नई दिल्ली: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीन मैचों की वनडे और पांच मैचों की टी20 सीरीज के लिए टीम का ऐलान 04 अक्टूबर को किया गया। टी20 टीम में तो सब कुछ अच्छा लग रहा था, लेकिन हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा वनडे स्क्वाड ने। दरअसल वनडे टीम में रोहित शर्मा का नाम तो था, लेकिन रोहित शर्मा इस बार टीम के कप्तान नहीं थे। रोहित शर्मा की जगह कप्तानी मिली शुभमन गिल को। फैंस को इस बात से काफी हैरानी हुई। हर किसी के दिमाग में एक ही सवाल था कि भला ऐसा क्यों? टीम इंडिया में सब कुछ तो अच्छा चल ही रहा था।
टीम का ऐलान होती ही भारतीय टीम के चीफ सेरेक्टर अजित अगरकर प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए पहुंचे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में अजित अगरकर अभी बैठे ही थे कि सवालों ने उन्हें पूरी तरह से घेर लिया। एक के बाद एक सवाल पूछे गए। पूछा गया कि रोहित शर्मा के साथ ये अन्याय क्यों। फिर उन्होंने जवाब दिया कि वह शुभमन गिल को 2027 वनडे वर्ल्ड कप से पहले बतौर कप्तान तैयार करना चाहते हैं और उन्हें समय की जरूरत है। अजित अगरकर की इन बातों में दम तो था। मगर जिस कप्तान ने कुछ महीने पहले आईसीसी टूर्नामेंट में भारत को चैंपियन बनाया हो उसे कप्तानी से हटाना कितना सही था, ये सवाल अभी भी है।
आईसीसी ट्रॉफी टीम इंडिया के लिए लकी, लेकिन रोहित के लिए पनौती
टीम इंडिया 11 सालों से आईसीसी ट्रॉफी की तलाश में थी। कप्तान बदले, लेकिन रिजल्ट हर बार एक ही था। फाइनल या सेमीफाइनल में जाकर टीम इंडिया का चोक करना। फिर बतौर कप्तान एंट्री हुई रोहित शर्मा की। रोहित शर्मा की कप्तानी में भी टीम इंडिया का हाल ऐसा ही था, लेकिन 2022 टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में इंग्लैंड से मिली हार के बाद रोहित शर्मा ने अपने गेम को पूरी तरह से बदल दिया। इसके बाद भारत ने जीता टी20 वर्ल्ड कप 2024 और फिर जीता चैंपियंस ट्रॉफी 2025। भारत ने वनडे वर्ल्ड कप 2023 में भी लगभग ट्रॉफी का स्वाद चख ही लिया था, लेकिन फाइनल में भारत चूक गया।
रोहित शर्मा की कप्तानी में जब-जब भारत चैंपियन बना। देश तो खुश हुआ, लेकिन बीसीसीआई ने रोहित शर्मा के साथ अन्याय किया। टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद रोहित शर्मा ने संन्यास ले लिया। हालांकि यह उनका निजी फैसला था। फिर भी कहीं न कहीं चैंपियन बनने के बाद एक कप्तान का संन्यास लेना काफी अजीब का अहसास करवा जाता है। चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद रोहित खुद को 2027 वनडे वर्ल्ड कप के लिए तैयार कर रहे थे, लेकिन सेलेक्टर्स तो कुछ अलग ही गेम करने के प्लान में थे। चैंपियंस ट्रॉफी भारत तो जीत गया, लेकिन रोहित कप्तानी हार गए। कुल मिलाकर यह कहना गलत नहीं होगा कि रोहित शर्मा के लिए आईसीसी ट्रॉफी पनौती है। इससे पहले एमएस धोनी, कपिल देव, सौरव गांगूली ने भी भारत के लिए आईसीसी ट्रॉफी जीता, लेकिन उनके साथ कभी ऐसा नहीं हुआ।
टीम का ऐलान होती ही भारतीय टीम के चीफ सेरेक्टर अजित अगरकर प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए पहुंचे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में अजित अगरकर अभी बैठे ही थे कि सवालों ने उन्हें पूरी तरह से घेर लिया। एक के बाद एक सवाल पूछे गए। पूछा गया कि रोहित शर्मा के साथ ये अन्याय क्यों। फिर उन्होंने जवाब दिया कि वह शुभमन गिल को 2027 वनडे वर्ल्ड कप से पहले बतौर कप्तान तैयार करना चाहते हैं और उन्हें समय की जरूरत है। अजित अगरकर की इन बातों में दम तो था। मगर जिस कप्तान ने कुछ महीने पहले आईसीसी टूर्नामेंट में भारत को चैंपियन बनाया हो उसे कप्तानी से हटाना कितना सही था, ये सवाल अभी भी है।
आईसीसी ट्रॉफी टीम इंडिया के लिए लकी, लेकिन रोहित के लिए पनौती
टीम इंडिया 11 सालों से आईसीसी ट्रॉफी की तलाश में थी। कप्तान बदले, लेकिन रिजल्ट हर बार एक ही था। फाइनल या सेमीफाइनल में जाकर टीम इंडिया का चोक करना। फिर बतौर कप्तान एंट्री हुई रोहित शर्मा की। रोहित शर्मा की कप्तानी में भी टीम इंडिया का हाल ऐसा ही था, लेकिन 2022 टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में इंग्लैंड से मिली हार के बाद रोहित शर्मा ने अपने गेम को पूरी तरह से बदल दिया। इसके बाद भारत ने जीता टी20 वर्ल्ड कप 2024 और फिर जीता चैंपियंस ट्रॉफी 2025। भारत ने वनडे वर्ल्ड कप 2023 में भी लगभग ट्रॉफी का स्वाद चख ही लिया था, लेकिन फाइनल में भारत चूक गया।
रोहित शर्मा की कप्तानी में जब-जब भारत चैंपियन बना। देश तो खुश हुआ, लेकिन बीसीसीआई ने रोहित शर्मा के साथ अन्याय किया। टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद रोहित शर्मा ने संन्यास ले लिया। हालांकि यह उनका निजी फैसला था। फिर भी कहीं न कहीं चैंपियन बनने के बाद एक कप्तान का संन्यास लेना काफी अजीब का अहसास करवा जाता है। चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद रोहित खुद को 2027 वनडे वर्ल्ड कप के लिए तैयार कर रहे थे, लेकिन सेलेक्टर्स तो कुछ अलग ही गेम करने के प्लान में थे। चैंपियंस ट्रॉफी भारत तो जीत गया, लेकिन रोहित कप्तानी हार गए। कुल मिलाकर यह कहना गलत नहीं होगा कि रोहित शर्मा के लिए आईसीसी ट्रॉफी पनौती है। इससे पहले एमएस धोनी, कपिल देव, सौरव गांगूली ने भी भारत के लिए आईसीसी ट्रॉफी जीता, लेकिन उनके साथ कभी ऐसा नहीं हुआ।
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