हम सब की ज़िंदगी में कभी न कभी मुँह में छाला ज़रूर होता है। हम अक्सर इसे गर्मी या पेट की खराबी मानकर हल्दी-नमक जैसे घरेलू नुस्खों से ठीक करने की कोशिश करते हैं। लेकिन ज़रा रुकिए! क्या हो अगर आपके मुँह का कोई घाव या छाला हफ्तों तक ठीक ही न हो रहा हो?यह एक मामूली छाला नहीं,बल्कि एक बड़ी और खतरनाक बीमारी'ओरल कैंसर'यानी मुँह के कैंसर की पहली दस्तक हो सकती है।एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक,भारत के पुरुषों में होने वाले कैंसरों में ओरल कैंसर सबसे आम और तेजी से बढ़ने वाली बीमारियों में से एक है। इसकी शुरुआत अक्सर एक छोटे से घाव से होती है,जिसे हम नज़रअंदाज़ कर देते हैं और यह धीरे-धीरे गले तक फैलकर जानलेवा बन जाता है।क्या है मुँह के कैंसर का सबसे बड़ा दुश्मन?इस बीमारी की जड़ें हमारी ही कुछ आदतों में छिपी हैं:शराब:तम्बाकू के साथ शराब पीना इस खतरे को कई गुना बढ़ा देता है। यह आग में घी डालने जैसा काम करता है।पान-सुपारी:विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)भी सुपारी को कैंसर पैदा करने वाला पदार्थ (कार्सिनोजेनिक) मान चुका है। रोज़ाना पान-सुपारी चबाना भी एक बड़ा खतरा है।मुँह की साफ-सफाई में कमी:दाँतों में सड़न,मसूड़ों की बीमारी या मुँह में ठीक से फिट न होने वाले नकली दाँत भी लंबे समय में कैंसर का कारण बन सकते हैं।एचपीवी इन्फेक्शन (HPV):ह्यूमन पैपिलोमा वायरस का इन्फेक्शन भी मुँह के कैंसर के लिए ज़िम्मेदार हो सकता है।कैसे पहचानें खतरे के5संकेत?इन लक्षणों को भूलकर भी नज़रअंदाज़ न करेंअच्छी खबर यह है कि अगर इस बीमारी को शुरुआत में ही पकड़ लिया जाए,तो इसका इलाज संभव है। आपका शरीर आपको ये चेतावनियाँ देता है:मुँह में सफेद या लाल धब्बे:मुँह के अंदर गाल पर,जीभ के नीचे कहीं भी सफेद या लाल रंग के दाग दिखना,जिनमें दर्द नहीं होता,कैंसर की शुरुआती निशानी हो सकते हैं।खाने-पीने में तकलीफ:अचानक खाना या पानी निगलने में अटकन महसूस होना,चबाने में दर्द होना या जबड़े को हिलाने में दिक्कत होना,यह एक गंभीर लक्षण है।मुँह का सुन्न होना या खून आना:बिना किसी चोट के मुँह से खून आना या मुँह के किसी हिस्से का अचानक सुन्न पड़ जाना। अगर आपकी आवाज़ में भी बदलाव आ रहा है,तो सतर्क हो जाएं।गर्दन में गांठ:गर्दन में किसी भी तरह की गांठ महसूस होना,जो लगातार बनी रहे या धीरे-धीरे बढ़ रही हो,यह कैंसर के फैलने का संकेत हो सकता है।अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो रहा है,तो डरें नहीं,बल्कि बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करें। याद रखिए,इस लड़ाई में आपकी जागरूकता ही आपका सबसे बड़ा हथियार है।
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