मयंक त्रिगुण, वरिष्ठ संवाददाता
UP Panchayat Elections 2026-यूपी पंचायत चुनाव 2026 नामांकन शुल्क और खर्च की सीमा तय!!
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले पंचायत चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने ग्राम पंचायत सदस्य से लेकर ग्राम प्रधान तक सभी पदों के लिए नामांकन शुल्क, जमानत राशि और चुनावी खर्च की सीमा तय कर दी है। ये नियम सभी उम्मीदवारों पर लागू होंगे, चाहे वो सामान्य वर्ग के हों या आरक्षित श्रेणी के। अब कोई भी उम्मीदवार मनमाने पैसे नहीं खर्च कर सकेगा। चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि ज्यादा खर्च करने पर सख्त कार्रवाई होगी। ये फैसला पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
ग्राम पंचायत सदस्य से लेकर ग्राम प्रधान तक पदों के लिए खर्च व शुल्क निर्धारित!!
चुनाव लड़ने की चाह रखने वालों के लिए अच्छी खबर है कि शुल्क ज्यादा नहीं रखा गया है, ताकि आम आदमी भी मैदान में उतर सके। ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए सामान्य उम्मीदवारों को नामांकन शुल्क सिर्फ 200 रुपये देने होंगे, जबकि जमानत राशि 800 रुपये होगी। अगर आप एससी, एसटी, ओबीसी या महिला उम्मीदवार हैं, तो राहत मिलेगी – नामांकन शुल्क मात्र 100 रुपये और जमानत 400 रुपये। इसी तरह ग्राम प्रधान पद के लिए सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 600 रुपये नामांकन शुल्क और 3000 रुपये जमानत देनी पड़ेगी। आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए ये आधा है – 300 रुपये शुल्क और 1500 रुपये जमानत। ये राशि जमानत के रूप में जमा होगी, जो चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद वापस मिल सकती है, बशर्ते उम्मीदवार नियमों का पालन करें।
नामांकन पत्र शुल्क और जमानत राशि तय की गई!!
नामांकन पत्र दाखिल करने का प्रोसेस अब और आसान हो गया है। उम्मीदवारों को निर्धारित शुल्क के साथ फॉर्म जमा करना होगा। जमानत राशि ये सुनिश्चित करती है कि सिर्फ गंभीर उम्मीदवार ही चुनाव लड़ें। अगर कोई उम्मीदवार नामांकन वापस ले लेता है या वैध वोटों का न्यूनतम प्रतिशत नहीं पाता, तो जमानत जब्त हो सकती है। चुनाव आयोग ने ये नियम पुराने अनुभवों से सीखकर बनाए हैं, ताकि फर्जी उम्मीदवारों पर लगाम लगे। पूरे राज्य में एक समान नियम लागू होंगे, चाहे गांव छोटा हो या बड़ा।
ग्राम पंचायत सदस्य पद…
ग्राम पंचायत सदस्य पद सबसे बेसिक लेवल का है, जहां गांव की छोटी-छोटी समस्याओं का समाधान होता है। यहां सामान्य उम्मीदवारों के लिए नामांकन शुल्क 200 रुपये और जमानत 800 रुपये रखी गई है। एससी, एसटी, ओबीसी और महिला उम्मीदवारों को छूट मिली है – शुल्क 100 रुपये और जमानत 400 रुपये। ये पद गांव के विकास की नींव होते हैं, इसलिए ज्यादा से ज्यादा लोग हिस्सा लें, यही मकसद है। महिलाओं को विशेष प्रोत्साहन देने के लिए शुल्क आधा रखा गया है, ताकि वो आगे आएं और गांव की राजनीति में अपनी भूमिका निभाएं।
सामान्य उम्मीदवार शुल्क ₹200 जमानत ₹800
सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए ये राशि मामूली है। 200 रुपये शुल्क देकर नामांकन पत्र लिया जा सकता है और 800 रुपये जमानत जमा करानी होगी। ये पैसे चुनाव कार्यालय में जमा होते हैं और प्रक्रिया पूरी होने पर वापस मिल जाते हैं। कई उम्मीदवारों का कहना है कि ये राशि जेब पर बोझ नहीं डालती, बल्कि चुनाव को गंभीर बनाती है।
SC/ST/OBC/महिला उम्मीदवार शुल्क ₹100 जमानत ₹400
आरक्षित श्रेणी और महिलाओं के लिए राहत भरा फैसला। सिर्फ 100 रुपये में नामांकन और 400 रुपये जमानत। सरकार का मकसद है कि पिछड़े वर्ग और महिलाएं बिना आर्थिक बाधा के चुनाव लड़ सकें। पिछले चुनावों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है, और ये नियम उसे और बूस्ट देंगे।
ग्राम प्रधान पद…
ग्राम प्रधान गांव का मुखिया होता है, जो पंचायत के फैसले लेता है। इस पद के लिए शुल्क थोड़ा ज्यादा है, क्योंकि जिम्मेदारी भी बड़ी है। सामान्य उम्मीदवारों को 600 रुपये नामांकन शुल्क और 3000 रुपये जमानत देनी होगी। आरक्षित उम्मीदवारों के लिए 300 रुपये शुल्क और 1500 रुपये जमानत। प्रधान बनने का सपना देख रहे युवाओं के लिए ये मौका है, लेकिन नियमों का पालन जरूरी।
सामान्य उम्मीदवार शुल्क ₹600 जमानत ₹3000
सामान्य वर्ग के लिए 600 रुपये शुल्क और 3000 रुपये जमानत। ये राशि प्रधान पद की गरिमा के अनुरूप है। उम्मीदवारों को सलाह है कि जल्दी तैयारी शुरू करें, क्योंकि नामांकन की तारीखें नजदीक आएंगी।
आरक्षित उम्मीदवार शुल्क ₹300 जमानत ₹1500
आरक्षित वर्ग को फिर छूट – 300 रुपये शुल्क और 1500 रुपये जमानत। ये समानता की दिशा में कदम है।
चुनाव में उम्मीदवार अधिकतम ₹1,25,000 तक खर्च कर सकेंगे!!
सबसे बड़ा नियम – कोई उम्मीदवार 1.25 लाख रुपये से ज्यादा खर्च नहीं कर सकेगा। इसमें प्रचार, पोस्टर, मीटिंग, वाहन सब शामिल। इससे अमीर-गरीब का फर्क खत्म होगा और चुनाव साफ-सुथरा रहेगा। उल्लंघन पर उम्मीदवारी रद्द हो सकती है। आयोग ने खर्च की डिटेल रिपोर्ट मांगने का प्रावधान भी किया है। उम्मीदवारों को हर खर्च का बिल रखना होगा। ये सीमा सभी पदों के लिए एक समान है, चाहे सदस्य हो या प्रधान। छोटे गांवों में ये राशि काफी है, जबकि बड़े में भी यही लागू। पिछले चुनावों में खर्च की होड़ से परेशानी हुई थी, अब वो नहीं होगी। उम्मीदवारों से अपील है कि पारदर्शी तरीके से प्रचार करें। ये नियम 2026 पंचायत चुनावों से लागू होंगे। राज्य भर में लाखों उम्मीदवार प्रभावित होंगे। महिलाओं और आरक्षित वर्ग को प्रोत्साहन मिलेगा। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर पूरी डिटेल उपलब्ध है। तैयारी शुरू करने वालों के लिए ये गाइडलाइन जरूरी है।
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