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EPFO की बड़ी बैठक में कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, जानें क्या हुआ फैसला!

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लखनऊ: कानपुर में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की उत्तर प्रदेश क्षेत्रीय समिति की 117वीं बैठक का आयोजन हुआ। इस बैठक की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (श्रम) डॉ. एम. के. शन्मुगा सुन्दरम् ने की। इसमें नियोक्ता और कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। बैठक में श्रमिकों के हित में कई बड़े फैसले लिए गए, जो कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए राहत लेकर आएंगे।

रोजगार मेले और सामाजिक सुरक्षा पर जोर

प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए कि राज्य सरकार द्वारा आयोजित रोजगार मेलों, निवेश समिट और एक्सपो में ईपीएफओ की सक्रिय भागीदारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए उत्तर प्रदेश सेवा निगम के साथ बेहतर तालमेल बनाया जाए। इसके अलावा, हर महीने की 27 तारीख को होने वाले ‘निधि आपके निकट’ कार्यक्रम को सभी जिलों में जिला कलेक्ट्रेट, जिला उद्योग कार्यालय या श्रम आयुक्त कार्यालय जैसे प्रमुख स्थानों पर आयोजित करने का आदेश दिया गया।

संविदा कर्मचारियों के लिए पारदर्शिता

संविदा कर्मचारियों की भविष्य निधि (पीएफ) की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए प्रमुख सचिव ने प्रधान नियोक्ता पोर्टल पर पंजीकरण बढ़ाने पर जोर दिया। इससे संविदा कर्मचारियों को पीएफ का लाभ आसानी से मिल सकेगा। साथ ही, राज्य सरकार के विभागों और निकायों से जुड़े भविष्य निधि के बकाया और लंबित कोर्ट मामलों को जल्द सुलझाने के लिए सर्वोच्च स्तर पर चर्चा और जरूरी कदम उठाने का आश्वासन दिया गया।

पीएम विकसित भारत योजना पर चर्चा

बैठक में भारत सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना को उत्तर प्रदेश में सफलतापूर्वक लागू करने पर भी विचार-विमर्श हुआ। प्रमुख सचिव ने सुझाव दिया कि अगर कोई प्रतिष्ठान बंद होता है, तो उसकी जानकारी तुरंत भविष्य निधि कार्यालय को दी जाए। इससे प्रभावित कर्मचारियों को समय पर पीएफ और पेंशन की सुविधाएं मिल सकेंगी।

ईपीएफओ के आंकड़े: कितना हुआ भुगतान?

उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 41,37,654 भविष्य निधि के सक्रिय खाते हैं। चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 21,60,155 दावों का निपटारा किया गया है, जिसमें कुल ₹6061.92 करोड़ का भुगतान हुआ है। इस दौरान 27,887 नए प्रतिष्ठान ईपीएफओ के दायरे में शामिल हुए, जिनमें नोएडा से 13,811, मेरठ से 3,264 और लखनऊ से 3,063 प्रतिष्ठान शामिल हैं। साथ ही, 17.82 करोड़ रुपये की वर्तमान मांग और 60.76 करोड़ रुपये की बकाया मांग वसूल की गई। धारा 7ए के तहत 45 और धारा 14बी/7क्यू के तहत 686 मामलों का निपटारा भी किया गया।

पेंशनर्स के लिए जीवन प्रमाण-पत्र पर जोर

बैठक में बताया गया कि उत्तर प्रदेश में 6.5 लाख ईपीएस-1995 पेंशनर्स में से करीब 1.41 लाख ने अभी तक अपने जीवन प्रमाण-पत्र जमा नहीं किए हैं। प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए कि पेंशनर्स तक पहुंचने के लिए जिलाधिकारियों के माध्यम से राजस्व मशीनरी का इस्तेमाल किया जाए ताकि सभी पेंशनर्स के प्रमाण-पत्र समय पर जमा हो सकें।

नए जिला कार्यालयों की जरूरत

ईपीएफओ के राज्य प्रभारी और अपर केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त उदय बक्शी ने सहारनपुर, अलीगढ़ और मुजफ्फरनगर में नए जिला कार्यालयों के लिए जमीन की जरूरत पर चर्चा की। इस पर प्रमुख सचिव ने संबंधित जिलाधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

बैठक में कौन-कौन शामिल हुआ?

बैठक में भारतीय मजदूर संघ, इंटक, हिन्द मजदूर सभा और भारतीय इंडस्ट्री एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश सरकार के श्रम विभाग और ईपीएफओ के 10 कार्यालयों के प्रभारी अधिकारी मौजूद रहे। अंत में क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त (प्रथम) शाहिद इकबाल ने सभी का धन्यवाद दिया।

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