घी और दूध भारतीय रसोई के पारंपरिक और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ हैं। अक्सर इन्हें सेहत का वरदान माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनके सेवन के दौरान कुछ सामान्य गलतियां आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकती हैं? खासतौर पर लिवर (यकृत) के स्वास्थ्य के लिए ये गलतियां खतरनाक साबित हो सकती हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो दूध और घी का सही तरीके से सेवन करना जरूरी है, वरना ये आपकी सेहत पर विपरीत प्रभाव डाल सकते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि घी और दूध खाते समय कौन-कौन सी गलतियां आपकी लिवर हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकती हैं और इन्हें कैसे टाला जाए।
घी और दूध के फायदे और उनका सही सेवन
घी और दूध में भरपूर मात्रा में विटामिन A, D, E और K होते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। इसके अलावा घी में अच्छे फैट्स होते हैं, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं। दूध कैल्शियम का अच्छा स्रोत है जो हड्डियों को मजबूत बनाता है।
लेकिन लिवर एक्सपर्ट कहते हैं, “घी और दूध के सही सेवन के नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। इनके अनुचित सेवन से लिवर पर अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है और इससे स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं हो सकती हैं।”
घी और दूध खाते समय अक्सर की जाने वाली गलतियां
खाली पेट घी और दूध का सेवन
खाली पेट दूध या घी लेने से पाचन तंत्र पर दबाव पड़ता है, जिससे गैस, एसिडिटी और लिवर की समस्या हो सकती है। इसे भोजन के साथ या भोजन के बाद लेना बेहतर होता है।
ज्यादा मात्रा में सेवन
अधिक घी या दूध का सेवन कैलोरी की अधिकता और वजन बढ़ाने का कारण बन सकता है, जो लिवर के लिए नुकसानदायक है। दिन में घी 1-2 चम्मच और दूध 1-2 गिलास पर्याप्त होते हैं।
कच्चा दूध बिना पका पीना
कच्चा दूध में हानिकारक बैक्टीरिया हो सकते हैं, जो लीवर सहित शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। हमेशा दूध को उबालकर ही पीना चाहिए।
ठंडा दूध और घी एक साथ खाना
आयुर्वेद के अनुसार ठंडा दूध और गर्म घी का एक साथ सेवन पाचन क्रिया को प्रभावित कर सकता है, जिससे लिवर और अन्य अंगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
घी और दूध का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के
खासकर अगर लिवर से जुड़ी कोई समस्या हो तो इनका सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना न करें।
लिवर की देखभाल के लिए क्या करें?
संतुलित और हल्का भोजन करें।
नियमित रूप से पानी पिएं ताकि लिवर की सफाई हो सके।
घी और दूध का सेवन सीमित मात्रा में करें।
शराब और अधिक तैलीय भोजन से बचें।
नियमित जांच कराएं और लिवर विशेषज्ञ से सलाह लेते रहें।
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