छत्रपति संभाजीनगर, 16 सितंबर . शिवसेना (यूबीटी) के नेता अंबादास दानवे ने Maharashtra Government पर मराठवाड़ा की उपेक्षा का आरोप लगाया. संभाजीनगर में दानवे ने कहा कि मराठवाड़ा आज भी पिछड़े इलाकों में गिना जाता है. Maharashtra के दूसरे शहरों की तरह मराठवाड़ा का भी विकास होना चाहिए.
शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे ने मीडिया से बातचीत के दौरान याद दिलाया कि दो साल पहले Maharashtra कैबिनेट की बैठक संभाजीनगर में हुई थी, जिसमें मराठवाड़ा के लिए कई योजनाओं का ऐलान किया गया था. लेकिन उन योजनाओं पर अब तक अमल नहीं हुआ, इसी वजह से यह इलाका विकास से पीछे रह गया है. यह मराठवाड़ा के साथ अन्याय है, हम इसका विरोध करते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि बीते कुछ दिनों से हुई भारी बारिश ने मराठवाड़ा में भारी तबाही मचाई है. करीब 2 लाख किसानों को नुकसान हुआ है और लगभग 4500 गांव बाढ़ की चपेट में आए हैं. बावजूद इसके, राज्य Government ने अब तक मराठवाड़ा को सूखा प्रभावित क्षेत्र घोषित नहीं किया है. दानवे के मुताबिक Government किसानों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रही है.
दानवे ने India और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर हो रही बैठक पर भी सवाल उठाए. उनका कहना है कि इस बैठक से कोई ठोस समाधान नहीं निकलेगा. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने जो 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, उसका भी कोई फायदा नहीं होगा और India की राष्ट्रीय नीति सिर्फ दिखावे तक सीमित है.
बंगाल में एसआईआर की तैयारियों को लेकर दानवे ने केंद्र Government पर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा इस माध्यम से लोकतंत्र पर हमला कर रही है और संविधान को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है. उनका कहना है कि भाजपा चुनाव आयोग के जरिए लोगों के मौलिक अधिकार छीनने पर तुली है.
दानवे ने यह भी कहा कि अब छोटे-छोटे आंदोलनों की जानकारी भी गृह विभाग को केंद्र Government को देनी होगी. इसका मतलब है कि जो भी आंदोलन करेगा, वह सीधे Government के निशाने पर आ जाएगा.
–
एएसएच/डीएससी
You may also like
भारत का एक गांव जहां हर पुरुष` 2 शादियां करता है, पत्नियां सौतन नहीं बहन की तरह रहती हैं साथ-साथ
दमोहः अवैध उत्खनन में लिप्त 9 ट्रैक्टर ट्राली एवं एक जेसीबी जप्त
जबलपुरः महर्षि वाल्मीकी एवं महाराजा अजमीढ देव की जयंती पर विचार गोष्ठी का आयोजन
एक राजा था। वह एक दिन अपने` वज़ीर से नाराज हो गया और उसे एक बहुत बड़ी मीनार के ऊपर कैद कर दिया। एक प्रकार से यह अत्यन्त कष्टप्रद मृत्युदण्ड ही था। न तो उसे कोई भोजन पहुंचा सकता था और न उस गगनचुम्बी मीनार से कूदकर उसके भागने की कोई संभावना थी।
रायबरेली में युवती के साथ छेड़छाड़ का मामला, युवक पर केस दर्ज