Higher Education Cost in UK: ब्रिटेन दुनिया के उन देशों में शामिल है, जहां हायर एजुकेशन काफी ज्यादा महंगा है। ब्रिटिश यूनिवर्सिटी अपनी महंगी फीस के लिए जानी जाती हैं, जहां ना सिर्फ क्वालिटी एजुकेशन मिलता है, बल्कि यहां मिलने वाली डिग्री की दुनियाभर में वैल्यू भी होती है। ब्रिटेन में रहने-खाने का खर्च भी काफी ज्यादा हैं। हालांकि, अब अगर आप ब्रिटेन में डिग्री लेने जाएंगे, तो पहले के मुकाबले ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे। इसकी वजह ब्रिटिश सरकार के नए नियम हैं।
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दरअसल, ब्रिटेन में कई तरह के नए इमिग्रेशन नियम लाए गए हैं, जिनकी वजह ये यहां पर नौकरी से लेकर पढ़ाई तक के कायदे-कानून बदल जाएंगे। ब्रिटिश संसद में सरकार ने नए नियमों को पेश किया है, जो अगले साल से लागू होने वाले हैं। इन नियमों का असर विदेशी छात्रों और वर्कर्स पर होगा। जैसे अब स्किल वीजा के लिए विदेशी वर्कर्स को 'सिक्योर इंग्लिश लैंग्वेज टेस्ट' नाम की एक अंग्रेजी की परीक्षा देनी होगी। इसके स्कोर के आधार पर ही वीजा दिया जाएगा। ये टेस्ट खुद ब्रिटिश गृह मंत्रालय कराएगा।
ब्रिटेन में पढ़ने का बढ़ा खर्च?
ब्रिटेन में अगले अकेडमिक ईयर से पढ़ाई का खर्च बढ़ेगा। जनवरी से विदेशी छात्रों को पढ़ने के लिए ज्यादा सेविंग होने का सबूत देना होगा। जो भी छात्र लंदन में स्थित किसी यूनिवर्सिटी में पढ़ने जाएंगे, उन्हें साबित करना होगा कि उनके पास हर महीने का खर्च उठाने के लिए 1,529 पाउंड (लगभग 1.80 लाख रुपये) हैं। पहले ये राशि 1,483 पाउंड थी। इसी तरह से लंदन के अलावा अन्य शहरों में पढ़ने जाने वाले छात्रों को साबित करना होगा कि उनके पास हर महीने 1,171 पाउंड (1.38 लाख रुपये) की सेविंग है।
पोस्ट स्टडी वर्क वीजा की अवधि भी घटी
सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि अब ब्रिटेन में स्टूडेंट्स को डिग्री पूरी करने के बाद जॉब करने और ढूंढने के लिए मिलने वाले ग्रेजुएट रूट वीजा की अवधि भी घटा दी गई है। 1 जनवरी 2027 से स्टूडेंट्स को सिर्फ 18 महीने के लिए ग्रेजुएट रूट वीजा दिया जाएगा। पहले ये दो साल के लिए दिया जाता था। हालांकि, अगर कोई पीएचडी की पढ़ाई करता है, तो फिर उसे तीन साल तक जॉब करने की इजाजत होगी। इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। ग्रेजुएट रूट वीजा की वजह से ही ज्यादा भारतीय ब्रिटेन पढ़ने जाते थे।
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दरअसल, ब्रिटेन में कई तरह के नए इमिग्रेशन नियम लाए गए हैं, जिनकी वजह ये यहां पर नौकरी से लेकर पढ़ाई तक के कायदे-कानून बदल जाएंगे। ब्रिटिश संसद में सरकार ने नए नियमों को पेश किया है, जो अगले साल से लागू होने वाले हैं। इन नियमों का असर विदेशी छात्रों और वर्कर्स पर होगा। जैसे अब स्किल वीजा के लिए विदेशी वर्कर्स को 'सिक्योर इंग्लिश लैंग्वेज टेस्ट' नाम की एक अंग्रेजी की परीक्षा देनी होगी। इसके स्कोर के आधार पर ही वीजा दिया जाएगा। ये टेस्ट खुद ब्रिटिश गृह मंत्रालय कराएगा।
ब्रिटेन में पढ़ने का बढ़ा खर्च?
ब्रिटेन में अगले अकेडमिक ईयर से पढ़ाई का खर्च बढ़ेगा। जनवरी से विदेशी छात्रों को पढ़ने के लिए ज्यादा सेविंग होने का सबूत देना होगा। जो भी छात्र लंदन में स्थित किसी यूनिवर्सिटी में पढ़ने जाएंगे, उन्हें साबित करना होगा कि उनके पास हर महीने का खर्च उठाने के लिए 1,529 पाउंड (लगभग 1.80 लाख रुपये) हैं। पहले ये राशि 1,483 पाउंड थी। इसी तरह से लंदन के अलावा अन्य शहरों में पढ़ने जाने वाले छात्रों को साबित करना होगा कि उनके पास हर महीने 1,171 पाउंड (1.38 लाख रुपये) की सेविंग है।
पोस्ट स्टडी वर्क वीजा की अवधि भी घटी
सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि अब ब्रिटेन में स्टूडेंट्स को डिग्री पूरी करने के बाद जॉब करने और ढूंढने के लिए मिलने वाले ग्रेजुएट रूट वीजा की अवधि भी घटा दी गई है। 1 जनवरी 2027 से स्टूडेंट्स को सिर्फ 18 महीने के लिए ग्रेजुएट रूट वीजा दिया जाएगा। पहले ये दो साल के लिए दिया जाता था। हालांकि, अगर कोई पीएचडी की पढ़ाई करता है, तो फिर उसे तीन साल तक जॉब करने की इजाजत होगी। इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। ग्रेजुएट रूट वीजा की वजह से ही ज्यादा भारतीय ब्रिटेन पढ़ने जाते थे।
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