्विचार किया जा सकता है.

image BBC प्रदर्शनकारियों ने एक सरकारी इमारत के हिस्से में आग लगा दी युवाओं का प्रदर्शन, सड़क पर सेना

सोमवार सुबह हज़ारों प्रदर्शनकारी काठमांडू के सिंह दरबार में इकट्ठा हुए और फिर न्यू बनेश्वर स्थित संसद भवन की ओर बढ़े.

बीबीसी संवाददाता केशव कोइराला के अनुसार, कुछ प्रदर्शनकारी बैरिकेड पार कर संसद भवन परिसर में घुसने की कोशिश कर रहे थे. इसी दौरान झड़पें हुईं और पुलिस ने बल प्रयोग किया.

राष्ट्रपति भवन, शीतल निवास, नारायण दरबार संग्रहालय, प्रधानमंत्री आवास और संसद भवन के आसपास रात दस बजे तक कर्फ़्यू रहेगा. प्रवक्ता के अनुसार, प्रदर्शनकारी अराजक हो गए हैं और निषेधाज्ञा तोड़ रहे हैं.

कर्फ़्यू बढ़ाने की घोषणा के तुरंत बाद नेपाल सेना की टुकड़ी सड़कों पर तैनात कर दी गई. नेपाल सेना के प्रवक्ता सहायक जनरल राजाराम बसनेत ने कहा, "लिखित आदेश मिलने के बाद एक छोटा सैन्य दल शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए भेजा गया है."

अधिकारियों का कहना है कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन में घुसने की कोशिश की. इस दौरान हिंसा की रिपोर्ट्स हैं और कई घायलों को अस्पताल ले जाया गया.

नेपाल से आ रही तस्वीरों और वीडियो में हज़ारों प्रदर्शनकारी नज़र आ रहे हैं. प्रदर्शन में शामिल एक छात्रा के हाथ में बैनर था, जिस पर लिखा था, "भूकंप की ज़रूरत नहीं है, नेपाल रोज़ भ्रष्टाचार से हिलता है."

युवा भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी भी कर रहे थे. कुछ महीने पहले नेपाल में राजशाही बहाल करने के लिए भी आंदोलन हुआ था. उस दौरान भी प्रदर्शनकारियों ने सिस्टम में व्याप्त कथित भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया था.

सोशल मीडिया पर बैन

नेपाल सरकार ने बीते सप्ताह 26 प्लेटफ़ॉर्म पर प्रतिबंध लगा दिया था. इनमें फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप जैसे चर्चित सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म शामिल हैं.

सरकार का कहना है कि सोशल मीडिया कंपनियों को देश के क़ानूनों का पालन करने, स्थानीय दफ़्तर खोलने और ग्रीवांस अधिकारी नियुक्त करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया था.

चीन की सोशल मीडिया कंपनी टिकटॉक ने समय रहते इन शर्तों का पालन कर लिया, इसलिए टिकटॉक पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया.

नेपाल में बड़ी संख्या में लोग विदेशों में रहते हैं. मैसेजिंग ऐप और सोशल मीडिया पर बैन के बाद विदेशों में रह रहे नेपाली नागरिकों को परिवार से संपर्क करने में दिक़्क़तें आ रही हैं.

image BBC कुछ इस तरह प्रदर्शनकारी सोशल मीडिया पर बैन के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं बैन के बाद प्रदर्शन का आह्वान

सोशल मीडिया वेबसाइटों पर प्रतिबंध के बाद युवाओं ने प्रदर्शन का आह्वान किया.

नेपाल में इस समय टिकटॉक चल रहा है. आयोजकों ने टिकटॉक पर कई वीडियो शेयर कर युवाओं से प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की.

टिकटॉक पर 'नेपो बेबी' ट्रेंड भी चलाया गया, जिसमें नेताओं के बच्चों के ऐशो-आराम भरे जीवन की तस्वीरें और वीडियो पोस्ट किए गए. इसमें सवाल उठाया गया कि राजनेता अपने बच्चों को तो फ़ायदा पहुंचा रहे हैं लेकिन देश के लिए काम नहीं कर रहे.

कई वीडियो में नेपाल के दूर-दराज़ इलाक़ों में रहने वाले लोगों के कठिन जीवन और नेताओं के आरामदायक जीवन की तुलना भी की गई.

बीते गुरुवार नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर प्रतिबंध लागू किया था. इसके बाद से युवा इसके ख़िलाफ़ अभियान चला रहे हैं.

देश भर में पुलिस की निगरानी image BBC / Bijay Gajmer नेपाल का झंडा थामे, हाथ में तख़्तियों को पकड़े सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी काठमांडू में प्रदर्शन कर रहे हैं

नेपाल पुलिस सिर्फ़ काठमांडू ही नहीं बल्कि देश के कई हिस्सों में निगरानी कर रही है.

पुलिस प्रवक्ता बिनोद घिमिरे के अनुसार, सोमवार सुबह से काठमांडू और कई प्रमुख शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं.

घिमिरे ने बीबीसी न्यूज़ नेपाली से कहा, "सिर्फ़ काठमांडू ही नहीं, कई और शहरों में भी प्रदर्शन हो रहे हैं. पुलिस बल इनकी निगरानी कर रहा है. शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर पहलू का ध्यान रखते हुए योजना बनाई गई है और बल तैनात किए गए हैं."

फ़ैसले पर पुनर्विचार हो सकता है? image Sunil Pradhan/Anadolu via Getty Images नेपाल में इस प्रदर्शन को जेन ज़ी आंदोलन कहा जा रहा है

नेपाल सरकार में सूचना मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरूंग ने कहा है कि सोशल मीडिया प्रतिबंध के फ़ैसले पर पुनर्विचार करने को लेकर चर्चा चल रही है.

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सोमवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई है. सूचना और प्रसारण मंत्री गुरूंग ने बीबीसी न्यूज़ नेपाली से कहा कि इस बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा होगी.

उन्होंने कहा, "जनता की जान से बड़ा सरकार का कोई फ़ैसला नहीं हो सकता. हमारे लिए जनता की जान सबसे अहम है. अगर ज़रूरत पड़ी तो सरकार के नीतिगत फ़ैसलों पर भी पुनर्विचार किया जा सकता है. अड़े रहने का कोई मतलब नहीं है."

मंत्री गुरूंग ने यह भी कहा कि उन्होंने सोशल मीडिया से प्रतिबंध हटाने का प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ाया है, लेकिन इस पर बातचीत चल रही है.

उन्होंने कहा है, "बातचीत हो रही है. मंत्रिपरिषद कोई न कोई निर्णय ज़रूर करेगी."

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