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राजस्थान में फिर सामने खुलकर आई कांग्रेस की अर्तकलह, यहां 'मेवाराम' और 'चौधरी' गुट का दिखा शक्ति प्रदर्शन

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बाड़मेर: राजस्थान कांग्रेस में लगातार ऐसे वाकिए सामने आ रहे हैं, जो सांकेतिक रूप से यह बताने में स्पष्ट है कि पार्टी में गुटबाजी हावी हो रही है। पिछले दिनों झुंझुनूं में अशोक गहलोत के पिछले कार्यकाल में सलाहकार रहे पूर्व मंत्री एवं नवलगढ़ से तीन बार विधायक रहे डॉ. राजकुमार शर्मा के समर्थकों ने कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिनेश सुंडा और पूर्व महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष तारा पूनियां का खुलकर विरोध किया। जैसे ही दोनों मंच पर पहुंचे थे, तो शर्मा समर्थकों ने "गद्दार वापस जाओ" के नारे लगाकर माहौल गर्मा दिया था।





इसके बाद भीलवाड़ा में दौसा सांसद मुरारी लाल मीणा ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं असम के राज्यपाल रहे स्व. श्री शिवचरण माथुर एवं उनकी धर्मपत्नी स्व. श्रीमती सुशीला देवी माथुर की मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में भाषण देकर सियासी पारा गर्मा दिया था। यहां सचिन पायलट के कट्टर समर्थक कहे जाने वाले मुरारीलाल मीणा ने कहा था कि आज के नेता तो कुर्सी से चिपक जाते हैं। सियासी पंडित उनके बयान को अशोक गहलोत पर तंज के रूप में देख रहे थे।





बाड़मेर में जिलाध्यक्ष रेस के दौरान 'द्वंद'

इधर, मीडिया रिपोटर्स के अनुसार, बाड़मेर और बालोतरा में कांग्रेस जिलाध्यक्ष पद के लिए रायशुमारी के दौरान स्थानीय कांग्रेस दो धड़ों में बंटी हुई नजर आईं। यहां बाड़मेर में इस दौरान पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी और पूर्व मंत्री हरीश चौधरी के समर्थक एकजुट होकर वीरेंद्र धाम में आयोजित बैठक में शामिल हुए थे। दूसरी तरफ पूर्व विधायक मेवाराम जैन के यहां एकत्रित होकर सर्किट हाउस पहुंचे और पर्यवेक्षक से मुलाकात कर अपनी बात रखी। यहां उत्तर प्रदेश कांग्रेस के सह प्रभारी राजेश तिवारी नए जिलाध्यक्ष के चुनाव की रायशुमारी के लिए पहुंचे थे।



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