रायपुर, 30 मई . छत्तीसगढ़ में बाढ़ आदि नैसर्गिक विपत्तियों से निपटने हेतु गठित उच्चस्तरीय बाढ़ नियंत्रण समिति की बैठक आज शुक्रवार काे मंत्रालय महानदी भवन में अपर मुख्य सचिव वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ऋचा शर्मा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई. बैठक में बरसात के मौसम में राज्य के जिलों के विभिन्न स्थानों पर बाढ़ आने पर उससे निपटने की तैयारियों के संबंध में विचार-विमर्श किया गया.
बैठक में राज्य एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में माह जून में मानसून सक्रिय होने की संभावना है. इसलिए सभी जिलों में वर्षा की जानकारी संकलित की जा रही है. अधिकारियों ने बताया कि राज्यस्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना भी की गई है. इसका दूरभाष क्रमांक 0771-2223471 एवं फैक्स क्रमांक 0771-2223472 है. इसके अतिरिक्त बाढ़ नियंत्रण कक्ष से 0771-2221242 दूरभाष पर भी सम्पर्क किया जा सकता है. इसके अलावा जिलास्तर पर भी बाढ़ नियंत्रण कक्षों की स्थापना की गई है. बाढ़ की स्थिति को देखते हुए पहुंचविहीन क्षेत्रों में खाद्य सामग्री, नमक, केरोसिन, जीवन रक्षक दवाईयां, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा दलों का गठन सहित अन्य जरूरी सामग्री अभी से संग्रहित करने के निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारियों को दे दिए गए हैं.
बरसात के दिनों में पेयजल स्राेतों के आस-पास साफ-सफाई एवं वहां पर ब्लिचिंग पावडर की व्यवस्था करने के निर्देश लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को दिए गए हैं. इसी प्रकार से ऐसे क्षेत्रों की पहचान कर ली जाए. जहां प्रतिवर्ष प्रायः बाढ़ आती ही है. इन क्षेत्रों में सतत् निगरानी रखने एवं अवश्यकता पड़ने पर वहां के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और उनके ठहरने के लिए राहत शिविर आदि की समूचित योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं. बाढ़ से बचाव संबंधित उपकरणों की मरम्मत करने और जिन जिलों में मोटरबोट उपलब्ध है उनकी जानकारी शीघ्र ही राहत कार्यालय को दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं.
ऋचा शर्मा ने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में जर्जर भवनों की निगरानी लगातार की जाए. इन भवनों में निवासरत लोगों को अन्य सुरक्षित स्थानों पर बसाए जाने की भी व्यवस्था की जाए. ऐसे जिले जहां बड़ी नदियां बहती है वहां पर जलस्तर पर बराबर नजर रखी जाए. जलस्तर के खतरे के निशान पर पहुंचने की संभावना होने पर इसकी पूर्व सूचना राज्यस्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष तथा निचले जिलों को लगातार देने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. इसी तरह से बड़े जलाशयों पर कंट्रोल रूम स्थापित कर जलस्तर की जानकारी समय-समय पर शासन को उपलब्ध करायी जाए.
उच्चस्तरीय बाढ़ नियंत्रण समिति की बैठक में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अविनाश चम्पावत, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, आयुक्त मनरेगा तारण प्रकाश सिन्हा सहित गृह, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, लोक निर्माण, वित्त विभाग, जल संसाधन, ऊर्जा, जनसम्पर्क, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, नगरीय प्रशासन एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सहित नगर सेना एवं नागरिक सुरक्षा, रेलवे, दूरदर्शन, रेडक्रास सोसायटी, मौसम विज्ञान एवं भारत दूरसंचार निगम के अधिकारी शामिल हुए.
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/ चन्द्र नारायण शुक्ल
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