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क्या AI की इस हिट लिस्ट में है आपकी जॉब? जानिए अगले 10 साल में कितनी बदल जाएगी जॉब मार्केट

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पारंपरिक नौकरियों को पूरी तरह खत्म करने वाला है, इस सोच के साथ परेशान होने की जरूरत नहीं है। एआई इन्हें खत्म तो नहीं करेगा लेकिन बदलेगा जरूर। ह्यूमन स्किल की वैल्यू, रिपिटेटिव टास्क के ऑटोमेशन और नए रोल्स के साथ पारंपरिक नौकरियों का कलेवर भी बदलेगा।

वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम जैसी संस्थाओं ने माना है कि कुछ नौकरियों में बदलाव होगा लेकिन नई नौकरियां भी जॉब मार्केट में आएंगी। पर इससे घबराने की बजाय खुद को स्किल्ड बनाना ज्यादा जरूरी है। युवाओं के लिए नए स्किल सीखना काफी मददगार साबित हो सकता है। खासकर एआई की समझ और जिम्मेदारी से इस्तेमाल उनके करियर को ऊंचाइयों पर ले जाएगा।


AI की हिट लिस्ट में है ये नौकरियांएआई का खतरा उन नौकरियों पर होगा जो प्रिडेक्टेबल वाले खाके में फिट बैठती हैं। या जिन्हें रूटीन कामों में से एक माना जाता है। इन कामों में ऑटोमेशन होगा और इसके लिए तैयार रहने की जरूरत भी है-


  • डेटा एंट्री- इस काम को एआई सटीक तरीके से करता है और बहुत ज्यादा होने पर भी आराम से मैनेज कर लेता है।
  • कस्टमर सर्विस- चैटबॉट्स और वर्चुअल असिस्टेंट्स कस्टमर सर्विस को संभाल कर ह्युमन एजेंट को की जरूरत को खत्म कर सकते हैं।
  • ट्रांसपोर्टेशन- व्हीकल टेक्नोलॉजी के साथ ड्राइवर्स का रोल भी कम हो रहा है। ड्राईवरलेस टैक्सी इसका उदाहरण है।
  • मेन्यूफैक्चरिंग- इंडस्ट्रियल रोबोट्स के साथ एआई-पावर्ड सिस्टम पैकेजिंग और सॉर्टिंग टास्क पर हावी होते जा रहे हैं।
  • कंटेंट जेनरेशन- खासतौर पर मार्केटिंग से जुड़ी कंटेंट राइटिंग, प्रूफरीडिंग और ग्राफिक डिजाइन के लिए एआई आसानी से कंटेंट जेनरेशन कर लेते हैं। अगर आप अपनी नौकरी को एआई के खतरे से बचाना चाहते हैं तो इस बदलाव को अच्छे से समझना जरूरी है। NBT Upskill's AI की करियर ग्रोथ वर्कशॉप ज्वॉइन करके खुद को भविष्य के लिए तैयार रख सकते हैं।

इन नौकरियों पर अभी नहीं होगा एआई का असरकुछ नौकरियां ऐसी भी हैं, जो एआई के साथ आसानी से तालमेल बैठा लेती हैं। ये ऐसे कुछ काम हैं, जिसमें ह्यूमन टच के बिना काम चलेगा ही नहीं जैसे क्रिएटिविटी, इमोशनल इंटेलिजेंस और क्रिटिकल थिंकिंग। इन कामों पर एआई का असर अगले कई सालों तक बहुत ज्यादा नहीं होगा, इनमें से कुछ हैं-

  • हेल्थकेयर: एआई डायग्नोस्टिक और डेटा मैनेजमेंट में मदद कर सकता है। जबकि डॉक्टर, नर्स और थेरेपिस्ट इलाज करते हैं।
  • एजुकेशन: टीचर एआई से सवाल तैयार कर सकते हैं लेकिन पढ़ाने का काम वो खुद करेंगे, बात तब ही बना पाएगी।
  • स्किल वर्कर्स: इलेक्ट्रिशियन, बढ़ई और मैकेनिक वाले काम भी हमेशा ह्यूमन सेंट्रिक ही रहेंगे। इनमें एआई से सॉल्यूशन मांगने का काम तो किया जा सकता है लेकिन एआई सारे सुधार नहीं कर पाएगा।
  • क्रिएटिव प्रोफेशनल्स: आर्टिस्ट,राइटर और म्यूजिशियन जैसे प्रोफेशन क्रिएटिविटी पर आधारित हैं और इनमें ओरिजिनेलिटी की जरूरत होती है। ये काम इंसानी समझ के साथ ज्यादा बेहतर तरीके से किया जा सकता है। इसमें एआई आइडिया जेनरेशन का काम करता है।
  • लीडरशिप: किसी भी कंपनी का हेड कई कड़े और कठिन निर्णय लेता है। इन निर्णयों के लिए मोटिवेशन, काम की दिक्कतें, व्यक्तिगत सोच और जरूरत के हिसाब से सोच-विचार करना पड़ता है। इसको एआई पूरी तरह से नहीं कर सकता है।

नईं नौकरियां जो एआई ने बनाई
  • एआई के चलते कई नए जॉब ऑप्शन भी युवाओं के सामने आ रहे हैं। इनमें कुछ हैं-
  • एआई एक्सपर्ट
  • प्रॉम्प्ट इंजीनियर
  • एआई एथिक्स ऑफिसर
  • एआई असिस्टेंट

जरूरी सलाह : आगे करियर में दिक्कत न हो इसलिए एआई की अहमियत समझते हुए इसे अपनाने की कोशिश करनी होगी। एआई स्किल्स और नए अपडेट्स के बारे में जानकारी भी जरूरी है। एआई टूल्स के इस्तेमाल को लेकर भी आपको आसान नजरिया अपनाना होगा।
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