-हरियालो राजस्थान के तहत पिछले वर्ष 7.5 करोड़ एवं इस वर्ष लगभग 11 करोड़ पौधारोपण हुआ
जयपुर, 27 अगस्त (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि पेड़ों की रक्षा के लिए मां अमृता देवी सहित 363 लोगों ने बलिदान दिया। विश्व में पर्यावरण संरक्षण के लिए ऐसा त्याग कहीं और देखने को नहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि खेजड़ी सिर्फ वृ़क्ष नहीं बल्कि औषधि भी है। कैर, सांगरी राजस्थान की पहचान है।
शर्मा बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में विश्नोई समाज के प्रतिनिधिमंडल से संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हरियालो राजस्थान के तहत 5 वर्ष में 50 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य तय किया है। इसी क्रम में पिछले वर्ष 7.5 करोड़ एवं इस वर्ष लगभग 11 करोड़ पौधे लगाए गए हैं। साथ ही, वन मित्र भी बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए हमारी सरकार ने नीतिगत निर्णय लिए हैं तथा आवश्यकता होने पर नियमों में उचित प्रावधान भी किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्नोई समाज ने पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण में सदैव आगे रहते हुए अनूठे उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। हर समाज, हर वर्ग विश्नोई समाज से पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा लेता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी विकास के साथ-साथ प्रकृति के संरक्षण में विभिन्न अभियानों के माध्यम से जनभागीदारी को बढ़ावा दे रही है।
शर्मा ने कहा कि हजारों वर्षों से हमारी संस्कृति में वृक्ष, पहाड़ और नदियों की पूजा की जाती है। सभी आमजन के लिए पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण पहली प्राथमिकता होनी चाहिए, जिससे प्रकृति का संतुलन भी बना रहे।
मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित इस संवाद में विश्नोई समाज के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश में पौधारोपण के लिए जापानी मियावाकी वृक्षारोपण तकनीक अपनाने एवं विकास परियोजनाओं में पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के लिए विशेष प्रावधान करने के संबंध में सुझावपत्र दिए। विश्नोई समाज के प्रबुद्धजन एवं साधु-संतों ने प्रदेश में चलाए जा रहे हरियालो राजस्थान अभियान के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का आभार भी व्यक्त किया।
इस अवसर पर उद्योग एवं वाणिज्य राज्यमंत्री कृष्ण कुमार के.के. विश्नोई, पूर्व मंत्री सुखराम विश्नोई, स्वामी भागीरथ दास शास्त्री, आचार्य संत गोरधनराम, महंत स्वामी भगवानदास, कृपाचार्य महाराज, भागीरथदास महाराज, स्वामी सदानंद, स्वामी ओंकारानंद, स्वामी श्यामदास सहित विभिन्न जनप्रतिनिधिगण एवं विश्नोई समाज के प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran)
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