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UPSC Success Story: भटका ध्यान तो बार-बार डिलीट किया इंस्टाग्राम, जूते-चप्पल बेचने वाले के बेटे यूं पाया सिविल सर्विस का मुकाम!

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संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने मंगलवार को सिविल सेवा परीक्षा 2024 के अंतिम परिणाम यानी फाइनल रिजल्ट जारी कर दिए हैं। इस बार भी मध्य प्रदेश के युवाओं ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अपनी मेहनत का लोहा मनवाया है। खासकर इंदौर से दो प्रतिभाशाली छात्रों योगेश राजपूत और गार्गी लोंधे ने मेरिट लिस्ट में अपनी जगह बनाई है। 540वीं रैंक के साथ योगेश राजपूत का सपना हुआ साकार:इंदौर के रहने वाले योगेश राजपूत ने पांचवें प्रयास में 540वीं रैंक प्राप्त की है। इससे पहले उनका चयन इंडियन पोस्टल सर्विस में हो चुका था, लेकिन वे इससे संतुष्ट नहीं थे। योगेश ने बताया कि उन्होंने 12वीं के बाद 2019 में UPSC की तैयारी शुरू की थी। ज्यादातर पढ़ाई सेल्फ स्टडी के जरिए की और सोशल मीडिया का संयमित उपयोग किया। पढ़ाई में ध्यान भटकता देखकर कई बार इंस्टाग्राम तक डिलीट कर दिया।योगेश कहते हैं, मैंने रोज़ाना करीब 7 से 8 घंटे पढ़ाई की। तनाव से बचने के लिए बैडमिंटन खेलता था। मेरे पिता राजगढ़ जिले के उदमखेड़ी में फुटवियर की दुकान चलाते हैं। वे मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा रहे हैं। योगेश का मानना है कि आज के दौर में तकनीक ने पढ़ाई को इतना सुलभ बना दिया है कि महंगे कोचिंग संस्थानों की जरूरत नहीं रही। अब उनका लक्ष्य सरकार और जनता के बीच एक मजबूत सेतु बनना है। 939वीं रैंक के साथ गार्गी लोंधे की मेहनत रंग लाई: imageगार्गी लोंधे ने UPSC में 939वीं रैंक हासिल की है। यह उनका दूसरा इंटरव्यू था। 2023 में वे फाइनल तक पहुंचीं थीं, लेकिन 13 अंकों से चयन से चूक गईं। हार न मानते हुए उन्होंने अपनी कमियों को समझा और दोबारा दोगुने आत्मविश्वास के साथ तैयारी में जुट गईं।गार्गी ने 2022 में ग्रेजुएशन पूरा किया और फिर UPSC की तैयारी में लग गईं। वे बताती हैं, मैंने सोशल मीडिया से दूरी बना ली थी ताकि ध्यान सिर्फ लक्ष्य पर रहे। यह ढाई साल की मेहनत का फल है। इस बीच उन्होंने 2024 में CAT भी पास किया और भारत के टॉप 3 IIM (अहमदाबाद, बैंगलोर और कोलकाता) के इंटरव्यू भी क्लियर किए। गार्गी तनाव से निपटने के लिए ताइक्वांडो में सक्रिय रहीं और अब तक ग्रीन बेल्ट हासिल कर चुकी हैं। जब लगा कि अब नहीं हो पाएगा...गार्गी बताती हैं, जब 13 नंबर से पिछली बार सिलेक्शन नहीं हुआ, तो बहुत टूट गई थी। लेकिन मैंने खुद से वादा किया कि इस बार खुद को साबित करूंगी। खुद को मोटिवेट करने के लिए मैंने उन छोटी-छोटी जीतों को याद किया जो अब तक मिली थीं।
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