रांची: झारखंड उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान लाइफ सेवर्स की रांची इकाई के सचिव अतुल गेरा ने अदालत को बताया कि रक्त बैंकों की ओर से मरीजों को रक्त उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में कोई खास बदलाव नहीं आया है। उन्होंने बताया कि मरीजों को अभी भी रक्त तभी मिलता है जब उनके परिजन 'स्टॉक' को फिर से भरने के लिए एक यूनिट रक्तदान करते हैं।
दूषित रक्त आधान पर सुनवाई
मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति राजेश शंकर की खंडपीठ मंगलवार को बच्चों में दूषित रक्त आधान के कारण एचआईवी पॉजिटिव पाए जाने से संबंधित एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। यह मामला विशेष रूप से चाईबासा और रांची में सामने आया था। अतुल गेरा ने कहा कि न्यायालय के आदेशों के बावजूद, ब्लड बैंकों द्वारा रक्त उपलब्ध कराने के तरीके में यह शर्त अभी भी जारी है कि जब भी एक यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है, तो रक्तदाता को स्टॉक को फिर से भरने के लिए एक यूनिट रक्त उपलब्ध कराना पड़ता है।
रक्तदान शिविर बढ़ाए जा रहे
राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय को सूचित किया कि वे रक्त का स्टॉक बढ़ाने के लिए लगातार रक्तदान शिविर आयोजित कर रहे हैं। सरकारी वकील ने बताया कि मरीजों के लिए आवश्यक सभी ब्लड ग्रुप्स के स्टॉक को बनाए रखने के लिए जमीनी स्तर पर शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।
चाईबासा घटना पर रिपोर्ट तैयार
सरकारी वकील ने अदालत को यह भी बताया कि चाईबासा सदर अस्पताल में बच्चों को दूषित रक्त चढ़ाए जाने की घटना पर पीठ के पूर्व निर्देशानुसार जाँच रिपोर्ट तैयार कर ली गई है।
राज्य में 12 से 28 नवंबर तक रक्तदान महाअभियान
उधर, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज झारखंड मंत्रालय में आयोजित मेगा रक्तदान शिविर में रक्तदान कर स्वैच्छिक रक्तदान महाअभियान का शुभारंभ किया। झारखंड राज्य की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर रक्तदान शिविर महाअभियान पूरे राज्य में 28 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने अवसर पर रक्तदान महादान का संदेश देते हुए कहा कि आपका दिया रक्त जरूरतमंदों की जिंदगी बचाने के काम आ सकता है। मुख्यमंत्री ने राज्यवासियों से स्वैच्छिक रक्तदान महा अभियान के तहत आयोजित होने वाले शिविरों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की।
रक्तदान अभियान के जरिए पूरा राज्य जीवनदान का केंद्र बनेगा
स्वास्थ्य विभाग की ओर से 12 नवंबर से 28 नवंबर तक पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर स्वैच्छिक रक्तदान अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत अलग-अलग स्थान पर विशेष रक्त दान शिविर लगाए जाएंगे, जहां लोग स्वैच्छिक रक्तदान कर सकेंगे। इस अभियान का उद्देश्य राज्य में रक्त की कमी को पूरा करना और हर जरूरतमंद तक सुरक्षित रक्त पहुंचाना है।
दूषित रक्त आधान पर सुनवाई
मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति राजेश शंकर की खंडपीठ मंगलवार को बच्चों में दूषित रक्त आधान के कारण एचआईवी पॉजिटिव पाए जाने से संबंधित एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। यह मामला विशेष रूप से चाईबासा और रांची में सामने आया था। अतुल गेरा ने कहा कि न्यायालय के आदेशों के बावजूद, ब्लड बैंकों द्वारा रक्त उपलब्ध कराने के तरीके में यह शर्त अभी भी जारी है कि जब भी एक यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है, तो रक्तदाता को स्टॉक को फिर से भरने के लिए एक यूनिट रक्त उपलब्ध कराना पड़ता है।
रक्तदान शिविर बढ़ाए जा रहे
राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय को सूचित किया कि वे रक्त का स्टॉक बढ़ाने के लिए लगातार रक्तदान शिविर आयोजित कर रहे हैं। सरकारी वकील ने बताया कि मरीजों के लिए आवश्यक सभी ब्लड ग्रुप्स के स्टॉक को बनाए रखने के लिए जमीनी स्तर पर शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।
चाईबासा घटना पर रिपोर्ट तैयार
सरकारी वकील ने अदालत को यह भी बताया कि चाईबासा सदर अस्पताल में बच्चों को दूषित रक्त चढ़ाए जाने की घटना पर पीठ के पूर्व निर्देशानुसार जाँच रिपोर्ट तैयार कर ली गई है।
राज्य में 12 से 28 नवंबर तक रक्तदान महाअभियान
उधर, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज झारखंड मंत्रालय में आयोजित मेगा रक्तदान शिविर में रक्तदान कर स्वैच्छिक रक्तदान महाअभियान का शुभारंभ किया। झारखंड राज्य की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर रक्तदान शिविर महाअभियान पूरे राज्य में 28 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने अवसर पर रक्तदान महादान का संदेश देते हुए कहा कि आपका दिया रक्त जरूरतमंदों की जिंदगी बचाने के काम आ सकता है। मुख्यमंत्री ने राज्यवासियों से स्वैच्छिक रक्तदान महा अभियान के तहत आयोजित होने वाले शिविरों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की।
रक्तदान अभियान के जरिए पूरा राज्य जीवनदान का केंद्र बनेगा
स्वास्थ्य विभाग की ओर से 12 नवंबर से 28 नवंबर तक पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर स्वैच्छिक रक्तदान अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत अलग-अलग स्थान पर विशेष रक्त दान शिविर लगाए जाएंगे, जहां लोग स्वैच्छिक रक्तदान कर सकेंगे। इस अभियान का उद्देश्य राज्य में रक्त की कमी को पूरा करना और हर जरूरतमंद तक सुरक्षित रक्त पहुंचाना है।





