यूरोप में सुरक्षा का तापमान बढ़ गया है जब रूस के ड्रोन पोलैंड की सीमा में दाखिल हुए। इस बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस घटना को “गलती हो सकती है” करार देते हुए कहा कि वे इस पूरे प्रेसार से खुश नहीं हैं, और उम्मीद जताई कि यह खतरा जल्दी ही समाप्त हो जाएगा।
पोलैंड की सरकार ने तुरंत प्रतिवाद किया और इस घुसपैठ को जानबूझकर किया गया घटना बताया। प्रधानमंत्री डोनाल्ड तुस्क ने इसे एक स्पष्ट “aggression” अर्थात आक्रामकता करार दिया, जबकि विदेश मंत्री राडोस्लाव सिकार्स्की ने कहा कि यह कोई मामूली गलती नहीं हो सकती क्योंकि कई ड्रोन एक साथ घुसे थे।
घटना बुधवार‑रात की है, जब लगभग 19 ड्रोन पोलैंड की हवाई सीमा में दाखिल हुए, कुछ को नाटो और पोलिश वायुसेना द्वारा मार गिराया गया।इसके बाद पोलैंड ने (NATO) के Article 4 को सक्रिय किया, जो कि सदस्य देशों को यह अधिकार देता है कि अगर उनके क्षेत्र की सुरक्षा को खतरा हो, तो सभी साथी राष्ट्रों के साथ चर्चा हो।
इसी बीच फ्रांस ने कदम उठाया। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने घोषणा की कि फ्रांस तीन राफेल फाइटर‑जेट्स पोलैंड भेज रहा है ताकि पोलिश हवाई क्षेत्र की रक्षा को मजबूत किया जा सके।मैक्रों ने कहा कि यूरोप की सुरक्षा, विशेषकर NATO के पूर्वी सीमा पर, अब अहम प्राथमिकता है।
ट्रम्प ने मीडिया से कहा कि “यह गलती हो सकती है, लेकिन फिर भी इस स्थिति से मुझे खुशी नहीं है। उम्मीद है कि यह जल्द समाप्त हो जाएगा।”इस बयान ने अमेरिका‑नाटो के रवैये पर बहस को बढ़ा दिया है क्योंकि यूरोपीय नेताओं ने इसे रूस द्वारा जानबूझ कर की गई चुनौती बताया है।
पोलैंड की ओर से इस घटना पर रिकॉर्ड कार्रवाई की गई है: विमानन मार्गों को कुछ हिस्सों में बंद करना, नागरिक उड़ानों पर पाबंदियाँ लगाना, साथ ही NATO और यूरोपीय सहयोगियों से अतिरिक्त वायु सुरक्षा उपकरणों की मांग।
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