नारायणपुर: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों ने बुधवार को मुठभेड़ में 26 नक्सलियों को मार गिराया है। नारायणपुर मुठभेड़ में एक जवान शहीद भी हुआ है। नक्सलियों के पास से सुरक्षाबलों ने बड़ी मात्रा में गोला बारूद और हथियार बरामद किए है। इस मुठभेड़ में डेढ़ करोड़ के इनामी नक्सली नम्बाला केशवराव उर्फ वसवा राजू को भी ढेर कर दिया गया है।वह छत्तीसगढ़ के नारायणपुर और बीजापुर इलाके का कुख्यात नक्सली रहा है। उसके ऊपर 1 करोड़ से अधिक का इनाम था। अधिकारियों का कहना है कि मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की संख्या और बढ़ सकती है। देश का सबसे बड़ा नक्सली!वसवा राजू माओवादी संगठन CPI से जुड़ा था। उसकी गिनती देश के सबसे बड़े नक्सली लीडर में होती है। वह सीपीआई का महासचिव है। अब इस संगठन में इससे बड़ा कोई नक्सली लीडर नहीं बचा है। सीपीआई नक्सली संगठन में महासचिव का पद सबसे बड़ा होता है। संगठन के सभी छोटे बड़े फैसले महासचिव ही करता है। इसके बाद नक्सली संगठन का पालित ब्यूरो होता है। इसे नक्सलियों की सबसे बड़ी विंग माना जाता है। कैसे काम करता है नक्सली संगठनमहासचिव का पद सबसे बड़ा होता है। इसके बाद पालित ब्यूरो होती है इसमें टॉप 5 से 7 नक्सली रहते हैं। इसके बाद सेंट्रल कमेटी होती है। इसमें हर राज्य के नक्सली शामिल होते हैं। रीजनल कमेटी राज्य के लिए होती है। जोनल कमेटी एरिया के हिसाब से होती है। इसके बाद एरिया कमेटी होती है। 50 नक्सली रहते थे सुरक्षा में शामिलवसवा राजू के लिए नक्सली संगठन सुरक्षा के सख्त इंतजाम करते थे। वसवा राजू की सुरक्षा 5 लेयर की थी। हर लेयर में 10 नक्सली होते थे। वसवा राजू की सुरक्षा में कुल 50 नक्सली शामिल थे। वसवा राजू की सुरक्षा करने वाले नक्सली आधुनिक हथियार से लैस रहते थे। उनके पास तरह-तरह के हथियार थे। नक्सली संगठन को बड़ा झटकावसवा राजू की मौत के बाद से नक्सली संगठनों को बड़ा धटका लगा है। इस ऑपरेशन में सुरक्षाबल का एक जवान भी शहीद हो गया है। छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त करने के लिए मार्च 2026 की डेडलाइन तय की गई है।
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