पंजाब के पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफ़ा के बेटे अकील अख़्तर की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है.
अब हरियाणा की पंचकूला पुलिस ने अकील अख़्तर की हत्या का मामला दर्ज किया है.
पंजाब के पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफ़ा, अकील की मां और पंजाब की पूर्व कैबिनेट मंत्री रज़िया सुल्ताना, दिवंगत अकील अख़्तर की पत्नी और बहन को बीएनएस की धारा 103(1) के तहत दर्ज एफ़आईआर में नामज़द किया गया है.
मौत कब हुई और पुलिस ने क्या किया?इस मामले में पंचकूला की डीसीपी सृष्टि गुप्ता ने एक वीडियो जारी कर बताया है कि 16 अक्तूबर 2025 को अकील अख़्तर पंचकूला स्थित अपने घर में मृत पाए गए थे.
उन्होंने बताया कि परिवार ने ख़ुद पुलिस को इसकी सूचना दी और परिवार के सदस्यों के बयान दर्ज किए गए.
प्रारंभिक जांच में इस मामले में कोई संदिग्ध तथ्य सामने नहीं आया, जिसके चलते पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया, ताकि अंतिम संस्कार किया जा सके.
डीसीपी सृष्टि गुप्ता ने बताया कि बाद में सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो सामने आए, जिनमें दावा किया गया कि ये वीडियो मृतक ने अपनी मौत से पहले रिकॉर्ड किए थे.
उन्होंने बताया कि "इन वीडियो में अकील ने व्यक्तिगत विवाद और अपनी जान को ख़तरा बताया था."
- 37 साल पहले स्वर्ण मंदिर में घुसे चरमपंथियों को कैसे सरेंडर करना पड़ा
- पंजाब बाढ़: किसानों के लिए लाई गई 'जिसका खेत, उसकी रेत' नीति क्या है?
हालांकि, परिवार का कहना है कि उनके ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर निराधार है.
बीबीसी पंजाबी की नवजोत कौर से बात करते हुए पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफ़ा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, "पुलिस को शिकायत मिली और उसने कार्रवाई की है, लेकिन हम इस एफ़आईआर का क़ानूनी तरीके से जवाब देंगे."
पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफ़ा ने कहा कि उनका बेटा कई सालों से नशे का आदी था और नशा छुड़ाने वाली गोलियों के ओवरडोज़ की वजह से उसकी मौत हो गई.
उन्होंने आगे कहा, "हम उसे नशा मुक्ति केंद्रों में भी भेजते रहे लेकिन उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ. 2021-2023 तक वह ठीक रहा लेकिन 2024 में उसकी हालत बहुत बिगड़ गई."
"वह घर पर भी अपनी पत्नी को पीटता था, हम माता-पिता होने के नाते उसकी रक्षा करते थे. कई बार हम ख़ुद उसके ख़िलाफ़ पुलिस में शिकायत करते थे, लेकिन कुछ घंटों बाद हम उसे माफ़ कर देते थे."
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बारे में बात करते हुए पूर्व डीजीपी ने कहा, "जिस वीडियो में मेरा बेटा मुझ पर आरोप लगा रहा है, वह 27 अगस्त का वीडियो है और यह मेरे बेटे का वीडियो है."
"एक बेटा अपनी मां पर आरोप कैसे लगा सकता है, उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी. ये बात सिर्फ़ परिवार को ही पता थी, अब उस वीडियो के आधार पर हमारे ख़िलाफ़ साज़िश रची जा रही है."
उन्होंने कहा, "16 अक्तूबर 2025 को उसने नशा मुक्ति की गोलियों की ज़रूरत से ज़्यादा मात्रा खा ली, जिसके कारण उनकी मौत हो गई. मेरी पत्नी, बेटी और बहू उनके कमरे का दरवाज़ा खटखटाती रहीं, लेकिन जब दरवाज़ा नहीं खुला, तो मेरी बेटी बालकनी से होकर अंदर गई, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी."
"हम उसे अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया."
इस मामले में परिवार ने ही पुलिस को अकील की मौत की सूचना दी थी और पोस्टमॉर्टम के बाद अकील का अंतिम संस्कार कर दिया था.
बीबीसी संवाददाता चरणजीव के अनुसार, अकील को 17 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर स्थित उनके पैतृक गांव हनान हरदा खेड़ी में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया.
- आख़िर मौत के चार साल बाद कैसे होगा सिद्धू मूसेवाला का वर्ल्ड टूर?
- भगवंत मान ने पीएम मोदी के बारे में क्या कहा कि विदेश मंत्रालय को जारी करना पड़ा बयान
इस मामले में मलेरकोटला निवासी शम्सुद्दीन ने 17 अक्तूबर को संदिग्ध परिस्थितियों को लेकर शिकायत दर्ज कराई है.
गौरतलब है कि डीसीपी सृष्टि गुप्ता ने बताया कि शम्सुद्दीन मुस्तफ़ा परिवार का रिश्तेदार नहीं है, लेकिन वह मुस्तफ़ा परिवार के काफ़ी क़रीब था.
डीसीपी सृष्टि गुप्ता ने बताया कि सोशल मीडिया पोस्ट और शिकायत के आधार पर 17 अक्तूबर को ही एफ़आईआर दर्ज कर ली गई थी.
डीसीपी ने कहा कि मामले की निष्पक्ष, पारदर्शी और साक्ष्य आधारित जांच के लिए एसीपी रैंक के अधिकारी की देखरेख में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है.
एसआईटी इस मामले के हर पहलू की गहन जांच करेगी.
डीसीपी सृष्टि गुप्ता ने कहा कि जांच निष्पक्षता और खुले मन से की जाएगी, ताकि कोई भी आरोपी बख़्शा न जाए और किसी निर्दोष के साथ अन्याय न हो.
उन्होंने बताया, "पुलिस इस मामले में पारदर्शिता और न्याय के सिद्धांतों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है."
- ईरान में सिख कब पहुंचे, इस इस्लामी देश में उनकी ज़िंदगी और कारोबार कैसा है?
- कमल कौर कौन थीं, जिनकी हत्या के बाद डरे हुए हैं पंजाब के सोशल मीडिया इन्फ़्लुएंसर्स

दिवंगत अकील अख़्तर के पिता मोहम्मद मुस्तफ़ा पंजाब के पूर्व डीजीपी रह चुके हैं.
रिटायरमेंट के बाद मोहम्मद मुस्तफ़ा कांग्रेस के काफ़ी करीब रहे. अकील की मां रज़िया सुल्ताना पंजाब सरकार में साल 2017 से 2022 तक कैबिनेट मंत्री रहीं.
मलेरकोटला निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने वालीं रज़िया पंजाब विधानसभा की एकमात्र मुस्लिम सदस्य थीं और तीन बार विधायक रह चुकी हैं.
रज़िया सुल्ताना कांग्रेस सरकार के दौरान सामाजिक सुरक्षा और परिवार कल्याण जैसे विभागों में मंत्री रह चुकी हैं.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम, और व्हॉट्सऐप पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)
- नवजोत सिंह सिद्धू: क्रिकेट से लेकर कमेंट्री और राजनीति से टीवी शो तक- 'छा गए गुरु!'
- जब गोलियों से छलनी इंदिरा गांधी लाई गई थीं एम्स
- गैंगस्टर ने बीबीसी को बताया- भारत के सबसे बड़े हिप-हॉप स्टार की हत्या क्यों हुई?
You may also like
राजद–कांग्रेस को सरकार से बाहर करे झामुमो : आजसू
भाजपा सरकार किसानों व लोगों की आर्थिक तरक्की के लिए गौपालन को बढ़ावा दे रही है- हेमंत
सीहोरः प्राचीन संस्कृति की अनुपम छटा बिखेरता बारह खम्भा मेला प्रारंभ
ग्वालियर में करवाचौथ पर साड़ी की मांग को लेकर पति-पत्नी का थाने में हुआ विवाद
बथुआ: स्वास्थ्य के लिए अद्भुत लाभ और गांठ-पथरी के उपचार में सहायक