केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोमवार को जानकारी दी कि दिसंबर में भारत में आठ और चीते लाए जाएंगे। ये चीते बोत्सवाना से लाए जाएंगे, जिसका उद्देश्य भारत में विलुप्त हो चुके चीतों को पुनर्स्थापित करना है। 'प्रोजेक्ट चीता' के तहत अगले पांच वर्षों में कुल 50 चीतों को विभिन्न राष्ट्रीय उद्यानों में छोड़ा जाएगा। इस पहल का मुख्य लक्ष्य जैव विविधता को बढ़ावा देना और प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखना है।
'प्रोजेक्ट चीता' का महत्व
भारत में एक समय चीतों की संख्या काफी अधिक थी, लेकिन अत्यधिक शिकार और उनके आवास के नुकसान के कारण ये जानवर पूरी तरह से विलुप्त हो गए। 'प्रोजेक्ट चीता' का उद्देश्य इन्हें फिर से भारतीय वन्यजीवों का हिस्सा बनाना है। इस पहल के तहत न केवल चीतों की वापसी होगी, बल्कि उनके संरक्षण के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण कदम भी उठाए जाएंगे।
भूपेंद्र यादव ने कहा, “प्रोजेक्ट चीता संतोषजनक परिणाम दे रहा है और हम बोत्सवाना से आठ और चीते लाएंगे, जिन्हें दिसंबर में कुनू नेशनल पार्क में छोड़ा जाएगा।” उन्होंने बताया कि इस परियोजना के तहत पांच वर्षों में 50 चीते भारत में लाए जाएंगे।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर मंत्री की टिप्पणी
भूपेंद्र यादव ने दिल्ली की वायु गुणवत्ता के बारे में भी जानकारी दी, जिसमें उन्होंने कहा कि इस साल वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर है, जो 400 से नीचे है। उन्होंने कहा, “हम स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहे हैं और सुधार के लिए प्रयासरत हैं।” दिल्ली में वायु प्रदूषण के प्रमुख कारणों में तोड़फोड़ और कचरे को जिम्मेदार ठहराते हुए, उन्होंने बताया कि उनका मंत्रालय दिल्ली सरकार के साथ मिलकर इस समस्या का समाधान करने के लिए काम कर रहा है।
COP 30 और जलवायु परिवर्तन पर भारत की भूमिका
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने आगामी COP 30 शिखर सम्मेलन का भी उल्लेख किया, जो 10 से 21 नवंबर तक ब्राजील के बेलेम में आयोजित होगा। उन्होंने कहा कि COP 30 पेरिस समझौते के 10 साल पूरे होने पर हो रहा है, जिसमें तकनीकी कार्यान्वयन कार्यक्रम सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। मंत्री ने यह भी बताया कि भारत जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए हमेशा सक्रिय रहेगा और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण है।
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