नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी एक बार फिर 'लाल' है मगर जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन की चार सीटों में से एक सीट पर 10 साल बाद अखिल भारतीय विद्याथों परिषद (एबीवीपी) ने आखिरकार कब्जा कर लिया है। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स असोसिएशन (आइसा) और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (डीएसएफ) पैनल से आइसा के सेंटर फॉर पॉलिटिकल स्टडीज के पीएचडी स्टूडेंट नीतीश कुमार नई यूनियन के प्रेजिडेंट होंगे। वाम संगठनों के गढ़ जेएनयू में इस बार चार लेफ्ट संगठनों का पैनल टूटकर दो हिस्सों में बंटे। यूनाइटेड लेफ्ट आइसा और डीएसएफ ने यूनियन चुनाव में तीन सीटों के साथ जीत हासिल की है। चारों सीटों पर लेफ्ट के इस पैनल को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से टक्कर मिली और एक सीट एबीवीपी ने लेफ्ट से छीन ली। वहीं, आइसा से अलग होकर स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) को नुकसान ही रहा, दो और संगठनों के संग बनाए गए इनका नया पैनल तीसरे स्थान पर रहा। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (JNUSU) चुनाव परिणाम घोषित हुए। नीतीश कुमार (AISA) अध्यक्ष चुने गए, मनीषा (DSF) उपाध्यक्ष चुनी गईं, मुंतेहा फातिमा (DSF) महासचिव चुनी गईं, वैभव मीना (ABVP) संयुक्त सचिव चुने गए। ...और पलट गई बाजी5588 वोटों की गिनती में करीब 3500 पोटों की गिनती तक एबीवीपी चारों सीटों पर आगे थी, मगर इसके बाद प्रेजिडेंट सीट पर लेफ्ट ने बढ़त बनाई और बाकी तीन सीटों पर एबीवीपी और लेफ्ट के बीच का अंतर कम होता गया। हालांकि, जॉइंट सेक्रेटरी पर एबीवीवी के वैभव मीणा ने बढ़त बनाए रखी। इस सीट पर मुकाबला सबसे ज्यादा रोमांचक रहा। साइंस, मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग के स्कूलों में जहां एबीवीपी को ज्यादा बोट मिले, वहीं स्टेशल साइंस, लैंग्वेजेज, इंटरनैशन रिलेशंस, आर्ट एंड एस्थैटिक्स जैसे स्कूलों में लेफ्ट ने हमेशा की तरह बाजी मारी।
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