बिहार चुनाव की तैयारियों जुटे तेजस्वी यादव जहां फंसते नजर आ रहे हैं, वहीं सामाजिक न्याय की राजनीति उन्हें एनडीए के विरुद्ध विकल्प भी बनाती है. महुआ में प्रधानमंत्री के खिलाफ टिप्पणी और पहले के विवादों ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं. इस बीच एनडीए ने विकास परियोजनाओं को मुद्दा बनाकर चुनावी समर जीतने की रणनीति पर काम कर रहा है.
बिहार में बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स जैसे मुंगेर-भागलपुर गंगा पथ, मीठापुर-महुली सड़क और कच्ची दरगाह-राघोपुर पुल परियोजनाएं तेजी से जमीन पर उतर रही हैं. इनमें से कुछ परियोजनाओं पर पहले चरण का काम पूरा हो चुका है और प्रदेश के लोग इसका लाभ भी उठा रहे हैं. इन प्रोजेक्ट्स के पूर्ण होने से लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में बदलाव आएगा. वहीं एनडीए ने विकास को चुनावी एजेंडा बनाकर इसे इलेक्शन में भुनाने की योजना तैयार की है. अहम यह है कि क्या ये विकास योजनाएं एनडीए की चुनावी नैया पार कर पाएंगी?
1. गंगा पथ विस्तार योजनापटना की जीवन रेखा कहे जाने वाले गंगा पथ का विस्तार 6,495 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा है. यह प्रोजेक्ट न सिर्फ राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था को नया रूप देगा बल्कि आगामी वर्षों में राजधानी के विकास का भी आधार बनेगा. चुनावी मंच पर इसकी चर्चा जनता को यह संदेश देने के लिए होगी कि सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगातार निवेश कर रही है.
2. मुंगेर-भागलपुर गंगा पथमुंगेर से भागलपुर तक गंगा पथ के निर्माण से सीमांचल और अंग क्षेत्र को पटना और उत्तर बिहार से सीधा जोड़ा जाएगा. इस परियोजना से अंग और सीमांचल क्षेत्र सीधे राजधानी से जुड़ जाएंगे और व्यापार-पर्यटन को नई गति मिलेगी. यह प्रोजेक्ट बिहार सहित सीमांचल क्षेत्र में व्यापार को नई उड़ान देने वाला साबित होगा. एनडीए ने इसे क्षेत्रीय विकास और कनेक्टिविटी के लिहाज से सबसे बड़ी उपलब्धि बताया है. इस परियोजना के लिए 9,970 करोड़ की स्वीकृति दी गई है. इसे दो खंडों में बांटा गया है. एक सफियाबाद (मुंगेर) से सुल्तानगंज (लगभग 42 किलोमीटर) और दूसरा सुल्तानगंज से सबौर वाया भागलपुर (लगभग 40.8 किलोमीटर).
3. मीठापुर-महुली प्रोजेक्टपटना के मीठापुर से महुली तक की सड़क परियोजना लोगों को तेज और सुरक्षित आवागमन का विकल्प देने वाली है. इसका एक हिस्सा पहला चरण चालू हो चुका है. शेष हिस्सों का निर्माण अभी जारी है. यह परियोजना लगभग 1,400 करोड़ की लागत की है. यह सड़क परियोजना लोगों की रोजमर्रा की यात्रा को आसान बनाएगी. कच्ची दरगाह से राघोपुर तक पुल का निर्माण राघोपुर क्षेत्र को पटना से सीधी कनेक्टिविटी देगा, जिससे लोगों की वर्षों पुरानी समस्या का समाधान होगा. इसका चुनावी मंच पर उल्लेख यह साबित करने के लिए किया जाएगा कि सरकार छोटे और बड़े दोनों स्तर पर विकास कार्यों को प्राथमिकता दे रही है.
4. कच्ची दरगाह-राघोपुर पुल प्रोजेक्टगंगा नदी पर कच्ची दरगाह से राघोपुर तक बनने वाला यह पुल राघोपुर इलाके को पटना से सीधे जोड़ देगा. इस परियोजना की लागत लगभग 5,000 करोड़ बताई गई है. एशियन डेवलपमेंट बैंक से ₹3,000 करोड़ ऋण और राज्य की हिस्सेदारी 2,000 करोड़ चुनावी दृष्टिकोण से यह प्रोजेक्ट खास मायने रखता है, क्योंकि यह क्षेत्र राजनीतिक रूप से भी संवेदनशील है. बिदुपुर पुल परियोजना में राघोपुर तक का हिस्सा उद्घाटित हो चुका है, शेष हिस्सों की पूरी परियोजना को अगले कुछ महीनों से वर्ष 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
5. पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटनपूर्णिया एयरपोर्ट के उद्घाटन होने से सीमांचल क्षेत्र को देश भर से सीधी हवाई सेवा का फायदा मिलने लगा है. पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन सीमांचल के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जिससे अब बिहार का यह पिछड़ा इलाका भी देशभर से सीधी हवाई सेवाओं से जुड़ गया है. पूर्णिया में हवाई अड्डा के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन और उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 40 हजार करोड़ रुपए की आधारभूत संरचना प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया. यह भी एक साथ कई विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी मंच पर गूंजेगा.
बिहार में चल रही विभिन्न सड़क योजनाएं ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरों तक लोगों की जिंदगी आसान बनाने के लिए मील का पत्थर साबित हो रही हैं. चुनाव प्रचार में इन परियोजनाओं को आधार बनाकर एनडीए सरकार जनता को यह विश्वास दिलाने की कोशिश करेगी कि सड़क और कनेक्टिविटी विकास के एजेंडे में सबसे ऊपर है.
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