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मप्र के इंदौर के एमवाई अस्पताल में दो बच्चों की मौत को राहुल गांधी ने बताया हत्या

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इंदौर, 04 सितम्बर (Udaipur Kiran) । कांग्रेस के नेता एवं लाेकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश में इंदौर के महाराजा यशवंतराव अस्पताल (एमवाईएच) में चूहों के कुतरने से हुई दो बच्चों की मौत को लेकर राज्य की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर तीखा हमला करते हुए इसे हत्या करार दिया है। हालांकि अस्पताल के एनआईसीयू (नवजात गहन देखभाल इकाई) में हुई इस घटना काे लेकर उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि इस गंभीर मामले को लेकर तुरंत कार्रवाई की गई है।

राहुल गांधी ने गुरुवार को सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि इंदौर में मध्य प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में दो नवजात शिशुओं की चूहों के काटने से मौत-यह कोई दुर्घटना नहीं, यह सीधी-सीधी हत्या है। यह घटना इतनी भयावह, अमानवीय और असंवेदनशील है कि इसे सुनकर भी रूह कांप जाए। एक मां की गोद से उसका बच्चा छिन गया, सिर्फ इसलिए क्योंकि सरकार ने अपनी सबसे बुनियादी जिम्मेदारी नहीं निभाई। हेल्थ सेक्टर को जान-बूझकर प्राइवेट हाथों में सौंपा गया-जहां इलाज अब सिर्फ अमीरों के लिए रह गया है और गरीबों के लिए सरकारी अस्पताल अब जीवनदायी नहीं, मौत के अड्डे बन चुके हैं।

उन्होंने कहा कि प्रशासन हर बार की तरह कहता है- “जांच होगी”, लेकिन सवाल यह है-जब आप नवजात बच्चों की सुरक्षा तक नहीं कर सकते, तो सरकार चलाने का क्या हक़ है? प्रधानमंत्री मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री को शर्म से सिर झुका लेना चाहिए। आपकी सरकार ने देश के करोड़ों गरीबों से स्वास्थ्य का अधिकार छीन लिया है और अब मां की गोद से बच्चे तक छिनने लगा है। मोदी जी, यह आवाज़ उन लाखों मां-बाप की तरफ से उठ रही है जो आज सरकारी लापरवाही का शिकार हो रहे हैं। क्या जवाब देंगे? हम चुप नहीं रहेंगे। ये लड़ाई हर गरीब, हर परिवार, हर बच्चे के हक़ की है।

गौरतलब है कि इंदौर के एमवाई अस्पताल में बीते रविवार को चूहों ने दो नवजातों के हाथ कुतर दिए थे। इनमें से एक बच्चे की मौत सोमवार की रात और दूसरे बच्चे की मौत मंगलवार को हो गई थी। हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने चूहे के काटने के कारण मौत होने की बात से इनकार किया है। इस पूरे मामले पर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने डीन से स्पष्टीकरण मांगा है। एमवाई अस्पताल के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने दो नर्सिंग ऑफिसर को निलंबित कर दिया है। वहीं नर्सिंग सुपरिटेंडेंट को भी हटा दिया है। प्रभारी समेत कई लोगों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।

पीडियाट्रिक सर्जन डॉ. ब्रजेश लाहोटी ने बताया कि किसी भी स्थिति में चूहे के काटने से किसी की भी मौत नहीं होती। दोनों बच्चों की मौत गंभीर और जानलेवा बीमारियों के कारण हुई है। चूहे के काटने से बच्चों को इन्फेक्शन नहीं हुआ है। देवास निवासी रेहाना के बच्चे की मौत को लेकर डॉ. लाहोटी ने बताया कि उसके पेट में इन्फेक्शन था। उसका मल आंतों से निकलकर पेट में फैल रहा था, इस वजह से उसका संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा था। हमने उसकी सर्जरी की थी, बाद में उसे वेंटिलेटर पर भी रखना पड़ा। लेकिन संक्रमण बढ़ने से उसकी मौत हो गई। एमवाई अस्पताल में इस तरह के कई बच्चे आते हैं। खंडवा जिले के दूसरे बच्चे की मौत को लेकर डॉ. लाहोटी ने कहा कि उस बच्चे का वजन 1 किलो 400 ग्राम था। उसे जन्मजात बीमारियां थी। मल निकासी का रास्ता बंद था। उसके परिजन भर्ती करने के बाद छोड़कर चले गए। ऐसे बच्चों को ऑपरेशन करने के बाद भी नहीं बचाया जा सकता।

वहीं नवजात की मौत के मामले में बुधवार को मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने अस्पताल के अधीक्षक को जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने एक महीने में जांच कर रिपोर्ट सौंपने की बात कही है। इसके लिए उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाई गई है। कमेटी में डॉ. एसबी बंसल, डॉ. शशि शंकर शर्मा, डॉ. अरविंद शुक्ला, डॉ. निर्भय मेहता, डॉ. बसंत निगवाल और नर्सिंग ऑफिसर सिस्टर दयावती दयाल शामिल हैं। कमेटी जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपेगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि यह गंभीर मामला है, जिसको लेकर तुरंत कार्रवाई हुई है। आमतौर पर पेस्ट कंट्रोल सही समय पर कर दिया जाता तो चूहों नहीं रहते, लेकिन जिस प्रकार से चूहा दिख रहा है, इससे साफ है कि पेस्ट कंट्रोल नहीं किया गया। पेस्ट कंट्रोल करने वाली एजेंसी पर एक लाख का जुर्माना लगाया गया है और टर्मिनेट करने का नोटिस दिया गया है। नर्सिंग सुपरिटेंडेंट को हटाया गया है। दो नर्सिंग ऑफिसर को सस्पेंड किया गया है। शिशु रोग विभाग के एचओडी को नोटिस दिया गया है। लापरवाही करने वाले संबंधित कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है। इसकी पुनरावृति ना हो इस बात का ध्यान रखा जाएगा।

इधर, चिकित्सा शिक्षा आयुक्त तरुण राठी गुरुवार को इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज पहुंचे। उन्होंने डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया और एमवाई अस्पताल अधीक्षक डॉ. अशोक यादव समेत अन्य अफसरों के साथ बैठक की। राठी ने अस्पताल के पीडियाट्रिक यूनिट का दौरा भी किया। उन्होंने पेस्ट कंट्रोल एजेंसी और कंपनी के दस्तावेज देखे और बारीकी से एक-एक बिंदु की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जांच के लिए एक राज्य स्तरीय दल गठित किया गया है। यह भी जांच कर रहे हैं कि उनकी मौत में चूहों के काटने की क्या भूमिका है?———–

(Udaipur Kiran) तोमर

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