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कफ सिरप केसः दवा दुकानों की चेकिंग करने उतरे झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री, 300 से ज्यादा सैंपल जांच को भेजे

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रांची, 10 अक्टूबर . Madhya Pradesh और Rajasthan में कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत होने और तीन-तीन कफ सिरप को बैन करने के मामले को लेकर के Jharkhand के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी सड़कों पर
Friday को उतरे और दवा दुकानों में जाकर कफ सिरप की जांच की.

इससे साथ ही इरफान अंसारी सदर अस्पताल में पैरासिटामोल की गोली में फंगस लगने के मामले के लिए भी जांच के लिए भी सदर अस्पताल पहुंचे और वहां इसकी जांच की. जांच के बाद इरफान अंसारी ने बताया कि दवा दुकानों में से कई कफ सिरप के सैंपल कलेक्शन करके जांच के लिए लेबोरेटरी में भेजे गए हैं.

उन्होंने बताया कि तकरीबन 300 से ज्यादा सैंपल को अब तक Jharkhand से लेबोरेटरी में जांच के लिए भेजा गया है, ताकि Madhya Pradesh और Rajasthan में जिस तरह से बच्चों की मौतें हुई हैं, उसे रोका जा सके.

वहीं, उन्होंने सदर अस्पताल में पैरासिटामोल फंगस लगी हुई दवा के मामले की भी जांच की. उन्होंने कहा कि यह स्वास्थ्य विभाग को बदनाम करने के लिए एक साजिश है. मैंने खुद जाकर के पैरासिटामोल दवाई की जांच की है. कहीं किसी प्रकार का कोई फंगस नहीं लगा हुआ है.

उन्होंने कहा कि आज के अखबारों में पैरासिटामोल में फंगस पाए जाने की बात सामने आई है. मैं खुद इसे देखने आया था और दवा मेरे पास है. दवा लेने पर वह पारदर्शी होती है. दवा ठीक से दी गई थी. मैंने cctv कैमरे से पुष्टि की कि दवा ठीक है. दवा लेने के बाद फंगस कैसे दिखाई दिया, यह स्पष्ट नहीं है.

उधर, कफ सिरप पीने से बच्चों की हुई मौत के मामले में Supreme court अदालत की निगरानी में जांच की मांग वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है. याचिका में इस गंभीर मामले की जांच राष्ट्रीय न्यायिक आयोग या सीबीआई के माध्यम से विशेषज्ञों की समिति बनाकर कराए जाने की मांग की गई है.

मामले की गंभीरता को देखते हुए चीफ जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस उज्ज्वल भुयान और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच ने सुनवाई 10 अक्टूबर के लिए निर्धारित की.

एमएस/वीसी

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