रायपुर: समुंदर में बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवानी तूफान मोंथा का जोर भले ही कम हो गया हो, लेकिन जाते-जाते तूफान में मध्य भारत के कई इलाकों को हलाकान कर दिया है। शहरों में लोगों को मौसम सुहाना लग रहा है, लेकिन किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ा दी हैं। MP और CG में मोंथा के असर, बेमोशम बारिश से फसले प्रभावित होने का खतरा बढ़ गया है।
जानकारी अनुसार बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान 'मोंथा' भले ही कमजोर पड़ गया हो, लेकिन इसके अवशेषों ने दक्षिण छत्तीसगढ़ के मौसम में भारी बदलाव ला दिया है। मोंथा के कारण बने निम्न दबाव क्षेत्र से ई जिलों में रुक-रुक कर बारिश हो रही है, जिससे किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। प्रदेश में मुख्य रूप से दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा और बस्तर जिलों में मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई है। अब इसका असर धीरे-धीरे उत्तर छत्तीसगढ़ तक फैल रहा है। सबसे ज्यादा टमाटर और धान की फसलों पर असर पड़ रहा है।
फसलों पर दोहरी मार, धान की कटाई बाधित
बेमौसम बारिश ने इस समय खड़ी फसलों पर दोहरी मार पड़ रही है। धान की कटाई का समय चल रहा है जो बारिश के कारण बाधित हो रहा है। यह समय कटाई में तेजी का होता है, जबकि इसी समय बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। कारण ज्यादा देरी होने पर फसल खराब होने का खतरा बढ़ रहा है।
प्रदेश में टमाटर की फसल को काफी नुकसान
तूफान और बारिश के कारण प्रदेश में टमाटर की फसल को काफी नुकसान हुआ है। बता दें कि कई जिलों में किसान बड़ी मात्रा में टमाटर की खेती करते हैं। बारिश के कारण पौधों को नुकसान तो होता ही है। दवा का छिड़काव भी बेअसर हो जाता है। फल भी टूटकर गिरने लगते हैं। टमाटर की पैदावार में 40 फीसदी तक कमी की आशंका जताई जा रही है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, यह निम्न दबाव क्षेत्र अगले 24 घंटों में पूर्वी मध्य प्रदेश और उत्तर छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ते हुए कमजोर पड़ जाएगा। प्रदेश में बारिश की तीव्रता में कमी आने की संभावना है, हालांकि कुछ स्थानों पर अभी भी हल्की से मध्यम वर्षा व गरज-चमक के साथ छींटे पड़ सकते हैं। नवंबर के पहले दिन छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।
जानकारी अनुसार बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान 'मोंथा' भले ही कमजोर पड़ गया हो, लेकिन इसके अवशेषों ने दक्षिण छत्तीसगढ़ के मौसम में भारी बदलाव ला दिया है। मोंथा के कारण बने निम्न दबाव क्षेत्र से ई जिलों में रुक-रुक कर बारिश हो रही है, जिससे किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। प्रदेश में मुख्य रूप से दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा और बस्तर जिलों में मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई है। अब इसका असर धीरे-धीरे उत्तर छत्तीसगढ़ तक फैल रहा है। सबसे ज्यादा टमाटर और धान की फसलों पर असर पड़ रहा है।
फसलों पर दोहरी मार, धान की कटाई बाधित
बेमौसम बारिश ने इस समय खड़ी फसलों पर दोहरी मार पड़ रही है। धान की कटाई का समय चल रहा है जो बारिश के कारण बाधित हो रहा है। यह समय कटाई में तेजी का होता है, जबकि इसी समय बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। कारण ज्यादा देरी होने पर फसल खराब होने का खतरा बढ़ रहा है।
प्रदेश में टमाटर की फसल को काफी नुकसान
तूफान और बारिश के कारण प्रदेश में टमाटर की फसल को काफी नुकसान हुआ है। बता दें कि कई जिलों में किसान बड़ी मात्रा में टमाटर की खेती करते हैं। बारिश के कारण पौधों को नुकसान तो होता ही है। दवा का छिड़काव भी बेअसर हो जाता है। फल भी टूटकर गिरने लगते हैं। टमाटर की पैदावार में 40 फीसदी तक कमी की आशंका जताई जा रही है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, यह निम्न दबाव क्षेत्र अगले 24 घंटों में पूर्वी मध्य प्रदेश और उत्तर छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ते हुए कमजोर पड़ जाएगा। प्रदेश में बारिश की तीव्रता में कमी आने की संभावना है, हालांकि कुछ स्थानों पर अभी भी हल्की से मध्यम वर्षा व गरज-चमक के साथ छींटे पड़ सकते हैं। नवंबर के पहले दिन छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।
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