वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने एससीओ समिट में शामिल होने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना की है। नरेंद्र मोदी की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ नजदीकी को नवारो ने रणनीतिक भूल बताया है। उन्होंने कहा कि मोदी जिस तरह जिनपिंग और पुतिन के साथ घुल-मिले, वह देखना शर्मनाक था। उनको समझना होगा कि उन्हें हमारे साथ रहना चाहिए। चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान जिनपिंग, मोदी और पुतिन की मुलाकात पर उन्होंने ये कहा है।
एससीओ समिट पर बयानबाजी करते हुए पीटर नवारो ने बेहद हल्की भाषा का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा, 'मुझे समझ नहीं आ रहा है कि नरेंद्र मोदी व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग के साथ 'बेड पर क्यों जा रहे थे'। नरेंद्र मोदी की चीन और रूस के राष्ट्रपति के साथ नजदीकी देखना निश्चित रूप से खराब था। मुझे लगता है कि भारतीय पीएम को इससे बचना चाहिए था।' अमेरिका से टैरिफ मुद्दे पर तनातनी के बीच पीएम मोदी की रूस और चीन के नेताओं से मुलाकात हुई है। इससे अमेरिका में ये बौखलाहट नजर आई है।
नवारो के निशाने पर भारतभारत और अमेरिका के बीच टैरिफ पर बढ़ी तनातनी के बीच नवारो लगातार कमेंट कर रहे हैं। नवारो का कहना है कि भारत प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा टैरिफ दरें लगाता है और इसे स्वीकार नहीं करता है। भारत सभी को यह बताने की कोशिश करते हैं कि यह सच नहीं है लेकिन यह स्पष्ट रूप से सच है।
नवारो ने भारत के रुख की तुलना अमेरिका के दूसरे व्यापारिक साझेदारों से की। उन्होंने कहा, भारत ने हमारे साथ जापान, कोरिया, फिलीपींस, इंडोनेशिया और यूरोपीय संघ की तरह बातचीत नहीं की है। उन्हें बस लगता है कि वे हमारे साथ अपनी मनमानी जारी रख सकते हैं। उन्हें समझना चाहिए ट्रंप ऐसा नहीं होने देंगे।
भारत में रूसी तेल से मुनाफाखोरीडोनाल्ड ट्रंप के व्यापार मामलों के सलाहकार पीटर नवारो ने इससे पहले कहा था कि रूस से तेल खरीद का फायदा भारत का सिर्फ एक छोटा तबका (ब्राह्मण) उठा रहा है। उन्होंने कहा कि रूस से तेल खरीद के जरिए मुनाफा ब्राह्मण कमा रहे हैं, जबकि इससे होने वाला नुकसान पूरे देश के लोग उठा रहे हैं।
नवारो ने कहा कि भारतीय रिफाइनर रूस से सस्ते दामों पर कच्चा तेल खरीद रहे हैं। उसे प्रोसेस करने के बाद महंगे दामों पर बेच रहे हैं। खासतौर से भारत के ब्राह्मण अपने देश के लोगों की कीमत पर मुनाफाखोरी कर रहे हैं। रूस इस पैसे का इस्तेमाल यूक्रेन युद्ध में कर रहा है। ऐसे में हमें इसे रोकना होगा।
एससीओ समिट पर बयानबाजी करते हुए पीटर नवारो ने बेहद हल्की भाषा का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा, 'मुझे समझ नहीं आ रहा है कि नरेंद्र मोदी व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग के साथ 'बेड पर क्यों जा रहे थे'। नरेंद्र मोदी की चीन और रूस के राष्ट्रपति के साथ नजदीकी देखना निश्चित रूप से खराब था। मुझे लगता है कि भारतीय पीएम को इससे बचना चाहिए था।' अमेरिका से टैरिफ मुद्दे पर तनातनी के बीच पीएम मोदी की रूस और चीन के नेताओं से मुलाकात हुई है। इससे अमेरिका में ये बौखलाहट नजर आई है।
नवारो के निशाने पर भारतभारत और अमेरिका के बीच टैरिफ पर बढ़ी तनातनी के बीच नवारो लगातार कमेंट कर रहे हैं। नवारो का कहना है कि भारत प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा टैरिफ दरें लगाता है और इसे स्वीकार नहीं करता है। भारत सभी को यह बताने की कोशिश करते हैं कि यह सच नहीं है लेकिन यह स्पष्ट रूप से सच है।
नवारो ने भारत के रुख की तुलना अमेरिका के दूसरे व्यापारिक साझेदारों से की। उन्होंने कहा, भारत ने हमारे साथ जापान, कोरिया, फिलीपींस, इंडोनेशिया और यूरोपीय संघ की तरह बातचीत नहीं की है। उन्हें बस लगता है कि वे हमारे साथ अपनी मनमानी जारी रख सकते हैं। उन्हें समझना चाहिए ट्रंप ऐसा नहीं होने देंगे।
भारत में रूसी तेल से मुनाफाखोरीडोनाल्ड ट्रंप के व्यापार मामलों के सलाहकार पीटर नवारो ने इससे पहले कहा था कि रूस से तेल खरीद का फायदा भारत का सिर्फ एक छोटा तबका (ब्राह्मण) उठा रहा है। उन्होंने कहा कि रूस से तेल खरीद के जरिए मुनाफा ब्राह्मण कमा रहे हैं, जबकि इससे होने वाला नुकसान पूरे देश के लोग उठा रहे हैं।
नवारो ने कहा कि भारतीय रिफाइनर रूस से सस्ते दामों पर कच्चा तेल खरीद रहे हैं। उसे प्रोसेस करने के बाद महंगे दामों पर बेच रहे हैं। खासतौर से भारत के ब्राह्मण अपने देश के लोगों की कीमत पर मुनाफाखोरी कर रहे हैं। रूस इस पैसे का इस्तेमाल यूक्रेन युद्ध में कर रहा है। ऐसे में हमें इसे रोकना होगा।
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