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गांधी जी के बिना अधूरा है भारत का विकास, जानें क्यों!

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तबस्सुम अब्बास (शिक्षिका)

महात्मा गांधी का जीवन आज भी हर भारतीय के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है। उनके सत्य और अहिंसा के रास्ते ने न सिर्फ भारत को आजादी दिलाई, बल्कि समाज में समानता, गरीबी मिटाने और स्वदेशी को बढ़ावा देने का रास्ता भी दिखाया। गांधी जी का मानना था कि सच्ची आजादी सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि नैतिक, सामाजिक और व्यक्तिगत स्तर पर भी जरूरी है।

आधुनिक भारत और गांधी जी के सपने

आज का भारत तेजी से बदल रहा है। टेक्नोलॉजी, उद्योग और शिक्षा के क्षेत्र में हम हर दिन नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। लेकिन गांधी जी के विचार हमें बार-बार याद दिलाते हैं कि विकास का मतलब सिर्फ इमारतें, सड़कें या तकनीक नहीं है। उनके लिए असली विकास वही है, जिसमें नैतिकता, अहिंसा और समाज के लिए सेवा का भाव हो। स्वच्छ भारत अभियान, ग्रामीण विकास, महिलाओं के अधिकार और ‘मेक इन इंडिया’ जैसी योजनाएं गांधी जी के विचारों का आधुनिक रूप हैं। ये पहल उनके सपनों को साकार करने की दिशा में कदम हैं।

गांधी जी का संदेश आज भी प्रासंगिक

गांधी जी ने हमेशा सहिष्णुता, सत्य और समानता को समाज की नींव माना। उनका मानना था कि बिना इन मूल्यों के कोई भी समाज अधूरा है। आज जब भारत एक प्रगतिशील और समृद्ध देश बनने की राह पर है, गांधी जी के ये आदर्श हमें सही रास्ता दिखाते हैं। उनके विचारों को अपनाकर ही हम एक ऐसा भारत बना सकते हैं, जो न सिर्फ आर्थिक रूप से मजबूत हो, बल्कि नैतिक और सामाजिक रूप से भी समृद्ध हो।

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