नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट दिल्ली दंगों में आरोपी शरजील इमाम, उमर खालिद, गुलफिशा फातिमा, मीरान हैदर और शिफा उर रहमान की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 27 अक्तूबर को सुनवाई करने जा रहा है। दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट ने इन आरोपियों 2020 में हुए दिल्ली दंगों के पीछे कथित साजिश से जुड़े यूएपीए मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।
मामले की सुनवाई 27 को
जस्टिस अरविंद कुमाार और जस्टिस एनवी अंजारिया वाली पीठ सोमवार को मामले की सुनवाई करेगी। कोर्ट ने इनकी याचिकाओं के जवाब में दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने 2 सितंबर को इमाम, खालिद समेत 7 अन्य की जमानत देने से इनकार कर दिया था।
दिल्ली पुलिस ने इस लिए किया था विरोध
दिल्ली पुलिस ने उनकी जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा था कि यह दंगे अपने आप होने वाले नहीं है, इसके पीछे एक "खतरनाक मकसद और सोची-समझी साजिश" के तहत दंगों की "पहले से ही योजना" बनाई गई थी ।
सभा में दिए थे भड़काऊ भाषण
हाईकोर्ट ने कहा था कि साजिश में इमाम और खालिद की भूमिका "गंभीर" है, क्योंकि उन्होंने "मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को बड़े पैमाने पर लामबंद करने" के लिए सांप्रदायिक आधार पर भड़काऊ भाषण दिए थे। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने इमाम को यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया था और उन्हें दिल्ली दंगों के मामले में मुख्य साजिशकर्ता बताया था। इसी मामले में शीर्ष अदालत से जमानत मांगी थी।
मारे गए थे इतने लोग
आपको बता दें कि ये आरोपी नागरिकता संशोधन अधिनियम ( सीएए ) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में शामिल हुए थे। विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़क उठी थी और इसमें 53 लोग मारे गए थे और 700 से ज्याद घायल हुए थे।
मामले की सुनवाई 27 को
जस्टिस अरविंद कुमाार और जस्टिस एनवी अंजारिया वाली पीठ सोमवार को मामले की सुनवाई करेगी। कोर्ट ने इनकी याचिकाओं के जवाब में दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने 2 सितंबर को इमाम, खालिद समेत 7 अन्य की जमानत देने से इनकार कर दिया था।
दिल्ली पुलिस ने इस लिए किया था विरोध
दिल्ली पुलिस ने उनकी जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा था कि यह दंगे अपने आप होने वाले नहीं है, इसके पीछे एक "खतरनाक मकसद और सोची-समझी साजिश" के तहत दंगों की "पहले से ही योजना" बनाई गई थी ।
सभा में दिए थे भड़काऊ भाषण
हाईकोर्ट ने कहा था कि साजिश में इमाम और खालिद की भूमिका "गंभीर" है, क्योंकि उन्होंने "मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को बड़े पैमाने पर लामबंद करने" के लिए सांप्रदायिक आधार पर भड़काऊ भाषण दिए थे। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने इमाम को यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया था और उन्हें दिल्ली दंगों के मामले में मुख्य साजिशकर्ता बताया था। इसी मामले में शीर्ष अदालत से जमानत मांगी थी।
मारे गए थे इतने लोग
आपको बता दें कि ये आरोपी नागरिकता संशोधन अधिनियम ( सीएए ) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में शामिल हुए थे। विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़क उठी थी और इसमें 53 लोग मारे गए थे और 700 से ज्याद घायल हुए थे।
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