धमतरी, 26 अगस्त (Udaipur Kiran) । जिले में उच्च जोखिम श्रेणी में आने वाली गर्भवती महिलाओं का समुचित उपचार के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत हर महीने के नौ और 24 तारीख को जांच एवं परामर्श शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान के तहत जिला अस्पताल में अब तक 186 गर्भवती महिलाएं उपचार के लिए पहुंची है। जिसमें उच्च जोखिम श्रेणी के तहत 27 गर्भवती महिलाओं को चिन्हांकित किया गया है।
केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा नौ जून 2016 से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान सभी गर्भवती महिलाओं की निश्शुल्क जांच सुनिश्चित कर और प्रसव पूर्व देखभाल को लेकर गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदान करना है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को चिन्हांकित कर उचित उपचार का प्रबंधन करके मातृ एवं नवजात मृत्यु दर को कम करना है। इसी कड़ी में जिला अस्पताल में 24 जून से पीएमएसएमए दिवस के रूप मनाया जा रहा। हर महीने के नौ और 24 तारीख को जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में दिवस को डाक्टरों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। जहां गर्भवती महिलाओं का बीपी, शुगर, थायराइड आदि महत्वपूर्ण जांच कर उच्च जोखिम श्रेणी की गर्भवती महिलाओं को चिन्हांकित किया जा रहा है।
जिला अस्पताल में पीएमएसएमए दिवस के दौरान स्त्री रोग विशेषज्ञ डा तोमेश श्रीमाली और रागिनी ठाकुर एवं आयुष विशेषज्ञ चिकित्सक डा सरिता पचौरी द्वारा गर्भवती महिलाओं का गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य जांच कर उचित परामर्श दिया जा रहा है। इस अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके तहत मदर पिकनिक डे के रूप में प्रसव कक्ष में घुमाया जा रहा है। ताकि वे वहां के माहौल से अवगत होकर मानसिक रूप से प्रसव के लिए तैयार हो सके। जिला अस्पताल से मिली जानकारी अनुसार पीएमएसएमए दिवस के तहत 24 जून से 24 अगस्त तक 186 गर्भवती महिलाएं उपचार के लिए यहां पहुंची है। जिसमें उच्च जोखिम श्रेणी में 27 गर्भवती महिलाओं को चिन्हांकित किया गया है। जिसके बेहतर स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा