नवीन निश्चल, नई दिल्लीः द्वारका के सेक्टर-16 बी में एक अजीबोगरीब हादसा हो गया। यहां के त्रिवेणी हाइट्स अपार्टमेंट में रविवार रात अचानक तेज आवाज के साथ बेसमेंट में धमाका हुआ। देखते ही देखते फर्श पर कई जगह से दरारें आ गईं और बेसमेंट में पानी भरना शुरू हो गया। तेज आवाज सुनकर लोग वहां पहुंचे तो नीचे वाले बेसमेंट की हालत देखकर चौक गए। यह हादसा नीचे वाले बेसमेंट में हुआ।
जानकारी के अनुसार, धमाके के बाद गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हुई है। एक गाड़ी के ओनर गोविंद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि यह सोचकर फ्लैट लिया था कि यहां पर अब बेहतर होगा। धमाके के बाद मेरी गाड़ी इतनी दूर जाकर गिरी और पिलर से टकराई। पूनम का कहना है कि डीडीए इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है। पहले भी शिकायत की गई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
स्ट्रक्चर को लेकर लोग पहले भी कर चुके हैं शिकायत सोसायटी के प्रेजिडेंट बीसी मिश्रा ने बताया कि यहां रहने वाले सैकड़ों लोग पैनिक सिचुएशन में आ गए है। क्योंकि इस तरह का हादसा होने का मतलब है कि कुछ न कुछ गड़बड़ है। सोसायटी के सेक्रेटरी अरुण अग्रवाल ने बताया कि यहां के स्ट्रक्चर को लेकर पहले भी हम लोग कई बार शिकायत कर चुके है। कुछ साल पहले स्ट्रक्चर तैयार हुआ है और अभी से दिक्कतें आनी शुरू हो गई है।
DDA को सही तरीके से वजह का पता लगाना चाहिएसोसायटी के वाइस प्रेजिडेंट प्रदीप झा का कहना है कि अभी तक समझ नहीं आया है कि आखिर यह हुआ क्यों। DDA की टीम जब तक जांच करके कारण का पता नहीं लगा लेती, तब तक यह कहना मुश्किल है कि यह जगह हम लोगों के लिए रहने लायक है भी या नहीं। हादसा के बाद पुलिस सहित कई डिपार्टमेंट को सूचना दी।
लोग डर के साए में, यहां रहें या घर खाली करेंसोसायटी के मैनेजर दीपक ने बताया कि इस सोसायटी में 348 फ्लैट्स है। अभी कुछ फ्लैट्स का ऑक्शन होना बाकी है। सोमवार को भी यहां के फ्लैट्स को लेकर ऑक्शन हुआ है। लेकिन दूसरी तरफ असल स्थिति यह है कि ब्लास्ट में बेसमेंट का पिलर भी डैमेज हो रहा है। लोग यह सोचने पर भी मजबूर हैं कि क्या वे लोग अपने-अपने फ्लैट्स को खाली करें या नहीं। क्योंकि पिलर के डैमेज होने से डर का माहौल हो गया है। यहां के लोग मात्र सोसायटी की इस हालत को लेकर कंस्ट्रक्शन क्वॉलिटी पर सवाल उठा रहे हैं। IIT रुड़की से बिल्डिंग की सही स्थिति की जांच कराने की मांग कर रहे हैं।
बिल्डिंग स्ट्रक्चरल सेफ्टी के हिसाब से पूरी तरह सुरक्षितलोगों का कहना है कि इस तरह का हादसा दिल्ली में पहली बार देखने को मिला है। डीडीए अधिकारियों ने बताया कि त्रिवेणी हाइट्स सोसायटी के लोअर बेसमेंट मे हुआ धमाका दरअसल जमीन के नीचे जमा गैस और बढ़े हुए ग्राउंड वॉटर लेवल के दबाव की वजह से हुआ है। इस घटना से सोसायटी में रहने वाले लोगों को किसी तरह का खतरा नहीं है। बिल्डिंग स्ट्रक्चरल सेफ्टी के हिसाब से पूरी तरह सुरक्षित है। डीडीए के मुताबिक, 5 अक्टूबर की रात सोसायटी के बेसमेंट स्लैब में अचानक उभार देखा गया। उसी दौरान तेज आवाज के साथ फर्श फट गया। डीडीए अधिकारियों ने बताया कि स्ट्रक्चरल सेफ्टी एक्सपर्ट और भू-तकनीकी विशेषज्ञों से राय ली जा रही है ताकि समस्या का पूरा आकलन किया जा सके।
जांच के लिए डीडीए ने बनाई तीन टीमेंडीडीए के बोर्ड मेंबर राजीव बब्बर ने बताया कि यह गंभीर मामला है, इसलिए जमीन के अंदर हुए विस्फोट की जांच के लिए तीन अलग-अलग टीमें बनाई गई है। इन टीमों में जियोलॉजिस्ट और स्ट्रक्चरल सेफ्टी एक्सपर्ट शामिल है। उन्होंने कहा कि जांच सिर्फ त्रिवेणी हाइट्स तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि द्वारका की सभी सोसायटियो में ये टीमें स्टडी करेंगी। कुछ दिनों में रिपोर्ट आने के बाद डीडीए आगे की कार्रवाई करेगा। सोसायटी स्ट्रक्चरल सेफ्टी के लिहाज से पूरी तरह सुरक्षित है और यहां रहने वाले लोगों को किसी तरह का डर नही होना चाहिए।
जानकारी के अनुसार, धमाके के बाद गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हुई है। एक गाड़ी के ओनर गोविंद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि यह सोचकर फ्लैट लिया था कि यहां पर अब बेहतर होगा। धमाके के बाद मेरी गाड़ी इतनी दूर जाकर गिरी और पिलर से टकराई। पूनम का कहना है कि डीडीए इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है। पहले भी शिकायत की गई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
स्ट्रक्चर को लेकर लोग पहले भी कर चुके हैं शिकायत सोसायटी के प्रेजिडेंट बीसी मिश्रा ने बताया कि यहां रहने वाले सैकड़ों लोग पैनिक सिचुएशन में आ गए है। क्योंकि इस तरह का हादसा होने का मतलब है कि कुछ न कुछ गड़बड़ है। सोसायटी के सेक्रेटरी अरुण अग्रवाल ने बताया कि यहां के स्ट्रक्चर को लेकर पहले भी हम लोग कई बार शिकायत कर चुके है। कुछ साल पहले स्ट्रक्चर तैयार हुआ है और अभी से दिक्कतें आनी शुरू हो गई है।
DDA को सही तरीके से वजह का पता लगाना चाहिएसोसायटी के वाइस प्रेजिडेंट प्रदीप झा का कहना है कि अभी तक समझ नहीं आया है कि आखिर यह हुआ क्यों। DDA की टीम जब तक जांच करके कारण का पता नहीं लगा लेती, तब तक यह कहना मुश्किल है कि यह जगह हम लोगों के लिए रहने लायक है भी या नहीं। हादसा के बाद पुलिस सहित कई डिपार्टमेंट को सूचना दी।
लोग डर के साए में, यहां रहें या घर खाली करेंसोसायटी के मैनेजर दीपक ने बताया कि इस सोसायटी में 348 फ्लैट्स है। अभी कुछ फ्लैट्स का ऑक्शन होना बाकी है। सोमवार को भी यहां के फ्लैट्स को लेकर ऑक्शन हुआ है। लेकिन दूसरी तरफ असल स्थिति यह है कि ब्लास्ट में बेसमेंट का पिलर भी डैमेज हो रहा है। लोग यह सोचने पर भी मजबूर हैं कि क्या वे लोग अपने-अपने फ्लैट्स को खाली करें या नहीं। क्योंकि पिलर के डैमेज होने से डर का माहौल हो गया है। यहां के लोग मात्र सोसायटी की इस हालत को लेकर कंस्ट्रक्शन क्वॉलिटी पर सवाल उठा रहे हैं। IIT रुड़की से बिल्डिंग की सही स्थिति की जांच कराने की मांग कर रहे हैं।
बिल्डिंग स्ट्रक्चरल सेफ्टी के हिसाब से पूरी तरह सुरक्षितलोगों का कहना है कि इस तरह का हादसा दिल्ली में पहली बार देखने को मिला है। डीडीए अधिकारियों ने बताया कि त्रिवेणी हाइट्स सोसायटी के लोअर बेसमेंट मे हुआ धमाका दरअसल जमीन के नीचे जमा गैस और बढ़े हुए ग्राउंड वॉटर लेवल के दबाव की वजह से हुआ है। इस घटना से सोसायटी में रहने वाले लोगों को किसी तरह का खतरा नहीं है। बिल्डिंग स्ट्रक्चरल सेफ्टी के हिसाब से पूरी तरह सुरक्षित है। डीडीए के मुताबिक, 5 अक्टूबर की रात सोसायटी के बेसमेंट स्लैब में अचानक उभार देखा गया। उसी दौरान तेज आवाज के साथ फर्श फट गया। डीडीए अधिकारियों ने बताया कि स्ट्रक्चरल सेफ्टी एक्सपर्ट और भू-तकनीकी विशेषज्ञों से राय ली जा रही है ताकि समस्या का पूरा आकलन किया जा सके।
जांच के लिए डीडीए ने बनाई तीन टीमेंडीडीए के बोर्ड मेंबर राजीव बब्बर ने बताया कि यह गंभीर मामला है, इसलिए जमीन के अंदर हुए विस्फोट की जांच के लिए तीन अलग-अलग टीमें बनाई गई है। इन टीमों में जियोलॉजिस्ट और स्ट्रक्चरल सेफ्टी एक्सपर्ट शामिल है। उन्होंने कहा कि जांच सिर्फ त्रिवेणी हाइट्स तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि द्वारका की सभी सोसायटियो में ये टीमें स्टडी करेंगी। कुछ दिनों में रिपोर्ट आने के बाद डीडीए आगे की कार्रवाई करेगा। सोसायटी स्ट्रक्चरल सेफ्टी के लिहाज से पूरी तरह सुरक्षित है और यहां रहने वाले लोगों को किसी तरह का डर नही होना चाहिए।
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