केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने जबलपुर को दी 4250 करोड़ रुपये से अधिक की नौ सड़क परियोजनाओं की सौगात
भोपाल, 23 अगस्त (Udaipur Kiran) । केन्द्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश को 2047 तक शक्तिशाली और विश्वगुरु बनाने के संकल्प के साथ कार्य जारी है। भारत अभी 22 लाख करोड़ रुपये का ईंधन आयात कर रहा है, लेकिन हाइड्रोजन हमारे भविष्य का ईंधन है। हाइड्रोजन के बल पर हम ऊर्जा का निर्यात करेंगे। हमारा अन्नदाता, ऊर्जा उत्पादक होगा और वह समृद्ध भी होगा। देश में केवल स्मार्ट शहर नहीं, स्मार्ट विलेज भी बनेंगे। गांव का युवा गांव में ही रोजगार पाए, यही हमारा सपना है।
केन्द्रीय मंत्री गडकरी शनिवार को मध्य प्रदेश के जबलपुर में सड़क परियोजनाओं के लोकार्पण-भूमिपूजन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ 4250 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली 174 किलोमीटर लंबी नौ सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इनमें प्रदेश का सबसे बड़ा दमोह नाका-रानीताल-मदनमहल-मेडिकल रोड फ्लायओवर भी शामिल है।
जबलपुर के महानद्दा में आयोजित कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने मध्य प्रदेश के लिये 60 हजार करोड़ से अधिक लागत की विभिन्न सड़क परियोजनाओं की भी घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश कृषि प्रधान राज्य है। देश में 2000 अमृत सरोवर बने हैं, जिनमें से 109 मध्य प्रदेश के हैं। इनसे निकली मिट्टी सड़कों के निर्माण में उपयोग की गई और मिट्टी निकालने से बनीं संरचनाओं को जल संचय कर आसपास के क्षेत्रों का भूजल स्तर बढ़ाने के लिए तालाब के रूप में उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जबलपुर में निर्मित रानी दुर्गावती फ्लाईओवर के लिए देश में पहली बार 1200 करोड़ रुपये का सीआरएफ (सेंट्रल रोड फंड) मंजूर किया गया है।
मप्र में हो रहा पांच ग्रीन फील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर का निर्माण
केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि मध्य प्रदेश के लिए तीन लाख करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाएं स्वीकृत की हैं, जिनमें से 75 हजार करोड़ के कार्य पूरे किए हैं और 65 हजार करोड़ के कार्य प्रगति पर हैं। आगामी समय में डेढ़ लाख करोड़ रुपये लागत से करीब ढाई हजार किलोमीटर के कार्य डीपीआर के लिए रखे हैं। मध्य प्रदेश में 33 हजार करोड़ रुपये की लागत से पांच ग्रीन फील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। इंदौर से हैदराबाद कॉरिडोर पर ओंकारेश्वर के पास नर्मदा नदी पर एक भव्य ब्रिज का निर्माण किया गया है। जल्द ही इसका उद्घाटन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उज्जैन-गरोठ 4 लेन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे, भोपाल से कानपुर 440 किलोमीटर लंबा 4 लेन इकोनॉमिक कॉरिडोर बनने पर 15 घंटे की यात्रा 8 घंटे में पूरी होगी। आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेस-वे का भूमिपूजन भी जल्द होगा। साढ़े 4 घंटे में ग्वालियर से दिल्ली पहुंचेंगे। दिल्ली से मुंबई के बीच बनाए जा रहे एक्सप्रेसवे में मध्य प्रदेश में 245 किलोमीटर का हिस्सा बनकर पूरा हो गया है। मुंबई में भी कार्य अंतिम चरण में है।
एक ही रोड से जुड़ेंगे कान्हा, बांधवगढ़, पन्ना और पेंच टाइगर रिजर्व
गडकरी ने कहा कि आज जबलपुर से 15 हजार करोड़ रुपये लागत की सड़क परियोजनाओं की घोषणा की जा रही है। जबलपुर से मंडला और छत्तीसगढ़ सीमा तक 2.5 हजार करोड़ रुपये का 150 किलोमीटर का 6 लेन के चौड़ीकरण का कार्य किया जाएगा, यह कार्य 6 महीने में शुरू होगा। सिवनी-छिंदवाड़ा-सावनेर 4 लेन चौड़ीकरण का कार्य 2.5 हजार करोड़ रुपये लागत से आगामी 6 माह में शुरू किया जाएगा। खरगोन-देशगांव-जुलवानिया मार्ग के 108 किलोमीटर 4 लेन चौड़ीकरण का कार्य 2300 करोड़ रुपये से किया जाएगा तथा महाराष्ट्र सीमा तक बैतूल-परसवाड़ा 2 लेन मार्ग को भी मंजूरी दी गई है। बालाघाट से मंडला के बीच बेहतर संपर्क के लिए सड़क बनाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में टाइगर कॉरिडोर बनाया जाएगा। इसके अंतर्गत जबलपुर से बांधवगढ़ तक 4600 करोड़ रुपये की लागत से 4 लेन सड़क बनाई जानी थी, जिसे बढ़ाकर अब 5500 करोड़ रुपये किया गया है। यह रोड कान्हा, बांधवगढ़, पन्ना और पेंच टाइगर रिजर्व को भी जोड़ेंगी। इससे मध्य प्रदेश के टूरिज्म, आर्थिक विकास और रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी होगी।
प्रदेश में जिला स्तर पर बनेंगे ड्राइविंग सेंटर, उज्जैन में 510 करोड़ की लागत से बनेगी नई सड़क और फ्लाईओवर
केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव से कहा कि भारत सरकार प्रदेश में जिला स्तर तक जल्द ड्राइविंग सेंटर आरंभ करने की इच्छुक है। इसके लिए प्रस्ताव राज्य सरकार की ओर से शीघ्रता से भेजे जाएं। केंद्र द्वारा इन्हें तत्काल स्वीकृति प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सीआरएफ फंड से 1500 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की घोषणा की जा रही है। इससे उज्जैन, जबलपुर और रीवा में नए फ्लाईओवर बनाए जाएंगे। उज्जैन में 510 करोड़ रुपये की लागत से नई सड़क और फ्लाई ओवर बनेंगे। अशोक नगर से विदिशा के बीच 96 करोड़ रुपये की लागत से सड़क बनाई जाएगी। उज्जैन में कालभैरव मंदिर की कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए ब्रिज बनाया जाएगा।
भोपाल से जबलपुर के बीच बनेगा नया ग्रीन फील्ड हाईवे
गडकरी ने कहा कि भोपाल से जबलपुर के बीच 255 किलोमीटर लंबा नया ग्रीन फील्ड हाईवे बनाया जाएगा, जिसकी लागत 15 हजार करोड़ रुपये होगी। इसके लिए डीपीआर दिसंबर तक पूर्ण कर लिया जाएगा। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण होने पर अप्रैल-मई 2026 से हाईवे निर्माण का कार्य शुरू किया जाएगा। लखनादौन से रायपुर के बीच 220 किलोमीटर लंबा 4 लेन हाईस्पीड कॉरिडोर, 10 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा, यह रायपुर-विशाखापट्टनम कॉरिडोर से कनेक्ट होगा। इस प्रकार मध्य प्रदेश सीधे विशाखापट्टनम बंदरगाह से जुड़ेगा। इंदौर से भोपाल 160 किलोमीटर ग्रीन फील्ड कॉरिडोर को स्वीकृति दी जा रही है। इसकी लागत 12 हजार करोड़ रुपये होगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में 2100 करोड़ रुपये की लागत से 7 रोपवे बनाए जा रहे हैं। इसमें उज्जैन स्टेशन से महाकाल मंदिर, जबलपुर में एम्पायर टॉकीज से गुरुद्वारा, जबलपुर में सिविक सेंटर से बड़ाफुआरा भी शामिल हैं। केंद्र सरकार ने वार्षिक पास जारी कर टोल को कम कर दिया है। इसका अच्छा रिस्पांस मिला है। एक साल के 3000 रुपये का पास दिया जा रहा है, जिससे 200 टोल नि:शुल्क क्रास किए जा सकेंगे।
उन्होंने कहा कि जबलपुर के नगरीय विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा समन्वित रूप से कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यात्री परिवहन सेवा को सुगम बनाया जायेगा। भविष्य में फ्लैश चार्जिग बसें चलाई जायेंगी। उन्होंने बताया कि नागपुर में फ्लैश चार्जिंग अत्यधुनिक बसें शुरू की गई हैं। इस 160 सीटर एसी बस में बस होस्टेस भी कार्यरत होंगी। बस का किराया डीजल बस की तुलना में 30 प्रतिशत कम होगा, बसों की क्षमता और सुविधाएं मेट्रो के समान होंगी। देश में अभी मेट्रो निर्माण में 500 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर खर्च आ रहा है। यह बस 2 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर में संचालित होती हैं। ये बसें जनसामान्य को राहत देंगी। आधुनिक बस और हाइवे नेटवर्क से यात्रियों का सफर आसान होगा। जिस प्रकार रोड नेटवर्क में सुधार हुआ है उसी प्रकार परिवहन के साधनों को भी विश्वस्तरीय किया जाएगा। अत्याधुनिक बस निर्माण परियोजना में टाटा समूह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाएगा। ईंधन के नए विकल्प आने से हमारी निर्भरता पेट्रोल-डीजल पर निरंतर कम होती जाएगी।_____________
(Udaipur Kiran) तोमर
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