उपराष्ट्रपति ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की जीवनी पर आधारित पुस्तक चुनौतियां मुझे पसंद हैं, का किया विमोचन
लखनऊ, 1 मई . उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की जीवनी पर आधारित पुस्तक चुनौतियां मुझे पसंद हैं का विमोचन करते हुए कहा कि ऐसी पुस्तक लिखना आसान नहीं है. ईमानदारी से लिखना और भी आसान नहीं है. यह पुस्तक प्रेरणादायक सिद्ध होगी. यह बात उन्होंने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही.
उपराष्ट्रपति ने कहा कि पहलगाम एक चुनौती प्रस्तुत करता है. हम भारतीय हैं, भारतीयता हमारी पहचान है. यही कारण है कि आज दुनिया भारत की ओर देख रही है. भारत के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनौतियों को स्वीकार किया. आज भारत में हर ओर शिक्षा, सुरक्षा, जल, सड़क और बिजली है. रोजगार है. सबसे खतरनाक चुनौती वो है जो हमें अपने से मिलती है. जिसका हम जिक्र नहीं कर सकते. हमारे पास बहुत बड़ी ताकत है. वह है हमारी सभ्यता. हमारे वेद हैं, भगवद्गीता, रामायण और महाभारत है. कभी भी कर्तव्यपथ से विमुख नहीं होना है. आज देश का बहुमुखी विकास हो रहा है. आर्थिक उन्नति हो रही है. ऐसे मौके पर भारत के समक्ष चुनौतियां आएंगी.
उन्होंने कहा कि चुनौतियों में मुंह नहीं मोड़ना है. लोग कहते हैं कि समय के साथ लोग भूल जाएंगे. लेकिन क्या आपातकाल को लोग भूल गए ? कोई भी अपराध हो, कानून के हिसाब से निपटारा होना चाहिए. उस पर पर्दा नहीं डाला जा सकता. अभिव्यक्ति और वाद-विवाद ही लोकतंत्र है. महत्वपूर्ण पदों पर टिप्पणी करना चिंतनीय है. मैने यह चिंता व्यक्त की है. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए कहा कि आठ साल में उत्तर प्रदेश की साढ़े बारह लाख करोड़ की इकोनॉमी को लगभग तीस लाख करोड़ तक पहुंचा दिया. यह शोध का विषय है. मेट्रो के मामले में भी उत्तर प्रदेश अव्वल है. छह शहरों में मेट्रो हैं. चुनौती के प्रति निष्क्रीयता दिखाना, कायरता की निशानी है.
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि जब तक हम गांव नहीं पहुंचते, तब तक हम यह नहीं समझ सकते कि हमें क्या करना है. मेरे पिता जी गांधीवादी थे. उनहोंने गांधी जी के विचारों को अपने जीवन में उतारा. वह खेती करते थे. मैं भी उनके साथ खेती करती थी. गौपालन किया जाता था. छाछ लोगों में बांट दिया जाता था. आज हम डेयरी से छाछ लेते हैं. इतनी डेरियां हो गयी हैं कि बच्चों के मुंह से दूध-दही छिन गया है. वह समय वापस आना चाहिए. उन्होंने अपने भतीजे के 14 साल की आयु में विवाह के विरोध में पुलिस को बुलाने की घटना के बारे में सुनाया. उन्होंने कहा कि बाल विवाह हमें रोकना चाहिए. बच्चों के जीवन को बर्बाद करने का किसी को अधिकार नहीं है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विनय जोशी व अन्य ने मिलकर आनंदी बेन पटेल की जीवनी पर आधारित पुस्तक लिखी है. जिस प्रकार से समुद्र मंथन में चौदह रत्न निकले, उसी प्रकार इस ग्रंथ में 14 अध्याय हैं. सभी अध्याय एक रत्न हैं. जो चुनौतियों को स्वीकार करते हैं, वही निखरते हैं. जो भागते हैं वे बिखर जाते हैं. गुजरात के एक छोटे परिवार में जन्म लेकर आज से सात दशक पहले स्कूल जाना और पढ़ना, एक कल्पना थी. मां-बाप के संस्कार, उनका संघर्ष बच्चे को आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है. यही भाव आनंदी बेन पटेल को एक शिक्षिका, प्रधानाचार्य, विधान सभा, राज्यसभा के सदस्य, गुजरात सरकार में मंत्री, मुख्यमंत्री और आज देश के सबसे बड़े राज्य के राज्यपाल के रूप में हम सब देख रहे हैं. उनका मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है. यह पुस्तक नई पीढ़ी के लिए अपने आप में नई प्रेरणा होगी.
इस मौके पर स्वामी चिदानंद सरस्वती, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्र, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी, मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, धर्मपाल सिंह, नंद गोपाल गुप्ता नंदी, एके शर्मा, संजय निषाद, आशीष पटेल समेत अन्य मंत्री, विधायक व अन्य गणमान्य मौजूद रहे.
/ दिलीप शुक्ला
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