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बरेली में अखिलेश यादव की एंट्री पर रोक, अब एयरपोर्ट से सीधे रामपुर जाकर आजम खान से करेंगे मुलाकात

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समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के कार्यक्रम में अचानक बदलाव किया गया है। पहले तय कार्यक्रम के अनुसार उन्हें बरेली होते हुए मुरादाबाद जाना था, लेकिन अब प्रशासन की अनुमति न मिलने के कारण वे बरेली शहर में प्रवेश नहीं करेंगे। नई योजना के मुताबिक, अखिलेश यादव अब बरेली एयरपोर्ट से सीधे हेलिकॉप्टर के जरिए रामपुर रवाना होंगे, जहां वे सपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान से मुलाकात करेंगे।

बरेली एयरपोर्ट से सीधे रामपुर के लिए रवाना होंगे अखिलेश

बुधवार को अखिलेश यादव का विमान बरेली एयरपोर्ट पर लैंड करेगा। वहां से वे हेलिकॉप्टर से जौहर विश्वविद्यालय, रामपुर के लिए उड़ान भरेंगे। प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, बरेली शहर में अखिलेश की एंट्री पर प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है ताकि किसी भी तरह की कानून-व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े।

आजम खान से पहली मुलाकात पर राजनीतिक हलचल


रामपुर दौरा इसलिए भी खास माना जा रहा है क्योंकि यह आजम खान की रिहाई के बाद अखिलेश यादव की उनसे पहली भेंट होगी। राजनीतिक विश्लेषक इस मुलाकात को सपा की आगामी रणनीति से जोड़कर देख रहे हैं। लंबे समय से चली आ रही सपा और आजम खान के रिश्तों में दूरी की खबरों के बीच यह बैठक एक अहम संदेश मानी जा रही है।

मुस्लिम वोट बैंक पर नजरें

प्रदेश की राजनीति में आजम खान का मुस्लिम समाज पर मजबूत प्रभाव रहा है। हाल के दिनों में आजम के बसपा से जुड़ने की चर्चाओं ने सपा खेमे में हलचल बढ़ा दी थी। माना जा रहा है कि अखिलेश यादव इस मुलाकात के जरिए यह संदेश देना चाहते हैं कि सपा और आजम खान के बीच कोई मतभेद नहीं है और दोनों आगामी चुनाव में एकजुट होकर काम करेंगे।

सुरक्षा व्यवस्था हुई कड़ी

बरेली और रामपुर दोनों जिलों में पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को सख्त कर दिया है। जौहर विश्वविद्यालय के आसपास अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि किसी तरह की अव्यवस्था न हो। प्रशासन का कहना है कि अखिलेश यादव के दौरे के दौरान सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखी गई है।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव आजम खान से संगठनात्मक मुद्दों और आगामी विधानसभा व लोकसभा चुनावों की रणनीति पर चर्चा कर सकते हैं। इस मुलाकात के राजनीतिक मायने गहरे हैं, और सियासी गलियारों में इस पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

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