भोपाल: मध्य प्रदेश में लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर की नशीली ड्रग्स की खेप पकड़ में आ रही हैं। कहीं ड्रग्स की फैक्ट्री मिल रही है तो कहीं विदेशी सप्लायर इसे प्रदेश में खपा रहे हैं। इसी तरह एक चौंकाने वाला खुलासा भोपाल स्टेशन पर हुआ, जहां एक ऐसी ड्रग पकड़ी गई है, जो पानी में उगती है। रेव पार्टियों में इस्तेमाल होने वाली ये गांजे की एक महंगी किस्म है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 1 करोड़ रुपए प्रति किलो है।
डीआरआई की कार्रवाई में पकड़ी गई खेप
यह कार्रवाई भी केंद्र सरकार की एजेंसी डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) द्वारा भोपाल और बेंगलुरू में एक साथ की गई है। बताया जा रहा है कि पकड़ी गई ड्रग्स पानी में उगने वाला विदेशी गांजा है जिसे हाइड्रोपोनिक वीड के नाम से पहचाना जाता है। डीआरआई के अफसरों ने भोपाल जंक्शन पर दो आरोपियों के पास से 24.186 किग्रा हाइड्रोपोनिक वीड बरामद की है।
बेंगलुरु और भोपाल में एक साथ कार्रवाई
बताया जा रहा है कि डीआरआई की टीम ने यह कार्रवाई 20 अगस्त को बेंगलुरु और भोपाल स्टेशन पर एक साथ की है, जिसकी जानकारी अब सामने आई है। बेंगलुरु में 29.88 किग्रा हाइड्रोपोनिक वीड जब्त किया गया है। बताया जा रहा है कि डीआरआई ने ऑपरेशन 'वीड आउट' चलाकर तस्करी में शामिल गिरोह का भंडाफोड़ किया है। तस्करों के मास्टरमाइंड आरोपी सहित 5 यात्रियों को भी गिरफ्तार किया गया है। यह गिरोह सोशल मीडिया के जरिए कॉलेज ड्रॉप आउट, अंशकालिक नौकरी पेशा या बेरोजगार युवाओं को निशाना बनाते थे।
भोपाल स्टेशन पर केंद्र के अफसरों ने पकड़ा
मिली सूचना के अनुसार डीआरआई की टीम ने राजधानी एक्सप्रेस (22691) में सवार हुए दो यात्रियों के सामान की तलाशी ली थी। बेंगलुरु में 29.88 किग्रा हाइड्रोपोनिक वीड मिला। साथ ही एक टीम ने 19 अगस्त 2025 को बेंगलुरु से राजधानी ट्रेन में सवार हुए 2 यात्रियों से भोपाल जंक्शन पर पकड़ा। इस बीच गिरोह के सहयोगी मास्टरमाइंड का नई दिल्ली में पता चला। उसके कब्जे से 1.02 करोड़ रुपए की मादक पदार्थों की तस्करी की राशि बरामद की गई। भोपाल में हुई जांच के बाद 20 अगस्त को थाईलैंड से बेंगलुरु पहुंचे एक यात्री को 21 अगस्त की सुबह बेंगलुरु के एक होटल में रोका गया। उससे 17.958 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक वीड मिला।
क्या है यह पानी वाली ड्रग्स
विशेषज्ञों के अनुसार हाइड्रोपोनिक वीड जिसे मरिजुआना भी कहते हैं। यह गांजे की एक वैरायटी है जो कि हाइड्रोपोनिक तकनीक से समुद्री पानी में उगती है। यह भारत में जमीन में उगने वाले पारंपरिक गांजे से ज्यादा नशीला होता है। इसकी कीमत भी पारंपरिक गांजा से कई गुना ज्यादा है। इसकी मांग रेव पार्टियों में ज्यादा रहती है। ये वीड थाईलैंड, कनाडा, यूएसए में उगाई जाती है, इसलिए फ्लाइट में पार्सल के जरिए ही इसकी सप्लाई होती है।
डीआरआई की कार्रवाई में पकड़ी गई खेप
यह कार्रवाई भी केंद्र सरकार की एजेंसी डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) द्वारा भोपाल और बेंगलुरू में एक साथ की गई है। बताया जा रहा है कि पकड़ी गई ड्रग्स पानी में उगने वाला विदेशी गांजा है जिसे हाइड्रोपोनिक वीड के नाम से पहचाना जाता है। डीआरआई के अफसरों ने भोपाल जंक्शन पर दो आरोपियों के पास से 24.186 किग्रा हाइड्रोपोनिक वीड बरामद की है।
बेंगलुरु और भोपाल में एक साथ कार्रवाई
बताया जा रहा है कि डीआरआई की टीम ने यह कार्रवाई 20 अगस्त को बेंगलुरु और भोपाल स्टेशन पर एक साथ की है, जिसकी जानकारी अब सामने आई है। बेंगलुरु में 29.88 किग्रा हाइड्रोपोनिक वीड जब्त किया गया है। बताया जा रहा है कि डीआरआई ने ऑपरेशन 'वीड आउट' चलाकर तस्करी में शामिल गिरोह का भंडाफोड़ किया है। तस्करों के मास्टरमाइंड आरोपी सहित 5 यात्रियों को भी गिरफ्तार किया गया है। यह गिरोह सोशल मीडिया के जरिए कॉलेज ड्रॉप आउट, अंशकालिक नौकरी पेशा या बेरोजगार युवाओं को निशाना बनाते थे।
भोपाल स्टेशन पर केंद्र के अफसरों ने पकड़ा
मिली सूचना के अनुसार डीआरआई की टीम ने राजधानी एक्सप्रेस (22691) में सवार हुए दो यात्रियों के सामान की तलाशी ली थी। बेंगलुरु में 29.88 किग्रा हाइड्रोपोनिक वीड मिला। साथ ही एक टीम ने 19 अगस्त 2025 को बेंगलुरु से राजधानी ट्रेन में सवार हुए 2 यात्रियों से भोपाल जंक्शन पर पकड़ा। इस बीच गिरोह के सहयोगी मास्टरमाइंड का नई दिल्ली में पता चला। उसके कब्जे से 1.02 करोड़ रुपए की मादक पदार्थों की तस्करी की राशि बरामद की गई। भोपाल में हुई जांच के बाद 20 अगस्त को थाईलैंड से बेंगलुरु पहुंचे एक यात्री को 21 अगस्त की सुबह बेंगलुरु के एक होटल में रोका गया। उससे 17.958 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक वीड मिला।
क्या है यह पानी वाली ड्रग्स
विशेषज्ञों के अनुसार हाइड्रोपोनिक वीड जिसे मरिजुआना भी कहते हैं। यह गांजे की एक वैरायटी है जो कि हाइड्रोपोनिक तकनीक से समुद्री पानी में उगती है। यह भारत में जमीन में उगने वाले पारंपरिक गांजे से ज्यादा नशीला होता है। इसकी कीमत भी पारंपरिक गांजा से कई गुना ज्यादा है। इसकी मांग रेव पार्टियों में ज्यादा रहती है। ये वीड थाईलैंड, कनाडा, यूएसए में उगाई जाती है, इसलिए फ्लाइट में पार्सल के जरिए ही इसकी सप्लाई होती है।
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