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दिल्ली में बिना मान्यता चल रहे प्राइवेट स्कूलों को मिलेगी मान्यता, इस तरह कर सकेंगे अप्लाई

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नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने उन प्राइवेट स्कूलों को मौका दिया है, जो अस्थायी मान्यता (प्रोविजनल रिकॉग्नाइजेशन) की अवधि पूरी होने के बाद भी चल रहे है। दिल्ली सरकार ने तय किया है कि नॉन कन्फॉर्मिंग एरिया (गैर अनुरूप क्षेत्र) में चलने वाले अनऐडेड प्राइवेट स्कूलों को मान्यता दी जाएगी।

इन स्कूलों को दी जाएगी मान्यता
इसके लिए वे 1 नवंबर यानी शनिवार से शिक्षा निदेशालय के पोर्टल में जाकर 30 नवंबर तक अप्लाई कर सकेंगे। दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने शुक्रवार को बताया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है कि दिल्ली में नॉन कन्फॉर्मिंग एरिया में चलने वाले गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों को मान्यता दी जाएगी।


उन स्कूलों की जारी होगी लिस्टइन एरिया के ऐसे सभी स्कूल जिन्होंने शिक्षा निदेशालय से अभी तक किसी कारणवश मान्यता नहीं ली है या पुरानी सरकारों के भेदभाव वाले व्यवहार के कारण मान्यता नहीं मिल पाई है, मान्यता के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदनों की छंटनी की जाएगी और जो मान्यता के सभी क्राइटेरिया को पूरा करेंगे, उनकी लिस्ट जारी की जाएगी।


मान्यता मिलने से क्या होगा फायदा?
दिल्ली में कई प्राइवेट स्कूल लंबे अरसे से बिना मान्यता के चल रहे है। ऐसे में इनकी निगरानी, स्टूडेंट्स की सुरक्षा, जवाबदेही, क्वॉलिटी एजुकेशन सुनिश्चित नही हो पा रही है। कई प्राइवेट स्कूलो ने मान्यता के लिए आवेदन भी दिए, जो लंबे अरसे से पेंडिंग रहे। इसे लेकर एलजी से भी अनुरोध किया गया था।

स्कूलों में बढ़ जाएगी सीटें
मान्यता मिलने से कई स्कूल 5वी के बाद सेकंडरी और हायर सेकंडरी लेवल तक बढ़ेंगे। यानी सीटें बढ़ेगी और खासतौर पर ईडब्ल्यूएस/डीजी/सीडब्ल्यूएसएन कैटिगरी के स्टूडेंट्स को निरंतर शिक्षा मिलेगी। अगर यह अभियान सही तरीके से लागू होता है तो पैरंट्स को फीस से जुड़ी दिक्कतों से जूझने में मदद मिलेगी।

सरकार को है ये उम्मीद
दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि पुरानी सरकारों ने कुछ स्कूलों को मनमाने तरीके से मान्यता दी और कुछ की अनदेखी की। हमने इस भेदभाव का अंत किया है। नई मान्यता नीति से EWS/DG/CWSN की लगभग 20 हजार अतिरिक्त सीटें बढ़ने की उम्मीद है।
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