
पिछले सप्ताह चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने एक दस्तावेज़ जारी किया. इसका शीर्षक था- '2025 का घोषणा नंबर 62'.
लेकिन यह महज़ अपने अधिकारियों के लिए एक संदेश नहीं था. इसने अमेरिका के साथ टैरिफ़ को लेकर चीन के नाज़ुक रिश्ते को हिलाकर रख दिया.
इस घोषणा में रेयर अर्थ मिनरल्स निर्यात पर नए व्यापक नियंत्रण की विस्तृत जानकारी दी गई है. ये ऐसा क़दम है जो महत्वपूर्ण मिनरल्स की वैश्विक आपूर्ति पर चीन की पकड़ को और मज़बूत करेगा और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को याद दिलाएगा कि ट्रेड वॉर में चीन को कितनी बढ़त हासिल है.
स्मार्टफ़ोन से लेकर फ़ाइटर जेट तक के उत्पादन के लिए अहम रेयर अर्थ मिनरल्स की प्रोसेसिंग में चीन के पास लगभग एकाधिकार है.
बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

रेयर अर्थ मिनरल्स दरअसल 17 मिनरल्स का एक ग्रुप है जिनकी रासायनिक प्रकृति एक जैसी है और हाईटेक उत्पादों को बनाने में इनकी काफी अहमियत होती है.
ये मिनरल्स प्रकृति में तो बहुतायत हैं लेकिन इन्हें रेयर यानी दुर्लभ इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये आमतौर पर शुद्ध रूप में नहीं पाए जाते और इनको निकालना बेहद जटिल और ख़तरनाक प्रक्रिया होती है.
नए नियमों के तहत, विदेशी कंपनियों को अब चीनी सरकार से उन उत्पादों के निर्यात की मंज़ूरी लेनी होगी जिनमें थोड़ी-सी भी रेयर अर्थ की मात्रा होगी और उन्हें उस उत्पाद के इस्तेमाल को लेकर भी घोषणा करनी होगी.
इसके जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी वस्तुओं पर अतिरिक्त 100 प्रतिशत टैरिफ़ लगाने और कुछ प्रमुख सॉफ़्टवेयर पर निर्यात नियंत्रण लगाने की भी धमकी दी है.
अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा है, "यह चीन बनाम बाकी दुनिया का मामला है. उन्होंने समूचे फ़्री वर्ल्ड की आपूर्ति श्रृंखला और औद्योगिक बुनियाद पर बज़ूका (एक प्रकार का रॉकेट लांचर) तान दिया है और हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे."
गुरुवार को चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसका जवाब दिया और कहा कि बीते सितंबर में मैड्रिड में चीन और अमेरिका के बीच अर्थव्यवस्था और व्यापार को लेकर हुई वार्ताओं के कुछ समय बाद ही "अमेरिका की ओर से महज़ 20 दिन के भीतर चीन पर दबाव बनाने के लिए 20 उपाय किए गए, वह भी तब जब चीन की ओर से बार-बार बातचीत की गई."
इसके अलावा, इसी हफ़्ते दुनिया की दोनों सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने एक-दूसरे के जहाजों पर नए बंदरगाह शुल्क लगा दिए हैं.
अमेरिका और चीन के शीर्ष अधिकारियों के बीच मई में हुए समझौते के बाद ट्रेड वॉर में आई शांति अब ख़त्म होती दिख रही है.
इस महीने के अंत में ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाक़ात की होनी है. विशेषज्ञों ने बीबीसी को बताया कि उससे पहले रेयर अर्थ मिनरल्स पर नियंत्रण लगाना चीन को एक तरह से बढ़त दिलाएगा.
ऑस्ट्रेलिया के एडिथ कोवान विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लेक्चरर नोवाइस मैकडोना ने कहा, "चीन की ओर से लागू नए नियंत्रण से पूरे सिस्टम को झटका लगना तय है क्योंकि उनके निशाने पर अमेरिकी आपूर्ति शृंखला की कमज़ोरियां हैं."
उन्होंने आगे कहा, "इस घोषणा की टाइमिंग दरअसल व्यापार समझौते के लिए बातचीत की उस टाइमलाइन को प्रभावित कर रही है जो अमेरिका चाहता है."
- क्या ट्रंप की शह पर यूरोप का ये देश चिप सप्लाई पर चीन से भिड़ गया?
- चीन ने रेयर अर्थ के निर्यात से जुड़े नियमों को किया सख़्त, जानिए क्या होगा इसका असर
रेयर अर्थ मिनरल्स असल में सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक कार, मोबाइल फ़ोन से लेकर सैन्य उपकरण जैसे अनेक हाईटेक उत्पादों के लिए ज़रूरी हैं.
उदाहरण के लिए एक अकेले एफ़-35 फ़ाइटर जेट के लिए अनुमानित 400 किलोग्राम रेयर अर्थ मिनरल्स की ज़रूरत होती है जिसका इस्तेमाल स्टील्थ कोटिंग, मोटर्स, रडार और अन्य उपकरणों में होता है.
एडवाइज़री फ़र्म 'न्यूलैंड ग्लोबल ग्रुप' की नताशा झा भास्कर ने कहा कि चीन का रेयर अर्थ एक्सपोर्ट, इलेक्ट्रिक वाहन मोटरों में मैग्नेट्स के लिए इस्तेमाल होने वाली धातुओं की वैश्विक आपूर्ति का लगभग 70 प्रतिशत है.

सिडनी की टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी में रेयर अर्थ मिनरल्स मामलों की प्रमुख शोधकर्ता मरीना झांग ने कहा कि चीन ने वैश्विक रेयर अर्थ मिनरल्स की प्रोसेसिंग क्षमता पर दबदबा हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की है.
उन्होंने कहा कि देश ने इस क्षेत्र में व्यापक प्रतिभा को लगाया और उसको विकसित किया. इसका रिसर्च और डेवलपमेंट नेटवर्क, इसके प्रतिद्वंद्वियों से सालों आगे है.
हालांकि रेयर अर्थ मिनरल्स की आपूर्ति के लिए चीन का विकल्प विकसित करने में अमेरिका और अन्य देश भारी निवेश कर रहे हैं लेकिन लक्ष्य तक पहुंचने में वो अभी भी बहुत पीछे हैं.
मरीना झांग कहती हैं, "रेयर अर्थ मिनरल्स के विशाल भंडार के कारण ऑस्ट्रेलिया को चीन के लिए एक संभावित चुनौती माना जा रहा है. लेकिन उत्पादन के लिए उसका बुनियादी ढांचा अभी भी अविकसित है, जिससे प्रोसेसिंग अधिक महंगी पड़ती है."
वो कहती हैं, "अगर अमेरिका और उसके सभी सहयोगी देश रेयर अर्थ प्रोसेसिंग को राष्ट्रीय परियोजना बना भी दें, तो भी चीन की बराबरी करने में उन्हें कम से कम पांच साल लगेंगे."
- रेयर अर्थ खनिजों और अफ़ग़ानिस्तान से हुई झड़पों पर चीन ने पाकिस्तान को दी यह सलाह
- पाकिस्तान में क्या रेयर अर्थ मिनरल्स का ख़ज़ाना मिल गया है? मुनीर बोले- 5 साल में बदल जाएगी तस्वीर

अप्रैल में चीन ने नियंत्रण लागू किया था और यूरोप और अमेरिका के साथ कई दौर की बातचीत में इसमें कुछ ढील दी गई लेकिन इन नियंत्रणों को और बढ़ाने से वैश्विक सप्लाई चेन बुरी तरह प्रभावित हुई है.
चीन के ताज़ा आधिकारिक आंकड़े दिखाते हैं कि क्रिटिकल मिनरल्स का निर्यात सितंबर में एक साल पहले के मुक़ाबले 30 प्रतिशत तक घट गया.
लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि चीन की अर्थव्यवस्था पर निर्यात में आई गिरावट से कोई ख़ास असर नहीं पड़ने वाला है.
न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय की प्रोफ़ेसर सोफ़िया कलांत्ज़ाकोस का कहना है कि रेयर अर्थ मिनरल्स चीन की 18.7 ट्रिलियन डॉलर की वार्षिक अर्थव्यवस्था का एक बहुत छोटा हिस्सा है.
कुछ अनुमानों के अनुसार, रेयर अर्थ निर्यात चीन की वार्षिक जीडीपी के 0.1 प्रतिशत से भी कम है.
उन्होंने कहा कि हालांकि चीन के लिए रेयर अर्थ मिनरल्स का आर्थिक मूल्य कम हो सकता है, लेकिन उनका सामरिक मूल्य 'बहुत बड़ा' है, क्योंकि वो चीन को अमेरिका के साथ वार्ता में बढ़त देते हैं.
चीन पर 'धोखा देने' के आरोपों के बावजूद, स्कॉट बेसेंट ने उसके साथ बातचीत के दरवाज़े खुले रखे हैं.
उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि चीन बातचीत के लिए दरवाज़े खुले रखे हैं और मुझे उम्मीद है कि मामले को और बढ़ने से रोका जा सकता है."
प्रोफ़ेसर कलांत्ज़ाकोस ने कहा, "चीन ने हाल ही में जो कुछ किया है, उससे पता चलता है कि वह अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता से पहले चीज़ें तय कर रहा है."
भास्कर कहती हैं कि रेयर अर्थ मिनरल्स के निर्यात पर नियंत्रण लगाते हुए चीन को मनमाफ़िक डील पाने के लिए अमेरिका पर दबाव डालने का 'सबसे बढ़िया तत्काल उपाय' मिल गया है.
- रेयर अर्थ मिनरल्स में क्या टूटेगा चीन का दबदबा?
- रेयर अर्थ एलीमेंट्स के लिए चीन पर पूरी दुनिया कितनी निर्भर? स्पॉटलाइट

सिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी के जियाओ यांग का मानना है कि थोड़े समय के लिए भले ही पत्ते चीन के हाथों में हों, लेकिन अमेरिका के पास कुछ रणनीतिक विकल्प हैं.
वो कहते हैं कि अमेरिका टैरिफ़ कम करने का प्रस्ताव दे सकता है, जो कि चीन के लिए बहुत आकर्षक हो सकता है क्योंकि ट्रेड वॉर से चीन के मैन्युफ़ैक्चरर्स सेक्टर को काफ़ी नुकसान उठाना पड़ा है.
चीन की अर्थव्यवस्था, देश में बनने वाली वस्तुओं और उनके निर्यात पर बहुत अधिक निर्भर है. ताज़ा आधिकारिक आंकड़े दिखाते हैं कि अमेरिका को होने वाले इसके निर्यात में एक साल पहले के मुक़ाबले 27 प्रतिशत की कमी आई है.
प्रोफ़ेसर मैकडोना का कहना है कि अमेरिका चीन पर और व्यापारिक अंकुश लगाने की धमकी दे सकता है जिससे चीन के टेक्नोलॉजी सेक्टर के विकास की कोशिशों को बड़ा झटका लग सकता है.
उदाहरण के लिए व्हाइट हाउस ने चीन द्वारा एनवीडिया के अत्याधुनिक चिप्स की ख़रीद पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिया है, जिसने चीन के लिए ज़रूरी हाई-एंड सेमीकंडक्टर्स को निशाना बनाया है
लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि संभावना है कि इसका बहुत सीमित असर पड़ेगा.
प्रोफ़ेसर मैकडोना के अनुसार, चीन की टेक इंडस्ट्री को निशाना बनाने वाले क़दम चीन की रफ़्तार को धीमा तो कर सकते हैं लेकिन उसे पूरी तरह रोक नहीं पाएंगे.
उन्होंने आगे कहा कि अपनी हालिया आर्थिक रणनीति में चीन ने दिखाया है कि वो लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए कुछ दर्द सहने को तैयार है.
उनके मुताबिक़, "अगर अमेरिकी निर्यात नियंत्रण की क़ीमत अधिक हो तब भी चीन इसे जारी रख सकता है. लेकिन अगर चीन रेयर अर्थ मिनरल्स की सप्लाई पूरी तरह काट दे तो यह हर किसी के उद्योग पर ताला लगा सकता है. यही सबसे बड़ा अंतर है."
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम, और व्हॉट्सऐप पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)
- एश्ले टेलिस ने क्यों कहा था, अमेरिका के लिए भारत क्यों कोई मायने नहीं रखेगा
- चीन का के-वीज़ा क्या है और भारतीयों के लिए ये एच-1बी वीज़ा की जगह ले सकेगा?
- क्या अब अंतरिक्ष में लड़े जाएंगे युद्ध, अमेरिका, रूस, चीन या भारत कौन है सबसे ज़्यादा ताक़तवर?
You may also like
ऑस्ट्रेलिया में भारतीय सेना कर रही है संयुक्त सैन्य अभ्यास 'ऑस्ट्राहिंद'
टीएचडीसी पर चिन्यालीसौड़ ब्लॉक की उपेक्षा का आरोप
शर्मीली और खर्चीली होती हैं फरवरी में जन्मी लड़कियां, जानें` इनकी खूबियां एवं अन्य रहस्य
नरगिस फाखरी बर्थडे: अमेरिका और पाकिस्तान में मॉडलिंग फिर बॉलीवुड में की धमाकेदार एंट्री, खुशी से लिए बना ली दूरी
दीपावली पर गोबर से बने दीयों से झारखंड होगा रौशन, ग्रामीण महिलाएं हो रहीं आत्मनिर्भर