भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) शुक्रवार को पिछले वित्त वर्ष (2024-25) के लिए केंद्र सरकार को दिए जाने वाले लाभांश की राशि की घोषणा कर सकता है।
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आरबीआई ने सरकार को रिकॉर्ड 2.1 लाख करोड़ रुपये का अधिशेष या लाभांश हस्तांतरित किया था।
यह राशि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भुगतान किए गए 87,416 करोड़ रुपये से दोगुनी से भी अधिक थी।
इस बार लाभांश भुगतान अधिक होने की उम्मीद है, जिसके बारे में निर्णय आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल की 23 मई को होने वाली अगली बैठक में लिया जा सकता है।
पिछले सप्ताह आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड ने आर्थिक पूंजी ढांचे (ईसीएफ) की समीक्षा की थी, जो सरकार को अधिशेष हस्तांतरण तय करने का आधार है।
आरबीआई ने कहा था कि एजेंडे के तहत बोर्ड ने ईसीएफ की समीक्षा की।
हस्तांतरण योग्य अधिशेष का निर्धारण आरबीआई के मौजूदा आर्थिक पूंजी ढांचे की समीक्षा के लिए बिमल जालान की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के अनुसार, 26 अगस्त, 2019 को रिजर्व बैंक द्वारा अपनाए गए ईसीएफ के आधार पर किया जाता है।
समिति ने सिफारिश की थी कि आकस्मिक जोखिम बफर (सीआरबी) के तहत जोखिम प्रावधान आरबीआई के बहीखाते के 6.5 से 5.5 प्रतिशत की सीमा के भीतर बनाए रखा जाना चाहिए।
चालू वित्त वर्ष (2025-26) के लिए केंद्रीय बजट में रिजर्व बैंक और सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों से 2.56 लाख करोड़ रुपये की लाभांश आय का अनुमान लगाया गया है।
कमजोर वैश्विक संकेतों में शेयर बाजार गिरा, सेंसेक्स 645 अंक फिसलावैश्विक बाजारों में कमजोरी के संकेतों से पैदा हुए बिकवाली के दबाव में बृहस्पतिवार को स्थानीय शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। सेंसेक्स 645 अंकों के नुकसान में रहा जबकि निफ्टी में 204 अंकों की गिरावट रही।
विश्लेषकों के मुताबिक, बॉन्ड प्रतिफल में बढ़ोतरी और अमेरिका में ऋण चिंताओं का असर भारतीय बाजारों पर देखा गया।
बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स 644.64 अंक यानी 0.79 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,951.99 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 1,106.71 अंक गिरकर 80,489.92 के स्तर तक आ गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का मानक सूचकांक निफ्टी भी 203.75 अंक यानी 0.82 प्रतिशत गिरकर 24,609.70 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फिनसर्व, टेक महिंद्रा, पावर ग्रिड, आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, रिलायंस इंडस्ट्रीज और मारुति के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई।
दूसरी तरफ, इंडसइंड बैंक, भारती एयरटेल और अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए।
जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "अमेरिका में प्रस्तावित बजट विधेयक से राष्ट्रीय ऋण में खासी बढ़ोतरी होने और बॉन्ड प्रतिफल बढ़ने की आशंका हावी होने से मानक सूचकांकों में गिरावट देखी गई। एक प्रमुख क्रेडिट रेटिंग एजेंसी द्वारा अमेरिकी ऋण परिदृश्य को घटाने से भी एशियाई बाजारों में व्यापक रूप से बिकवाली हुई।"
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की 225, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग गिरावट के साथ बंद हुए।
यूरोप के बाजार भी नकारात्मक दायरे में कारोबार कर रहे थे। बुधवार को अमेरिकी बाजार खासी गिरावट के साथ बंद हुए थे।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.37 प्रतिशत गिरकर 64.02 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) एक दिन के अंतराल के बाद बुधवार को फिर से खरीदार बन गए। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, एफआईआई ने 2,201.79 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
बीएसई सेंसेक्स बुधवार को 410.19 अंक बढ़कर 81,596.63 अंक और एनएसई निफ्टी 129.55 अंक चढ़कर 24,813.45 पर बंद हुए थे।
सोना 200 रुपये मजबूत, चांदी 2,040 रुपये चढ़कर एक लाख रुपये के पारआभूषण विक्रेताओं और स्टॉकिस्टों की मांग बढ़ने के कारण बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 200 रुपये बढ़कर 98,650 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी।
बृहस्पतिवार को 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 200 रुपये बढ़कर 98,200 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) हो गया।
वहीं, स्थानीय बाजारों में चांदी की कीमतें बृहस्पतिवार को 2,040 रुपये बढ़कर एक लाख रुपये प्रति किलोग्राम के महत्वपूर्ण स्तर को पार कर 1,01,200 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) पर पहुंच गईं।
एसोसिएशन ने कहा कि मजबूत वैश्विक रुझानों और पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव ने भी स्थानीय कीमतों का समर्थन किया।
अबान्स फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी चिंतन मेहता ने कहा, ‘‘आर्थिक स्थिरता को लेकर नई चिंताओं के बाद डॉलर के दबाव में रहने से सोने की कीमतों में तेजी जारी रही।’’
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हाजिर सोना 0.50 प्रतिशत गिरकर 3,298.69 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस पर रहा।
अमेरिकी डॉलर सूचकांक में तीव्र गिरावट और अमेरिकी ऋण को लेकर नई चिंताओं के कारण सोने की कीमतों में सकारात्मक कारोबार हुआ।
एलकेपी सिक्योरिटीज में उपाध्यक्ष (शोध विश्लेषक...जिंस और मुद्रस) जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘कमजोर डॉलर और चल रही वैश्विक भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं ने सुरक्षित-संपत्ति के रूप में सोने में निवेशकों की रुचि को बनाए रखा है।’’
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के कमोडिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी ने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच नए तनाव के बीच सुरक्षित-संपत्ति की मांग के कारण बृहस्पतिवार को सोने में बढ़त जारी रही। इससे जोखिमपूर्ण परिसंपत्तियों के लिए निवेशकों की रुचि कम हुई और सुरक्षित-संपत्ति की मांग में वृद्धि हुई।
इंडसइंड बैंक में नियमों के उल्लंघन की जांच कर रहा सेबी: तुहिन कांत पांडेभारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के अध्यक्ष तुहिन कांत पांडे ने गुरुवार को कहा कि इंडसइंड बैंक में कथित धोखाधड़ी और इनसाइडर ट्रेडिंग की आशंकाओं के मामले में सेबी संभावित उल्लंघनों की जांच कर रहा है।
उन्होंने कहा कि इंडसइंड बैंक मामले जहां भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अकाउंटिंग गड़बड़ियों की जांच कर रहा है। वहीं, सेबी भी अपने अधिकार क्षेत्र के अनुसार काम कर रहा है।
एसोचैम की '16वीं कैपिटल मार्केट कॉन्फ्रेंस' के अवसर पर मीडिया को संबोधित करते हुए पांडे ने कहा, "यह आरबीआई का अधिकार क्षेत्र है, लेकिन यदि किसी ने कोई गंभीर उल्लंघन किया है तो सेबी इसकी जांच कर रहा है।"
यह घटनाक्रम इंडसइंड बैंक द्वारा अपने ही कुछ कर्मचारियों से जुड़े एक संदिग्ध धोखाधड़ी का खुलासा करने के बाद सामने आया है। बैंक ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही के लिए 2,328.92 करोड़ रुपए का घाटा दर्ज किया है।
गंभीर अकाउंटिंग गड़बड़ियों के सामने आने के बाद यह बैंक के पहले तिमाही नतीजे हैं। इस मामले के कारण बैंक में कई उच्च-स्तरीय इस्तीफे, विनियामक जांच और कई ऑडिट हुए हैं। आय के बाद की कॉल में बैंक के बोर्ड ने कहा कि उसे संदेह है कि वित्तीय रिपोर्टिंग और अकाउंटिंग में शामिल कुछ कर्मचारियों ने धोखाधड़ी की हो सकती है।
बोर्ड ने मामले की सूचना विनियामक और जांच एजेंसियों को दे दी है और सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन कर रहा है।
इंटरनल ऑडिट कमेटी के अनुसार, प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि पूर्व प्रमुख प्रबंधकीय कर्मचारियों (केएमपी) सहित कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने आंतरिक नियंत्रणों को दरकिनार कर दिया है और बोर्ड और ऑडिटर्स से गलत अकाउंटिंग प्रैक्टिस को छिपाया है।
ऑडिट डिपार्टमेंट ने 21 मई को खुलासा किया कि दिसंबर 2024 को समाप्त होने वाली तीन तिमाहियों में बैंक के माइक्रोफाइनेंस डिवीजन में शुल्क आय के रूप में 172.58 करोड़ रुपए गलत तरीके से दर्ज किए गए थे। चौथी तिमाही में इस त्रुटि को ठीक कर दिया गया, जिससे बैंक को नुकसान हुआ।
इंडसइंड बैंक के चेयरमैन सुनील मेहता ने कहा कि बोर्ड इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से ले रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी चूक से बचने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं और बैंक के गवर्नेंस कल्चर में सुधार करना अब सर्वोच्च प्राथमिकता है।
बैंक शामिल कर्मचारियों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों की भी समीक्षा कर रहा है और अपनी आंतरिक आचार संहिता के अनुसार सख्त कार्रवाई करेगा।
मेहता ने यह भी बताया कि बैंक का बोर्ड 30 जून तक आरबीआई को नए सीईओ की नियुक्ति के लिए अपनी सिफारिश भेजेगा।