त्योहारों का मौसम शुरू होने वाला है, और केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों और पेंशनधारियों के लिए बड़ा सरप्राइज लेकर आ रही है! खबर है कि सरकार महंगाई भत्ते (DA) में 3% की बढ़ोतरी करने जा रही है। इस फैसले से देश के 1.2 करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। सूत्रों की मानें तो इसकी आधिकारिक घोषणा अक्टूबर में, यानी दिवाली से पहले हो सकती है।
अभी कितना है महंगाई भत्ता?मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने इस बार दिवाली के मौके पर कर्मचारियों को राहत देने के लिए DA बढ़ोतरी का ऐलान करने का फैसला किया है। अभी केंद्रीय कर्मचारियों को 55% महंगाई भत्ता मिल रहा है, जो इस बढ़ोतरी के बाद 58% हो जाएगा। यह फैसला कर्मचारियों और पेंशनधारियों को त्योहारी सीजन में अतिरिक्त आर्थिक सहायता देगा।
कब से लागू होगी यह बढ़ोतरी?यह DA बढ़ोतरी जुलाई 2025 से लागू मानी जाएगी। इसका मतलब है कि कर्मचारियों और पेंशनधारियों को जुलाई से सितंबर तक का एरियर भी मिलेगा। अक्टूबर की सैलरी में यह बढ़ोतरी दिखाई देगी, जिससे कर्मचारियों के चेहरे पर रौनक और जेब में राहत आएगी।
हर साल दो बार DA में इजाफाकेंद्र सरकार हर साल दो बार महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी करती है। पहली बार जनवरी से जून की अवधि के लिए, जो आमतौर पर होली से पहले लागू होती है। दूसरी बार जुलाई से दिसंबर के लिए, जो दिवाली से पहले लागू होती है। पिछले साल 2024 में भी सरकार ने दिवाली से दो हफ्ते पहले DA बढ़ोतरी का ऐलान किया था। इस साल भी 20 या 21 अक्टूबर को पड़ने वाली दिवाली से पहले यह खुशखबरी आएगी।
कर्मचारियों की दिवाली होगी और भी खासइस बढ़ोतरी से केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में अच्छा-खासा इजाफा होगा, जिससे वे अपने परिवार के साथ और धूमधाम से दिवाली मना सकेंगे। यह कदम न सिर्फ कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि त्योहारी सीजन में उनकी खुशियों को भी दोगुना कर देगा।
You may also like
सोशल मीडिया पर प्रतिबंध तुरंत हटाया जाना चाहिए: नेपाल के पूर्व उप पीएम महतो (आईएएनएस साक्षात्कार)
यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस में भारतीय डाक और जापान डाक के बीच सहयोग की रूपरेखा तैयार
हाई कोर्ट के पूर्व जजों ने लिखा पत्र, बी. सुदर्शन रेड्डी और लालू यादव की मुलाकात पर जताई आपत्ति
मुस्लिम समाज को हठधर्मिता छोड़ना चाहिए: श्रीराज नायर
ब्रिक्स सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उठाए व्यापार पैटर्न और बाजार पहुंच के मुद्दे