Patna, 27 अक्टूबर . बक्सर विधानसभा सीट बक्सर Lok Sabha क्षेत्र के अंतर्गत आती है. इसमें बक्सर सदर और चौसा प्रखंड शामिल हैं. इस बार बक्सर विधानसभा सीट से 15 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. भाजपा ने आनंद मिश्रा को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने संजय तिवारी पर भरोसा जताया है. वहीं, जन सुराज पार्टी से तथागत हर्षवर्धन चुनाव लड़ रहे हैं.
बक्सर न सिर्फ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह Political और सामाजिक दृष्टि से भी बिहार का एक प्रभावशाली क्षेत्र बना हुआ है.
बक्सर विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1951 में हुई थी और इसने अब तक 17 विधानसभा चुनाव देखे हैं. इसे कांग्रेस का गढ़ माना जाता है, जिसने इस सीट पर 10 बार जीत हासिल की है, जिसमें 2015 और 2020 के चुनाव शामिल हैं. भाजपा ने इस सीट पर तीन बार जीत दर्ज की, जबकि सीपीएम ने 1990 और 1995 में लगातार दो बार सफलता पाई. इसके अलावा, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी (1967) और बहुजन समाज पार्टी (2005) ने भी एक-एक बार इस सीट पर जीत हासिल की.
2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के संजय तिवारी ने भाजपा के परशुराम चौबे को हराया था. बक्सर सीट पर यादव और ब्राह्मण जाति के मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
बक्सर अपने समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है. शहर में स्थित बक्सर किला 16वीं शताब्दी में मुगल सम्राट अकबर ने बनवाया था और यह 1764 की बक्सर की लड़ाई का प्रमुख स्थल रहा. इस लड़ाई में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और मुगल साम्राज्य, अवध के नवाब और बंगाल के राजा की सेना आमने-सामने आई थी.
इसके अलावा, चौसा गांव अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. 1539 में यहां चौसा की लड़ाई शेर शाह सूरी और मुगल सम्राट हुमायूं के बीच हुई थी.
शहर से लगभग 10 किमी दूर सोन नदी पर स्थित सोन बैराज एक महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजना है. यह अपने शांत और सुंदर वातावरण के लिए भी जाना जाता है.
धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से बक्सर में कई महत्वपूर्ण स्थल हैं. कालीमठ मंदिर देवी काली को समर्पित है और भक्तों के लिए प्रमुख तीर्थ स्थल है. वहीं, ऋषि विश्वामित्र आश्रम, जहां पौराणिक कथाओं के अनुसार ऋषि विश्वामित्र ने तपस्या की थी. गंगा घाटों पर शाम की आरती और घाटों के किनारे की सैर भी पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है.
बक्सर आधुनिक सांस्कृतिक क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण रहा है. यह शहनाई के महान उस्ताद बिस्मिल्लाह खान और प्रसिद्ध भोजपुरी कवि हरिहर सिंह की जन्मस्थली है. हरिहर सिंह ने 1969 में बिहार के Chief Minister के रूप में चार महीने तक कार्य किया. इसके अलावा, चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी बक्सर से ही हैं, जिनकी जन सुराज पार्टी पहली बार बिहार विधानसभा चुनाव में उतरी है.
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डीसीएच/वीसी
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