लखनऊ: उत्तर प्रदेश इको टूरिज्म विकास बोर्ड ने लखनऊ, कानपुर, कन्नौज और उन्नाव के स्थानीय लोगों को पर्यटन आधारित रोजगार और उद्यमिता से जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है। इस पहल के तहत लखनऊ से एक दिवसीय इको टूर पैकेज तैयार किया गया है, जिसके माध्यम से पर्यटक सुबह प्रस्थान कर दिनभर प्राकृतिक स्थलों का भ्रमण करने के बाद शाम तक लौट सकते हैं। विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर युवा पर्यटन क्लब लखनऊ के 500 से अधिक सदस्यों के लिए विशेष भ्रमण का आयोजन किया गया।
युवाओं में जागरूकता और रोजगार की संभावनाएंइस भ्रमण के अंतर्गत विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के विद्यार्थियों को उत्तर प्रदेश के प्राकृतिक और वन्यजीव स्थलों का दौरा कराया गया। आयोजन का उद्देश्य युवाओं को पर्यावरण संरक्षण और इको टूरिज्म के प्रति जागरूक करना था, साथ ही उन्हें पर्यटन उद्योग में रोजगार के अवसरों से परिचित कराना था। भ्रमण के विवरण निम्नलिखित हैं:
लखनऊ चिड़ियाघर: राजकीय इंटर कॉलेज निशातगंज, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज शाहमीनार और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी राजकीय बालिका इंटर कॉलेज चिनहट के विद्यार्थियों ने वन्यजीव संरक्षण और जैव विविधता पर शैक्षिक जानकारी प्राप्त की।
कुकरैल रिजर्व फॉरेस्ट: जीजीआईसी विकास नगर और जीजीआईसी इंदिरानगर के छात्रों ने जंगल की जैव विविधता और वन संरक्षण के महत्व को समझा।
कानपुर चिड़ियाघर: जनता इंटर कॉलेज आलमबाग और जीजीआईसी छोटी जुबली लखनऊ के विद्यार्थियों को वन्यजीवों के आवास और उनके संरक्षण के बारे में बताया गया।
नवाबगंज पक्षी विहार: जीजीआईसी सरोसा भरोसा और जीजीआईसी श्रृंगारनगर लखनऊ के छात्रों ने पक्षी अभयारण्य में प्रवासी पक्षियों और उनके आवास पर जानकारी हासिल की।
लाख बहोसी पक्षी विहार, कन्नौज: राजकीय हाईस्कूल मस्तेमऊ गोसाईंगंज और अग्रसेन इंटर कॉलेज बनवाली गली चौक लखनऊ के विद्यार्थियों ने इस प्रसिद्ध पक्षी अभयारण्य का दौरा किया।
इन भ्रमणों के दौरान विद्यार्थियों ने स्थानीय गाइड्स के साथ प्राकृतिक आकर्षणों का अवलोकन किया और पर्यावरण संरक्षण पर कार्यशालाओं में हिस्सा लिया। लखनऊ, कानपुर और आसपास के क्षेत्र प्राकृतिक संपदा से समृद्ध हैं, जहां इको टूरिज्म की अपार संभावनाएं मौजूद हैं।
पर्यटकों के लिए नए पैकेज और साझेदारियांलखनऊ में अयोध्या, काशी और अन्य धार्मिक स्थलों की यात्रा करने वाले पर्यटकों की बड़ी संख्या को देखते हुए, बोर्ड ने इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए विशेष पैकेज तैयार किए हैं। बीते महीनों में लखनऊ से नवाबगंज पक्षी विहार की आइटिनरी शुरू की गई, जिसका संचालन 'Ease My Trip' के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) के तहत हो रहा है।
इसके अतिरिक्त, बोर्ड कानपुर जूलॉजिकल पार्क और लाख बहोसी पक्षी विहार, कन्नौज के लिए अलग-अलग एक दिवसीय पैकेज विकसित कर रहा है। इन पैकेजों के संचालन के लिए अन्य कंपनियों के साथ भी MoU किए जाएंगे, ताकि पर्यटकों को सुगम और किफायती अनुभव मिले।
शीर्ष अधिकारियों का दृष्टिकोणप्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति, अमृत अभिजात, ने कहा, पर्यटन स्थानीय समुदायों के आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण साधन है। हमें विश्वास है कि इन पैकेजों के लागू होने से प्रकृति प्रेमी पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने जोड़ा, उत्तर प्रदेश प्राकृतिक आकर्षणों का खजाना है। इको टूरिज्म की संभावनाओं को धरातल पर उतारकर हम लखनऊ और कानपुर को इको टूरिज्म हब के रूप में स्थापित करेंगे।
युवाओं में जागरूकता और रोजगार की संभावनाएंइस भ्रमण के अंतर्गत विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के विद्यार्थियों को उत्तर प्रदेश के प्राकृतिक और वन्यजीव स्थलों का दौरा कराया गया। आयोजन का उद्देश्य युवाओं को पर्यावरण संरक्षण और इको टूरिज्म के प्रति जागरूक करना था, साथ ही उन्हें पर्यटन उद्योग में रोजगार के अवसरों से परिचित कराना था। भ्रमण के विवरण निम्नलिखित हैं:
लखनऊ चिड़ियाघर: राजकीय इंटर कॉलेज निशातगंज, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज शाहमीनार और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी राजकीय बालिका इंटर कॉलेज चिनहट के विद्यार्थियों ने वन्यजीव संरक्षण और जैव विविधता पर शैक्षिक जानकारी प्राप्त की।
कुकरैल रिजर्व फॉरेस्ट: जीजीआईसी विकास नगर और जीजीआईसी इंदिरानगर के छात्रों ने जंगल की जैव विविधता और वन संरक्षण के महत्व को समझा।
कानपुर चिड़ियाघर: जनता इंटर कॉलेज आलमबाग और जीजीआईसी छोटी जुबली लखनऊ के विद्यार्थियों को वन्यजीवों के आवास और उनके संरक्षण के बारे में बताया गया।
नवाबगंज पक्षी विहार: जीजीआईसी सरोसा भरोसा और जीजीआईसी श्रृंगारनगर लखनऊ के छात्रों ने पक्षी अभयारण्य में प्रवासी पक्षियों और उनके आवास पर जानकारी हासिल की।
लाख बहोसी पक्षी विहार, कन्नौज: राजकीय हाईस्कूल मस्तेमऊ गोसाईंगंज और अग्रसेन इंटर कॉलेज बनवाली गली चौक लखनऊ के विद्यार्थियों ने इस प्रसिद्ध पक्षी अभयारण्य का दौरा किया।
इन भ्रमणों के दौरान विद्यार्थियों ने स्थानीय गाइड्स के साथ प्राकृतिक आकर्षणों का अवलोकन किया और पर्यावरण संरक्षण पर कार्यशालाओं में हिस्सा लिया। लखनऊ, कानपुर और आसपास के क्षेत्र प्राकृतिक संपदा से समृद्ध हैं, जहां इको टूरिज्म की अपार संभावनाएं मौजूद हैं।
पर्यटकों के लिए नए पैकेज और साझेदारियांलखनऊ में अयोध्या, काशी और अन्य धार्मिक स्थलों की यात्रा करने वाले पर्यटकों की बड़ी संख्या को देखते हुए, बोर्ड ने इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए विशेष पैकेज तैयार किए हैं। बीते महीनों में लखनऊ से नवाबगंज पक्षी विहार की आइटिनरी शुरू की गई, जिसका संचालन 'Ease My Trip' के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) के तहत हो रहा है।
इसके अतिरिक्त, बोर्ड कानपुर जूलॉजिकल पार्क और लाख बहोसी पक्षी विहार, कन्नौज के लिए अलग-अलग एक दिवसीय पैकेज विकसित कर रहा है। इन पैकेजों के संचालन के लिए अन्य कंपनियों के साथ भी MoU किए जाएंगे, ताकि पर्यटकों को सुगम और किफायती अनुभव मिले।
शीर्ष अधिकारियों का दृष्टिकोणप्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति, अमृत अभिजात, ने कहा, पर्यटन स्थानीय समुदायों के आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण साधन है। हमें विश्वास है कि इन पैकेजों के लागू होने से प्रकृति प्रेमी पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने जोड़ा, उत्तर प्रदेश प्राकृतिक आकर्षणों का खजाना है। इको टूरिज्म की संभावनाओं को धरातल पर उतारकर हम लखनऊ और कानपुर को इको टूरिज्म हब के रूप में स्थापित करेंगे।
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