कहते हैं इंसान का बेसिक नेचर उसके बचपन से ही तय हो जाता है। जैसे कोई शख्स बड़ा होकर कितना क्रोधित, चंचल, शरारती, मजाकिया, बुद्धिमान, मूर्ख, ईमानदार, बेईमान इत्यादि होगा उसका अंदाजा उसके बचपन से ही लगाया जा सकता है। पत्नियों को लेकर भी कुछ आदतें बचपन से तय हो जाती है। ये खबर आप हिमाचली खबर में पढ़ रहे हैं। । इनमें कुछ ऐसी बुरी आदतें होती है जो इनका बेसिक नेचर होता है। फिर इसे बाद में मां-बाप या पति कोई भी नहीं बदल सकता है।
आचार्य चाणक्य ने भी इन आदतों का जिक्र अपनी चाणक्य नीति में किया है। उन्होंने स्त्री की कुछ ऐसी आदतों को बताया है जो हमेशा एक जैसी रहती है। उसे वह जीवनभर नहीं सुधार पाती है। स्त्रियों का यह स्वभाव बचपन से ही तय हो जाता है। तो चलिए जानते हैं कि ये बुरी आदतें कौन-कौन सी हैं।
1. झूठ बोलकर अपना उल्लू सीधा करनाआचार्य चाणक्य की माने तो स्त्री हर बात पर झूठ बोलने में माहिर होती हैं। उनका यह अवगुण बचपन से ही रहता है। वह अपनी जरूरत के अनुसार झूठ बोलती हैं। कभी खुद को बचाने के लिए तो कभी अपना काम निकलवाने के लिए उनके मुंह से झूठ निकल आता है। हालांकि ये झूठ कभी-कभी किसी के भले के लिए भी होता है। वहीं कभी निजी स्वार्थ के लिए होता है।
2. बिना सोचे समझे बहादुरी दिखानाआचार्य चाणक्य की माने तो स्त्री बहुत साहसी होती है। लेकिन कई बार उनकी ये बहादुरी उन्हें मुसीबत में भी डाल देती है। वह अपना साहस दिखाने से पहले उसके परिणाम का आकलन नहीं करती है। इस चक्कर में कई बार उनकी बहादुरी उन्हें खतरे में डाल देती है। इसलिए बिना सोचे समझे साहस दिखाने वाली स्त्रियों से दूर रहना चाहिए, वरना वह आपको भी खतरे में डाल सकती है।
3. हमेशा अपना स्वार्थ देखनाचाणक्य नीति के अनुसार महिलाएं अपने निजी स्वार्थ को हमेशा प्राथमिकता देती है। वह दूसरों के अनुसार कम चलती है। वह आपको चिकनी-चुपड़ी बातों से फंसाती है। अपने फायदे के लिए किसी का भी इस्तेमाल कर लेती है या उन्हें छोड़ देती है। वह धोखा देने में भी माहिर होती है। हालांकि सभी स्त्री ऐसी नहीं होती है।
4. मूर्खता भरे काम करना
चाणक्य नीति की माने तो स्त्रियां अक्सर ऐसे काम भी कर देती हैं जिनका कोई लॉजिक नहीं होता है। फिर वह ऐसे कामों को करने के बाद पछताती हैं। ये महिलाएं बाकी लोगों की बातों में आ जाती है। खुद के दिमाग से नहीं सोचती हैं। इनके माइंड को कोई भी चेंज कर देता है। ये दूसरों की नकल भी करती हैं।
5. पैसों का लालचआचार्य चाणक्य की माने तो हर स्त्री धन की लालची होती है। उन्हें बस अपने पास ज्यादा से ज्यादा पैसा चाहिए होता है। कई बार इस धन की चाहत में वह सारी हदें पार कर देती हैं। दूसरों को हानि तक पहुंचा देती हैं। पैसों के मोह में वह गलत राह पर निकल पड़ती हैं। उन्हें सही गलत की समझ नहीं होती है।
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