अगली ख़बर
Newszop

बगैर सुने फ्लैट तोड़ने के वाराणसी विकास प्राधिकरण के आदेश पर रोक

Send Push

Prayagraj, 30 सितम्बर . इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सुनवाई का अवसर दिए बगैर फ्लैट तोड़ने के वाराणसी विकास प्राधिकरण के आदेश पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने प्रकरण वीडीए को वापस भेजते हुए फ्लैट मालिक को सुनवाई का अवसर देकर कानून के मुताबिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी एवं न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने शैलजा शर्मा और दिनेश चंद्र यादव की याचिका पर दिया है. वाराणसी के बजरडीहा इलाके में बिल्डर ने जमीन की मालकिन के साथ समझौता करके एक भवन बनाया. वीडीए ने वर्ष 2014 में फ्लैट का नक्शा मंजूर कर दिया था. याची ने इसी भवन में 2016 में एक फ्लैट खरीदा. बाद में मालकिन और बिल्डर के बीच जमीन के बंटवारे को लेकर विवाद हो गया. इस विवाद के कारण वीडीए ने निर्माण में गड़बड़ियों के आधार पर गत 19 अगस्त को ध्वस्तीकरण का आदेश कर दिया.

याची ने वीडीए के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी. याची की ओर से कहा गया कि वीडीए ने ध्वस्तीकरण आदेश करने से पहले याची को सुनवाई का अवसर नहीं दिया, जो प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत और यूपी अर्बन प्लानिंग एक्ट 1973 का उल्लंघन है. यह एक्ट गारंटी देता है कि किसी के विरुद्ध आदेश करने से पहले उसे अपना पक्ष रखने का उचित अवसर दिया जाएगा. सुनवाई के बाद कोर्ट ने वीडीए का ध्वस्तीकरण आदेश रद्द कर दिया और नए सिरे से नियमानुसार कार्रवाई का निर्देश दिया है.

—————

/ रामानंद पांडे

न्यूजपॉईंट पसंद? अब ऐप डाउनलोड करें