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कौन हैं IPS रमित शर्मा, ढहाया था अतीक अहमद का किला, अब तलाशेंगे करोड़पति पूर्व DSP ऋषिकांत शुक्ला के काले राज

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लखनऊ। खाकी वर्दी की आड़ में अकूत काली दौलत जमा करने वाले डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला को सस्पेंड करने के बाद अब उनके खिलाफ विजिलेंस और विभाग की जांच बिठा दी गई है। ऋषिकांत शुक्ला के पास लगभग 100 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति का पता चला है, जो उन्होंने कानपुर के वकील अखिलेश दुबे के साथ सांठ-गांठ कर जमा की। यूपी के अलग-अलग जिलों में भी उनकी कई बेनामी संपत्तियों की जानकारी सामने आई है। ऋषिकांत शुक्ला की काली कमाई का चिट्ठा और पूरी कुंडली खोलने की जिम्मेदारी अब उस आईपीएस अफसर को दी गई है, जिन्होंने अतीक अहमद का किला ध्वस्त किया था।

ऋषिकांत शुक्ला के मामले की जांच का जिम्मा आईपीएस रमित शर्मा को दिया गया है। रमित शर्मा वही पुलिस अफसर हैं, जिनके नेतृत्व में माफिया अतीक अहमद अहमद के बेटे असद का एनकाउंटर हुआ था। रमित शर्मा उस समय प्रयागराज के कमिश्नर थे और अतीक अहमद के खिलाफ मोर्चा लेने वाले उमेश पाल की हत्या ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया था। उनके नेतृत्व में एसओजी और प्रयागराज पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड में शामिल रहे अतीक अहमद के बेटे असद और तीन अन्य आरोपियों को मुठभेड़ में मार गिराया था।

खुद बनाया अपना एआई पीआरओमूल तौर पर वेस्ट यूपी में हापुड़ के रहने वाले रमित शर्मा 1999 बैच के आईपीएस अफसर हैं। साल 2022 में प्रयागराज जैसी अहम और बड़ी कमिश्नरी के पुलिस कमिश्नर रह चुके आईपीएस शर्मा इस समय बरेली जोन के एडीजी हैं। इससे पहले 2017 में उन्होंने प्रयागराज के आईजी रेंज की जिम्मेदारी भी संभाली। हाल ही में रमित शर्मा जनवरी 2025 में उस वक्त सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने स्मार्ट पुलिसिंग को बढ़ावा देने की पहल करते हुए, खुद अपना एआई पीआरओ तैयार किया और उसे 'जारविस' नाम दिया। इसी साल उन्हें राष्ट्रपति के विशिष्ट सेवा मेडल से भी नवाजा गया था।

खुलेंगे ऋषिकांत शुक्ला के राजपूर्व डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला को कभी उत्तर प्रदेश पुलिस में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहा जाता था। एसआईटी की जांच में पता चला कि शुक्ला ने पुलिस एनकाउंटर का डर दिखाकर लोगों की संपत्ति हड़पी और अपनी काली कमाई का साम्राज्य खड़ा कर दिया। शिकायतें मिलने के बाद उनके खिलाफ जांच कराई गई और आरोप सही मिलने पर सस्पेंड कर दिया गया। जांच में ऋषिकांत शु्क्ला की अखिलेश दुबे के साथ सांठ-गांठ का भी पता चला है। इसी सांठ-गांठ के जरिए करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्ति खड़ी की गई। शुक्ला के निशाने पर ज्यादातर बिल्डर, बिजनेसमैन और रईस लोग रहते थे।
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