क्वेटा, 19 अक्टूबर . Pakistan के बलूचिस्तान के डुकी और चामलांग में दो अलग-अलग घटनाओं में चार कोयला खनिकों की मौत हो गई. मजदूरों की मौत की वजह सांस में मीथेन गैस की मौजूदगी को बताया गया है. स्थानीय मीडिया ने Sunday को यह जानकारी दी.
Police के अनुसार, पीड़ितों की पहचान अफगानिस्तान के निवासियों के रूप में हुई है.
Pakistan के प्रमुख दैनिक ‘डॉन’ के अनुसार, मृतक Saturday को हुए हादसों के समय डुकी और चामलांग स्थित कोयला खदानों में काम कर रहे थे.
बलूचिस्तान के मुख्य खान निरीक्षक सैयद रफीउल्लाह ने कहा कि चामलांग खदान के प्रबंधक पर पहले से ही उचित सुरक्षा उपाय न करने का एक अदालती मामला चल रहा था. ऐसे में यहां काम करने के दौरान अब दो लोगों की मौत हो गई.
उन्होंने कहा कि डुकी स्थित एक अन्य कोयला खदान को पहले भी दुर्घटना के बाद खान निरीक्षणालय ने बंद कर दिया था. इससे पहले डुकी के इस कोयला खदान में इसी तरह की लापरवाही के कारण कई लोगों की जान चली गई थी.
अधिकारियों के अनुसार, इससे पहले सितंबर में, बलूचिस्तान के हरनाई जिले के शाहराग इलाके में एक निजी कोयला खदान में काम करते समय जहरीली गैस की चपेट में आने से अफगान कोयला खनिक की मौत हो गई थी.
अधिकारियों के अनुसार, खदान में जहरीली मीथेन गैस जमा हो गई थी. अन्य खनिक खदान से बाहर निकल गए. लेकिन अब्दुल्ला नाम का श्रमिक खदान के अंदर गहराई में काम करते समय बेहोश हो गया.
अन्य खदान कर्मचारियों ने फंसे हुए अपने साथी को बचाने की कोशिश की, लेकिन मीथेन गैस की अधिक मात्रा के कारण वे उसे बाहर नहीं निकाल पाए. बाद में शव को शाहराग के अस्पताल ले जाकर मेडिकल प्रोसेस पूरा किया गया. इसके बाद परिवार को शव सौंप दिया गया.
‘डॉन’ ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि जुलाई की शुरुआत में, डुकी में भूस्खलन के कारण एक खदान में फंसने पर तीन कोयला खनिकों की मौत हो गई थी, जबकि एक को बचा लिया गया था.
मुख्य खान निरीक्षक अब्दुल गनी बलूच ने बताया कि एक निजी खदान में काम कर रहे चार खनिक भूस्खलन की चपेट में आ गए थे. घटना के बाद, खान बचाव विभाग के कर्मचारी घटनास्थल पर पहुंचे और एक खनिक को बचाने में कामयाब रहे, जबकि तीन अन्य खनिकों को बचाया नहीं जा सका. आखिरकार, बचावकर्मियों ने 16 घंटे बाद उनके शव बरामद किए.
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केके/एबीएम
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