धमतरी, 1 सितंबर (Udaipur Kiran) । गणेश पक्ष के दौरान मराठा समाज द्वारा माता महालक्ष्मी की ढाई दिवसीय विशेष पूजा का आयोजन होता है। यह पूजा 30 अगस्त से प्रारंभ होकर एक सितंबर को पारंपरिक रस्म के बीच समाप्त हुई। रविवार को 16 प्रकार के पकवान, चटनी और सब्जियों का भोग अर्पित किया गया।
महालक्ष्मी के दर्शन के लिए मराठा समाज के अलावा अन्य समाज के लोग भी पहुंचते हैं। एक सितंबर को समापन दिवस पर प्रकृति प्रदत्त 16 प्रकार की सामग्रियां जैसे फूल, पत्तियां और फल अर्पित किए गए। गोधूलि बेला में हल्दी कुमकुम और मुखौटा हिलाने की पारंपरिक रस्म पूरी करने के बाद विशेष पूजा का विधिवत समापन किया गया।
मराठा समाज के अध्यक्ष दीपक लोंढे ने बताया कि धमतरी शहर में मराठा समाज के 35 से अधिक परिवारों द्वारा मां लक्ष्मी की स्थापना की जाती है। इस आयोजन के दौरान समाज के लोग ढाई दिनों तक पूजा-पाठ करते हैं। जानकारी के अनुसार पहले दिन दोपहर के बाद महालक्ष्मी की मूर्ति के साथ उनके पुत्र-पुत्री की मूर्तियों को घरों में विधि-विधान से स्थापित किया गया। दूसरे दिन 16 तरह की मिठाई, सब्जी और 16 प्रकार की चटनी का भोग अर्पित किया। साथ ही 32 दीप जलाकर आरती की गई और ज्वार-आटे से बना प्रसाद तैयार किया गया। तीसरे दिन एक सितंबर को सुहागिन महिलाओं ने हल्दी-कुमकुम की रस्में अदा की। इसके बाद गोधूलि के समय मुखौटा हिलाने की परंपरा के साथ पर्व का समापन हुआ।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
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