बेलपत्र (Bilva Patra) का धार्मिक और आयुर्वेदिक महत्व दोनों ही बहुत बड़ा है। हिंदू धर्म में इसे भगवान शिव को अर्पित करना शुभ माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह साधारण-सी दिखने वाली पत्ती सेहत के लिए भी किसी औषधि से कम नहीं है? आयुर्वेद में बेलपत्र को गुणों की खान बताया गया है, जो कई बीमारियों में लाभ पहुंचाती है।
बेलपत्र के प्रमुख औषधीय गुण
बेलपत्र का उपयोग कैसे करें
- काढ़ा बनाकर: बेलपत्र को उबालकर उसका काढ़ा पी सकते हैं।
- पाउडर के रूप में: सूखे बेलपत्र का पाउडर पानी या शहद के साथ लिया जा सकता है।
- जूस के रूप में: ताज़ी पत्तियों का रस पीना शरीर को डिटॉक्स करने में सहायक है।
- पेस्ट लगाकर: बेलपत्र का लेप त्वचा रोगों में लगाया जा सकता है।
सावधानियाँ
- किसी भी औषधीय उपयोग से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएँ इसका सेवन डॉक्टर की देखरेख में ही करें।
बेलपत्र केवल पूजा-पाठ का हिस्सा नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी एक वरदान है। नियमित और सही तरीके से इसका उपयोग पाचन से लेकर हृदय और शुगर कंट्रोल तक में मदद कर सकता है। यही कारण है कि इसे वास्तव में “गुणों की खान” कहा जाता है।