आज भारतीय कला के अप्रतिम रंगों के जादूगर मकबूल फिदा हुसैन की जयंती है। हुसैन ने अपनी अनूठी कला शैली से भारतीय चित्रकला को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान दी। उनकी कला भारतीय संस्कृति, इतिहास और आधुनिकता का अद्भुत संगम थीं, जो आज भी कला प्रेमियों को प्रेरित करती हैं। कई कला प्रेमी उनकी रचनात्मकता के लिए उन्हें 'भारत का पिकासो' भी बुलाते हैं।
मकबूल फिदा हुसैन को 'एमएफ हुसैन' के नाम से भी जाना जाता है। उनका जन्म 17 सितंबर 1915 को महाराष्ट्र के पंढरपुर में हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत मुंबई में होर्डिंग्स और सिनेमा पोस्टर पेंट करने से की थी। 1940 के दशक में वे प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट्स ग्रुप का हिस्सा बने, जिसने भारतीय कला में आधुनिकता का सूत्रपात किया। उनकी पेंटिंग्स में भारतीय मिथकों, ग्रामीण जीवन और ऐतिहासिक घटनाओं का चित्रण प्रमुखता से देखा जा सकता है।
उनकी प्रसिद्ध श्रृंखलाओं में 'मदर इंडिया', 'महाभारत', और 'रामायण' शामिल हैं, जो भारतीय संस्कृति के प्रति उनके गहरे लगाव को दर्शाती हैं। हुसैन की कला केवल रंगों और कैनवास तक सीमित नहीं थी। उन्होंने फिल्म निर्माण में भी योगदान दिया, जिसमें 'थ्रू द आइज ऑफ ए पेंटर' और 'गज गामिनी' जैसी फिल्में शामिल हैं। उनकी चित्रकला में घोड़ों, महिलाओं और मिथकीय चरित्रों का बार-बार चित्रण उनकी शैली का विशिष्ट हिस्सा बन गया। हुसैन ने भारतीय कला को एक वैश्विक पहचान दी। उनकी कृतियां न्यूयॉर्क, लंदन और दुबई जैसे वैश्विक कला मंचों पर बिक्री के रिकॉर्ड बना चुकी हैं।
हालांकि, हुसैन का जीवन विवादों से भी घिरा रहा। उन पर विशेष रूप से हिंदू देवी-देवताओं के चित्रण को लेकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा। इसके चलते उन्हें भारत छोड़कर 2006 में कतर की नागरिकता स्वीकार करनी पड़ी। 2011 में लंदन में उनका निधन हुआ, लेकिन उनकी कला आज भी जीवित है।
एमएफ हुसैन को पद्मश्री (1955), पद्म भूषण (1973), और पद्म विभूषण (1991) जैसे सम्मानों से नवाजा गया है। हर वर्ष उनकी जयंती पर विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता रहा है, जहां हुसैन की कुछ दुर्लभ पेंटिंग्स और स्केच प्रदर्शित किए जाते हैं। कला जगत का मानना है कि हुसैन की विरासत भारतीय कला को हमेशा प्रेरित करती रहेगी। उनकी जिंदादिली और रचनात्मकता उन्हें 'भारत का पिकासो' बनाती है।
You may also like
चीतों के 'हमशक्ल' ही बन गए हैं उनके 'शिकारी', एक मौत से मंडराया सबसे बड़ा खतरा; 110 है दुश्मनों की संख्या
India Infrastructure: पाकिस्तान से भी बड़ा दुश्मन... शहरों की 'रेंगती' बर्बादी, बिना बंदूक देश को 60,000 करोड़ की चपत
आचार्य चाणक्य अनुसार हर मनुष्य` को कुत्ते से लेनी चाहिए ये 4 सीख जीवन में होंगे कामयाब
'बिग बॉस' पर फूटे अभिषेक मल्हान, कहा- कुनिका जी टॉप 7 में ऑटोमैटिकली पहुंचेंगी, लोग बोले- इतना सच नहीं कहना था
श्वेत पत्र “नए युग में महिलाओं के व्यापक विकास को बढ़ावा देने में चीन के अभ्यास और उपलब्धियां” जारी