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'जब मैंने कहा कि बस एक ही बच्चा काफी है, तो लोग बोले- ताकि फिगर बना सको और हर वीकेंड पार्टी कर सको

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कुछ लोगों को दूसरों की जिंदगी पर कमेंट करने की इतनी आदत होती है कि वे बेहद निजी फैसलों में भी दखल देने से पीछे नहीं हटते। ऐसा ही मेरे साथ हुआ। जब मैंने खुलकर कहा कि मेरे लिए बस एक ही बच्चा काफी है और मुझे दूसरा नहीं चाहिए, तो लोग मुझे जज करने लगे। किसी ने ताना मारते हुए कहा- ‘अरे हां भाई! अब तो हर वीकेंड पार्टी भी तो करनी है।’ बच्‍चा कर लेंगे, तो फ‍िर ये सब कैसे हो पाएगा।


कोई कहता है- ‘हां भई! अब आजादी भी तो कोई चीज है। इतने सालों से बच्चे-घर की कैदी बनी थी, अब निकलोगी दीन-दुनिया घूमने।’ कुछ लोग तो इतनी घटियापन पर उतर आए कि कहने लगे 'तुम्हें तो दूसरा बच्चा इसलिए नहीं चाहिए क्योंकि कौन अब दोबारा फिगर बिगाड़े और फिर, दूसरे मर्दों की नजर में भी तो फिट रहना है ना।’ अब तो ये ताने मुझ पर असर नहीं करते। लेकिन उस वक्‍त… सच कहूं तो मैं बिल्कुल टूट जाया करती थी..


सभी तस्‍वीरें- सांकेत‍िक
बेटे के बर्थडे पर शुरू हुआ सि‍लस‍िला image

आज भी याद है मुझे, पहली बार यह बात तब उठी थी, जब घर पर हमने नींव (बेटे) के दो साल पूरे होने पर बर्थडे पार्टी रखी थी। उस वक्‍त पूरा घर बच्चों, रिश्तेदारों और दोस्तों से भरा हुआ था। हम सभी बर्थडे की तैयारियों में खोए हुए थे। रजन (पति) अपने फ्रेंड्स और बच्चों में बिजी थे। मैं भी बस दीदी, बुआ और बाकी औरतों के साथ गपशप और खाने-पकाने में लगी हुई थी। इसी बीच, अचानक भाभी ने बड़ी ही हंसी-ठिठोली वाले लहजे में कहा- अगला बर्थडे तो तभी मजेदार होगा जब नींव के भाई-बहन भी साथ में होंगे।’



सबने कठघरे में खड़ा कर द‍िया image

तभी फिर एक और रिश्तेदार बोलीं- हां भई! जल्दी बच्‍चा पैदा कर लो, वरना उम्र निकल जाएगी। एक बच्चा क्या चीज है? घर पूरा तो दो बच्चों से ही होता है। उस वक्‍त मैंने मुस्कुराकर बात टाल दी थी, लेकिन अंदर से ऐसा लगा जैसे किसी ने मुझे भीड़ के सामने कठघरे में खड़ा कर दिया हो। कुछ समय के ल‍िए पार्टी की सारी रौनक एक पल को मेरे लिए फीकी पड़ गई थी। लेक‍िन फ‍िर बच्‍चे के बर्थडे में बात आई-गई हो गई।


बेटा रह जाएगा अकेला image

नींव की बर्थडे पार्टी से शुरू हुआ दूसरे बच्चे के ल‍िए तानों का सिलसिला फिर थमा ही नहीं। अब तो फ‍िर जैसे ही बुआ या चाची का फोन आता, बस हर कोई यही सवाल करने लगता- ‘तो अब खुशखबरी कब सुना रही हो? अब तो दो साल हो गए।’ कर लो वरना नींव अकेला पड जाएगा। गुमसुम रहेगा। क‍िससे अपनी बातें शेयर करेगा। उनकी बातें सुन-सुनकर मैं हर बार असहज हो जाती थी। कभी गुस्सा आता, कभी खुद से ही सवाल करती क‍ि कहीं मैं कुछ गलती तो नहीं कर रही हूं।


ताक‍ि एक बच्‍चे को दे सकें अच्‍छा फ्यूचर image

शुरुआत में तो मैंने लोगों को समझाने की कोशिश की कि मेरा सिर्फ एक बच्चा पैदा करने का फैसला स‍िर्फ आजादी या ‘मस्ती’ से जुड़ा नहीं है। इसके पीछे कई गंभीर वजहें हैं। सबसे पहले, मैं और रजत दोनों अपने करियर पर फोकस करना चाहते हैं, ताकि हम नींव को एक स‍िक्‍योर फ्यूचर दे सकें। क्‍योंक‍ि, आज के समय में महंगाई इतनी बढ़ चुकी है कि बच्चों की पढ़ाई, हेल्थ, एक्स्ट्रा-करीकुलर एक्टिविटीज और बाकी जरूरतों पर बहुत मोटा खर्च आता है। बस इसी वजह से हम एक ही बच्चे को पूरी तवज्जो देंगे। उसकी एजुकेशन, हेल्थ और ड्रीम्स पर पूरा ध्यान देंगे। दो बच्चों के बीच ये सब बांटना आसान नहीं होता है।


मुझे आने लगे थे एंग्‍जाइटी अटैक image

लोगों को कई बार समझाने के बाद भी लोगों के ताने कम नहीं हुए। वहीं, तंज का असर मुझ पर इतना गहरा हुआ क‍ि सुनकर मेरी हालत खराब हो गई थी। मैंने लोगों की बातों को इस कदर दिल पर ले लिया था कि इसका असर मेरी सेहत पर पड़ने लगा। मैं क्लासरूम में बच्चों को पढ़ा रही होती थी और अचानक वही बातें दिमाग में घूमने लगतीं थी क‍ि ‘दूसरा बच्चा कब पैदा कर रही हो? अकेला बच्चा बिगड़ जाएगा या नींव को अकेलापन घेर लेगा। इन तानों की गूंज इतनी तेज होती कि मैं घबरा जाती। कभी-कभी तो हालात ऐसे हो जाते कि हाथ कांपने लगते, दिल की धड़कन तेज हो जाती और पूरा शरीर पसीने से तर-बतर हो जाती थी। डॉक्‍टर को द‍िखाया तो उन्‍होंने कहा क‍ि मुझे एंग्जायटी अटैक तक आने लगे।


ऐसे मैंने खुद को संभाला image

मेरी हालत देखकर रजत ने मुझे समझाने की कोशिश की। उसने कहा, ‘अगर तुम हमेशा इन्हीं बातों के बारे में सोचती रहोगी तो सिर्फ अपनी सेहत ही खराब करोगी। और सबसे बड़ा नुकसान ये होगा कि तुम नींव पर भी सही तरह ध्यान नहीं दे पाओगी।’ शुरुआत में रजत की बातें मेरे दिल पर ज्‍यादा असर नहीं कर पाईं। उस वक्‍त तो मैं इतनी उलझी हुई थी कि हर ताना मेरे भीतर कहीं गहरे तक चुभ जाता था। लेकिन हां, धीरे-धीरे जब मैंने अपने बच्चे का मासूम चेहरा देखा, तो मुझे एहसास हुआ कि मैं अपनी ही सोच और दूसरों की बातों में कैद होकर अपने बच्चे का सबसे खूबसूरत बचपन खो रही हूं। इसी पल से मैंने ठाना क‍ि अब मैं तानों के बोझ तले दबकर नहीं ज‍िऊंगी, बल्‍क‍ि स‍िर्फ अपने बेटे के ल‍िए खुश होकर मस्‍ती से अपनी ज‍िंदगी ज‍िऊंगी।


क्‍या आप बेबी प्‍लान कर रही हैं ?


हां पसंद है मुझे पार्टी करना और दुन‍िया घूमना image

अब तो हाल ये है कि अगर कोई मुझसे जरा भी पूछ दे क‍ि ‘दूसरे बच्चे के बारे में नहीं सोच रही? तो मेरा पहला जवाब होता है मुझे पार्टी करनी है और दुनिया घूमनी है। शायद ये जवाब मैं थोड़े गुस्‍से में देती हूं, लेकिन इसमें भी सच्चाई है। मैं और रजत, एक बच्चे के बाद अब अपने बेटे पर पूरी तरह ध्यान देना चाहते हैं। साथ ही अपनी मैरिड लाइफ, घूमना-फिरना और वाकई पार्टी में वक्त बिताना चाहते हैं। क्‍योंक‍ि हमें इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता। आखिर खुद की लाइफ भी तो कोई चीज है।



(यह कहानी नाल‍िनी भदौरि‍या का है, जो पेशे से स्‍कूल टीचर हैं)

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